पलामू: झारखंड सरकार ने एक नया फैसला लिया है, जो मेडिकल कॉलेजों को सीधे तौर पर प्रभावित कर रहा है. दरअसल, सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में सीनियर रेजिडेंट को योगदान देने के साथ उन्हें विरमित करने का भी आदेश (Order to amputate senior residents) दिया है. पूरे राज्य में 39 सीनियर रेजिडेंटों कr विभिन्न मेडिकल कॉलेज में तैनाती की गई थी. पलामू मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (MMCH Palamu) में भी 8 सीनियर रेजिडेंट की तैनाती की गई. जिसमें से योगदान के साथ ही 7 को विरमित करने का आदेश जारी किया गया है. ऐसे में उन अस्पतालों की समस्याएं बढ़ गई हैं, जहां पहले से ही कम डॉक्टर थे. इसका सबसे ज्यादा खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ेगा.
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मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के सुपरिटेंडेंट डॉ. डीके सिंह ने बताया कि सरकार के आदेशों के अनुसार योगदान के साथ ही सीनियर रेजिडेंट को विरमित किया गया है. मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पहले से ही डॉक्टरों की कमी है. अब सीनियर रेजिडेंट के विरमित करने से समस्या और बढ़ जाएगी. उन्होंने बताया कि सरकार का आदेश है तो किसी तरह के वैकल्पिक व्यवस्था के जरिए काम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल में डॉक्टर कम हैं. इससे काफी परेशानी हो रही है. वे सरकार से मांग करते हैं कि मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की उपलब्धता को बढ़ाई जाए.
क्यों सरकार को ऐसा आदेश करना पड़ा जारी: स्वास्थ्य विभाग की नियमावली के अनुसार पीजी बांड के तहत एक साल के लिए जूनियर और सीनियर रेजिडेंट को मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में पदस्थापित किया जाता है. इस दौरान उन्हें वेतन भी दिए जाते हैं, एक बार स्वीकार अवधि के लिए उन्हें एक सर्टिफिकेट भी जारी किया जाता है. लेकिन नियम से हटकर 39 सीनियर रेजिडेंट की तैनाती विभिन्न सदर अस्पतालों में कर दी गई. लेकिन वेतन संबंधी अड़चनों के बाद सभी की तैनाती मेडिकल कॉलेज में की गयी और साथ में उन्हें पदस्थापित जगह पर विरमित करने का भी आदेश जारी किया गया.