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पलामू पुलिस के लिए चुनौती थी बैंक लॉकर घोटाला का खुलासा, कुछ ही घंटों में किया था पर्दाफाश

पलामू पुलिस ने बैंक लॉकर घोटाला मामले का खुलासा कुछ ही घंटों में कर लिया (Police disclosed bank locker scam in few hours). घोटाले के आरोप में एक दर्जन से अधिक आरोपी पलामू सेंट्रल जेल में आज भी बंद है. साथ ही पुलिस ने घोटाले में गायब हुए सोने के जेवरात को भी बरामद कर लिया है. दरअसल इस घोटाले में बैंक कर्मी और कई कारोबारी शामिल थे.

bank locker scam in Palamu
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Published : Dec 16, 2022, 7:32 PM IST

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पलामू: 2022 में पलामू पुलिस ने बेहतरीन अनुसंधान और टीम वर्क से कई घटनाओं का उद्भेदन किया है. साथ ही कई घटनाओं को रोकने में सफलता पाई है. पूरे वर्ष की बात करें तो पलामू पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी, बैंक लॉकर घोटाला का अनुसंधान. पलामू पुलिस ने बेहतरीन अनुसंधान और टीम वर्क दिखाते हुए कुछ ही घंटों में इस घोटाले का खुलासा किया (Police disclosed bank locker scam in few hours). इस मामले में बैंक के मैनेजर, डिप्टी मैनेजर समेत 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.

यह भी पढ़ें: पलामू में बैंक लॉकर घोटाले का पूरा सचः जानिए, कैसे और किसने रची थी साजिश

आरोपी गिरफ्तार, जेवरात बरामद: पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती लॉकर से गायब हुए सोने के जेवरात को बरामद करना और घोटाले में शामिल एक- एक व्यक्ति को गिरफ्त में लेना था. पुलिस ने घोटाले से जुड़े हुए सभी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया और गायब हुए सोने के जेवरात को भी बरामद कर लिया. घोटाले के आरोप में एक दर्जन से अधिक आरोपी पलामू सेंट्रल जेल में आज भी बंद है.

घोटाले में बैंक अधिकारी शामिल: पलामू के एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती थी. इस घोटाले में खुद बैंक अधिकारी शामिल थे. जिस कारण पुलिस को कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ा था. मामले में पुलिस ने बेहतरीन अनुसंधान करते हुए घोटाले से जुड़े हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया और जेवरात को भी बरामद कर लिया.

लाखों के जेवरात हुए थे गायब: यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में एक कृषि वैज्ञानिक अपने बैंक का लॉकर चेक करने पहुंचे थे. उनका लॉकर नहीं खुला था. बाद में तकनीशियन के माध्यम से उन्होंने अपने लॉकर को खोला तो पाया कि पूरा जेवरात उनके लॉकर से गायब है. पूरे मामले में पुलिस ने अनुसंधान करते हुए बैंक के डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार को हिरासत में लिया था. घटना की जानकारी मिलने के बाद बैंक के ग्राहक जो लॉकर की सुविधा ले रहे थे, वे बैंक पहुंचे थे. करीब आधा दर्जन ग्राहकों का बैंक का लॉकर नहीं खुल पाया.

जेवरात को दुकानों में गिरवी रखा: बैंक के टॉप अधिकारियों पुलिस की मौजूदगी में ग्राहकों के लॉकर को खोला गया. नगद और जेवरात गायब मिला. दरअसल यह पूरा घोटाला मामला बैंक के डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार से जुड़ा हुआ था. पुलिस अधिकारियों के समक्ष उसने कई बड़े खुलासे किए. उसने पुलिस को बताया है कि बैंको से जेवरात को गायब करने के बाद विभिन्न दुकानदारों को उसने गिरवी पर दिया था.

मामले में बैंक मैनेजर गिरफ्तार: पुलिस ने मामले में मेदिनीनगर टाउन थाना में एफआईआर नंबर 260/21 में कई आरोपी जेल में बंद है. पलामू पुलिस ने पूरे मामले में मैनेजर गंधर्व, डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार, चाबी बनाने वाले मकबूल अंसारी, जेवरात को गिरवी रख कर ब्याज पर रुपए कमाने वाले प्रशांत पिंटू उर्फ सोनी, राजेश गुप्ता वसीम, कलाम, कपिल सोनी, जितेंद्र कुमार सोनी उर्फ रसगुल्ला मोहित सोनी, शिवम सोनी, अब्दुल्लाह अंसारी रवि खत्री को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने लॉकर घोटाला से संबंधित करीब 2100 ग्राम सोना और 2 किलो चांदी को बरामद किया था. पीड़ित रमन किशोर सिंह का 99, वीके चौबे का 95, वेद प्रकाश शुक्ला का 80 प्रतिशत जेवरात की पहचान हुई है. अन्य पीड़ितों का 40 से 50 प्रतिशत जेवरात की पहचान हुई है. बैंक के लॉकर नम्बर 23, 24 ,28 ,46 ,53 ,54 और 72 से जेवरात गायब किए गए थे.

