रांची: पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी ने गुरुवार को रांची व्यवहार न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है. लगातार बढ़ रही पुलिस की दबिश और गिरफ्तारी के डर से जमानत याचिका दायर की गई. सुनील तिवारी ने अपने ऊपर लगे आरोप को निराधार बताते हुए अपने अधिवक्ता के माध्यम से जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है.
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सुनील तिवारी की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही पुलिस
बीते 21 अगस्त को ही रांची व्यवहार न्यायालय के अपर आयुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने सुनील तिवारी के खिलाफ वारंट जारी किया है. इसके बाद रांची पुलिस उनकी गिरफ्तारी को लेकर लगातार दबिश दे रही है. पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपी सुनील तिवारी ने रांची व्यवहार न्यायालय में जमानत याचिका दायर की है. अब जमानत पर सुनवाई होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि पूर्व मुख्यमंत्री के सलाहकार और दुष्कर्म के आरोपी सुनील तिवारी की मुश्किलें कम होती है या फिर वे जेल जाएंगे.
16 अगस्त को दर्ज हुआ था केस
यौन शोषण और दुष्कर्म के आरोपों से घिरे सुनील तिवारी के ऊपर लगे आरोपों की जांच कर रहे पदाधिकारी ने इस मामले में जांच की रफ्तार तेज कर दी है और मामले में जांच अधिकारी के द्वारा कोर्ट से वारंट प्राप्त कर लिया है. अदालत के द्वारा सुनील तिवारी के खिलाफ वारंट जारी कर दिया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी के खिलाफ रांची के अरगोड़ा थाने में 16 अगस्त को ही केस दर्ज कर लिया गया था. इस मामले में पुलिस ने बेड़ो डीएसपी को केस का अनुसंधानक बनाया है.
सुनील तिवारी पर एक महिला ने दुष्कर्म समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं और इस मामले में महिला के द्वारा अरगोड़ा थाने में केस दर्ज कराया गया है. जिसकी जांच रांची पुलिस कर रही है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पीड़िता का बयान भी दर्ज हो चुका है. इस प्रकरण में लगातार नए मोड़ सामने आ रहे हैं. महिला के परिजनों के द्वारा इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट में हेवियस कॉर्पस भी दायर की गई है. इतना ही नहीं इस प्रकरण के सामने आने के बाद भाजपा के कई नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की और सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई तरह की बयानबाजी भी हुई है.