पलामूः छतरपुर नक्सली हिंसा के बाद प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों के आधा दर्जन के करीब कमांडर पुलिस और सुरक्षाबलों के निशाने पर हैं. हिंसक घटना में शामिल नक्सल कमांडरों की तलाश में पुलिस अभियान चला रही है. इस घटना में शामिल सभी माओवादी बिहार के इलाके के रहने वाले हैं.
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दरअसल 24 अगस्त को पलामू के छतरपुर थाना क्षेत्र के काला पहाड़ के पास नक्सलियों ने लेवी के लिए आठ वाहनों को फूंक दिया था. घटना का आरोप 10 लाख के इनामी माओवादी नितेश यादव, संजय गोदराम और सीतामराम रजवार पर लगा था. लेकिन इस घटना में शामिल एक टॉप माओवादी का नाम पुलिस को मिला है और यह नाम है सुनील विवेक. सुनील विवेक मूल रूप से बिहार के औरंगाबाद के इलाके का रहने वाला है, इस घटना में सुनील विवेक की बड़ी भूमिका है. झारखंड की सरकार ने भी सुनील विवेक पर 10 लख रुपए का इनाम रखा हुआ है. सुनील पर पलामू में एक दर्जन से भी अधिक नक्सली हमले के मामले दर्ज हैं.
छतरपुर नक्सली हिंसा के बाद पलामू पुलिस एवं सीआरपीएफ ने मिलकर एक रणनीति तय की है. इस रणनीति के तहत पलामू के छतरपुर नावाबाजार, पांडू, हुसैनाबाद, मोहम्मदगंज के सीमावर्ती इलाके में छापेमारी की जा रही है. पुलिस और सुरक्षा एजेंसी को आशंका है कि घटना में शामिल माओवादी बिहार से टंडवा के इलाके में भाग सकते हैं. छतरपुर थाना प्रभारी शेखर कुमार ने बताया कि घटना में शामिल नक्सली के खिलाफ लगातार छापेमारी की जा रही है और उनके खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है.