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पलामू: 2022 में पलामू पुलिस ने बेहतरीन अनुसंधान और टीम वर्क से कई घटनाओं का उद्भेदन किया है. साथ ही कई घटनाओं को रोकने में सफलता पाई है. पूरे वर्ष की बात करें तो पलामू पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी, बैंक लॉकर घोटाला का अनुसंधान. पलामू पुलिस ने बेहतरीन अनुसंधान और टीम वर्क दिखाते हुए कुछ ही घंटों में इस घोटाले का खुलासा किया (Police disclosed bank locker scam in few hours). इस मामले में बैंक के मैनेजर, डिप्टी मैनेजर समेत 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.

यह भी पढ़ें: पलामू में बैंक लॉकर घोटाले का पूरा सचः जानिए, कैसे और किसने रची थी साजिश

आरोपी गिरफ्तार, जेवरात बरामद: पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती लॉकर से गायब हुए सोने के जेवरात को बरामद करना और घोटाले में शामिल एक- एक व्यक्ति को गिरफ्त में लेना था. पुलिस ने घोटाले से जुड़े हुए सभी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया और गायब हुए सोने के जेवरात को भी बरामद कर लिया. घोटाले के आरोप में एक दर्जन से अधिक आरोपी पलामू सेंट्रल जेल में आज भी बंद है.

घोटाले में बैंक अधिकारी शामिल: पलामू के एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती थी. इस घोटाले में खुद बैंक अधिकारी शामिल थे. जिस कारण पुलिस को कई परेशानियों का भी सामना करना पड़ा था. मामले में पुलिस ने बेहतरीन अनुसंधान करते हुए घोटाले से जुड़े हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया और जेवरात को भी बरामद कर लिया.

लाखों के जेवरात हुए थे गायब: यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में एक कृषि वैज्ञानिक अपने बैंक का लॉकर चेक करने पहुंचे थे. उनका लॉकर नहीं खुला था. बाद में तकनीशियन के माध्यम से उन्होंने अपने लॉकर को खोला तो पाया कि पूरा जेवरात उनके लॉकर से गायब है. पूरे मामले में पुलिस ने अनुसंधान करते हुए बैंक के डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार को हिरासत में लिया था. घटना की जानकारी मिलने के बाद बैंक के ग्राहक जो लॉकर की सुविधा ले रहे थे, वे बैंक पहुंचे थे. करीब आधा दर्जन ग्राहकों का बैंक का लॉकर नहीं खुल पाया.

जेवरात को दुकानों में गिरवी रखा: बैंक के टॉप अधिकारियों पुलिस की मौजूदगी में ग्राहकों के लॉकर को खोला गया. नगद और जेवरात गायब मिला. दरअसल यह पूरा घोटाला मामला बैंक के डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार से जुड़ा हुआ था. पुलिस अधिकारियों के समक्ष उसने कई बड़े खुलासे किए. उसने पुलिस को बताया है कि बैंको से जेवरात को गायब करने के बाद विभिन्न दुकानदारों को उसने गिरवी पर दिया था.

मामले में बैंक मैनेजर गिरफ्तार: पुलिस ने मामले में मेदिनीनगर टाउन थाना में एफआईआर नंबर 260/21 में कई आरोपी जेल में बंद है. पलामू पुलिस ने पूरे मामले में मैनेजर गंधर्व, डिप्टी मैनेजर प्रशांत कुमार, चाबी बनाने वाले मकबूल अंसारी, जेवरात को गिरवी रख कर ब्याज पर रुपए कमाने वाले प्रशांत पिंटू उर्फ सोनी, राजेश गुप्ता वसीम, कलाम, कपिल सोनी, जितेंद्र कुमार सोनी उर्फ रसगुल्ला मोहित सोनी, शिवम सोनी, अब्दुल्लाह अंसारी रवि खत्री को गिरफ्तार किया है.

पुलिस ने लॉकर घोटाला से संबंधित करीब 2100 ग्राम सोना और 2 किलो चांदी को बरामद किया था. पीड़ित रमन किशोर सिंह का 99, वीके चौबे का 95, वेद प्रकाश शुक्ला का 80 प्रतिशत जेवरात की पहचान हुई है. अन्य पीड़ितों का 40 से 50 प्रतिशत जेवरात की पहचान हुई है. बैंक के लॉकर नम्बर 23, 24 ,28 ,46 ,53 ,54 और 72 से जेवरात गायब किए गए थे.

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