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Liquor Smuggling: माफिया हर मोड़ पर बदल देते हैं सिम-मोबाइल, 100-150 किलोमीटर पर बदल जाते हैं खलासी-ड्राइवर - Jharkhand News

शराब माफिया अपने गोरखधंधा को जारी रखने के लिए हर बार कोई न कोई नई तरकीब निकाल लेते हैं. शराब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई के दौरान पलामू पुलिस ने खुलासा किया है कि माफिया हर मोड़ पर सिम और मोबाइल बदल देते हैं. इसके साथ की कुछ दूरी पर ड्राइवर और खलासी भी बदल दिए जाते हैं.

Palamu police revealed techniques of Liquor Smuggling
डाक पार्सल से शराब की तस्करी
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Published : Jan 14, 2023, 9:41 PM IST

Updated : Jan 14, 2023, 10:23 PM IST

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पलामू: अवैध शराब के कारोबार का नेटवर्क काफी बड़ा है. शराब की तस्करी के लिए माफिया नई-नई तरकीब अपना रहे हैं. गिरोह से जुड़े हुए लोग फर्जी नामो पर लिए गए सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं हर मोड़ पर तस्कर मोबाइल और सिम को बदल देते हैं. कुछ दिनों पहले पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि शराब माफिया तस्करी के लिए 100 से 150 किलोमीटर पर ड्राइवर और खलासी को बदल देते हैं.

ये भी पढ़ें: देवघर में तस्कर गिरफ्तार, 40 बोतल अवैध शराब जब्त

शराब तस्कर गाड़ियों की रीमॉडलिंग करने के बाद उसके ड्राइवर और खलासी को एक मोबाइल और नंबर देते हैं. यह मोबाइल और नंबर एक निश्चित जगह पर जाने के बाद बदल दिया जाता है. निश्चित जगह पर ड्राइवर को नया नंबर और मोबाइल दिया जाता है. करीब 100 से 150 किलोमीटर सफर करने के बाद ड्राइवर और खलासी भी बदल दिए जाते हैं. नए ड्राइवर और खलासी को पुराने ड्राइवर और खलासी से नंबर मिलते हैं.


अब हो रहा डाक पार्सल वैन का इस्तेमाल: पलामू पुलिस की कार्रवाई में कई तथ्यों का खुलासा हुआ है. पलामू के छतरपुर में कुछ दिनों पहले पुलिस ने चेकिंग अभियान के दौरान एक डाक पार्सल की गाड़ी को रोका था. चेकिंग में देखा गया कि डाक पार्सल के माध्यम से शराब की तस्करी हो रही है. शराब तस्कर के पास से मोबाइल और सिम बरामद हुआ था. ड्राइवर बिहार के पटना के इलाके का रहने वाला है, उसी ने पुलिस को मोबाइल और सिम के इस्तेमाल को लेकर जानकारी दी है. पलामू रेंज में पिछले दो वर्षो के अंदर 20 हजार लीटर से अधिक अवैध शराब पकड़े गये हैं, जबकि 35 से अधिक तस्कर गिरफ्तार हुए हैं. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि तस्कर फर्जी नामों पर लिए गए सिम का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि वे हर जंक्शन पर ड्राइवर खलासी के साथ-साथ कई चीजों को बदल देते हैं. पुलिस मामले में हाई अलर्ट पर है और उन पर निगरानी रखे हुए हैं.

शराब माफियाओं के कौन-कौन से तारीके पकड़े जा चुके है: पुलिस की कार्रवाई में इस बात का खुलासा है शराब माफिया ट्रक की रीमॉडलिंग कर रहे हैं. माफिया ट्रक के चेचिस में स्लाइडर लगा रहे हैं, बाद में ट्रक में अंदर चोकर या भूसा भर दिया जाता है. छोटी गाड़ियों के सीट के अंदर गद्दी को हटाकर शराब रखा जाता है और तस्करी की जाती है. शराब माफिया प्रत्येक 100 से 150 किलोमीटर की दूरी पर ड्राइवर और खलासी को बदल देते हैं. इससे पहले कई जगह इनके जंक्शन बने हुए होते हैं, जंहा पर ट्रकों को बदल दिया जाता है.

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पलामू: अवैध शराब के कारोबार का नेटवर्क काफी बड़ा है. शराब की तस्करी के लिए माफिया नई-नई तरकीब अपना रहे हैं. गिरोह से जुड़े हुए लोग फर्जी नामो पर लिए गए सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं हर मोड़ पर तस्कर मोबाइल और सिम को बदल देते हैं. कुछ दिनों पहले पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि शराब माफिया तस्करी के लिए 100 से 150 किलोमीटर पर ड्राइवर और खलासी को बदल देते हैं.

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शराब तस्कर गाड़ियों की रीमॉडलिंग करने के बाद उसके ड्राइवर और खलासी को एक मोबाइल और नंबर देते हैं. यह मोबाइल और नंबर एक निश्चित जगह पर जाने के बाद बदल दिया जाता है. निश्चित जगह पर ड्राइवर को नया नंबर और मोबाइल दिया जाता है. करीब 100 से 150 किलोमीटर सफर करने के बाद ड्राइवर और खलासी भी बदल दिए जाते हैं. नए ड्राइवर और खलासी को पुराने ड्राइवर और खलासी से नंबर मिलते हैं.


अब हो रहा डाक पार्सल वैन का इस्तेमाल: पलामू पुलिस की कार्रवाई में कई तथ्यों का खुलासा हुआ है. पलामू के छतरपुर में कुछ दिनों पहले पुलिस ने चेकिंग अभियान के दौरान एक डाक पार्सल की गाड़ी को रोका था. चेकिंग में देखा गया कि डाक पार्सल के माध्यम से शराब की तस्करी हो रही है. शराब तस्कर के पास से मोबाइल और सिम बरामद हुआ था. ड्राइवर बिहार के पटना के इलाके का रहने वाला है, उसी ने पुलिस को मोबाइल और सिम के इस्तेमाल को लेकर जानकारी दी है. पलामू रेंज में पिछले दो वर्षो के अंदर 20 हजार लीटर से अधिक अवैध शराब पकड़े गये हैं, जबकि 35 से अधिक तस्कर गिरफ्तार हुए हैं. पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पुलिस की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि तस्कर फर्जी नामों पर लिए गए सिम का इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि वे हर जंक्शन पर ड्राइवर खलासी के साथ-साथ कई चीजों को बदल देते हैं. पुलिस मामले में हाई अलर्ट पर है और उन पर निगरानी रखे हुए हैं.

शराब माफियाओं के कौन-कौन से तारीके पकड़े जा चुके है: पुलिस की कार्रवाई में इस बात का खुलासा है शराब माफिया ट्रक की रीमॉडलिंग कर रहे हैं. माफिया ट्रक के चेचिस में स्लाइडर लगा रहे हैं, बाद में ट्रक में अंदर चोकर या भूसा भर दिया जाता है. छोटी गाड़ियों के सीट के अंदर गद्दी को हटाकर शराब रखा जाता है और तस्करी की जाती है. शराब माफिया प्रत्येक 100 से 150 किलोमीटर की दूरी पर ड्राइवर और खलासी को बदल देते हैं. इससे पहले कई जगह इनके जंक्शन बने हुए होते हैं, जंहा पर ट्रकों को बदल दिया जाता है.

Last Updated : Jan 14, 2023, 10:23 PM IST
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