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लातेहार पंचायत चुनाव: नक्सलियों के बहिष्कार के ऐलान के बीच लोगों में उत्साह, चुनावी मैदान में हैं कई माओवादियों के रिश्तेदार

लातेहार पंचायत चुनाव को लेकर लोगों में उत्साह है. जिले में 14 मई को पहले चरण का मतदान होगा. पहले चरण के मतदान को लेकर जहां नक्सलियों ने बहिष्कार का ऐलान किया है वहीं कई नक्सलियों का परिवार भी चुनाव लड़ रहे हैं. दोनों स्थितियों को लेकर मतदाताओं में उहापोह की स्थिति है.

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लातेहार में पंचायत चुनाव
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Published : May 13, 2022, 11:44 AM IST

लातेहार: जिले में पंचायत चुनाव को लेकर जहां मतदाताओं में उत्साह का माहौल है, वहीं संशय की भी स्थिति बनी हुई है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि एक तरफ जहां नक्सली पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर नक्सलियों के परिजन ही पंचायत चुनाव में विभिन्न पदों पर चुनाव लड़कर ताल ठोक रहे हैं. ऐसे में नक्सलियों के बहिष्कार पर सवाल उठाए जा रहे हैं.

ये भी पढ़ें:- हजारीबाग में पंचायत चुनावः पोलिंग पार्टी के प्रशिक्षण के दौरान अव्यवस्था

नक्सलियों का पंचायत चुनाव बहिष्कार : दरअसल लातेहार जिला एक अति उग्रवाद प्रभावित जिला रह चुका है. यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में नक्सलियों की तूती बोलती थी. हालांकि वर्तमान में स्थिति काफी हद तक बदल चुकी है. अब जनता लोकतंत्र की ताकत और अहमियत को भी लोग समझ चुके हैं. दूसरी ओर नक्सली भले ही पंचायत चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर रहे हो परंतु कई नक्सलियों के ही परिजन पंचायत चुनाव में विभिन्न पदों पर चुनाव लड़ रहे हैं. लातेहार के मुखिया पद से लेकर जिला परिषद तक के पद के लिए नक्सलियों के परिजन चुनावी मैदान में हैं और अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए जी जान लगाए हुए हैं.

चुनाव में नक्सलियों का परिवार आमने सामने: 14 मई को पहले चरण का पंचायत चुनाव होगा. पहले चरण में लातेहार जिले के लातेहार सदर प्रखंड, चंदवा और उग्रवाद प्रभावित समझे जाने वाले सरयू प्रखंड में चुनाव होना है. सदर प्रखंड में ही तरवाडीह पंचायत में दो अलग-अलग विचारधारा वाले एक दूसरे के प्रतिद्वंदी नक्सली संगठन के नक्सलियों के परिजन चुनाव में आमने-सामने हैं. इसके अलावा अन्य पंचायतों में भी नक्सलियों के परिजन चुनावी मैदान में उतरे हैं. सरयू प्रखंड में तो जिला परिषद से लेकर मुखिया तक के चुनाव में नक्सलियों के नजदीक रहने वाले कई लोग चुनावी मैदान में हैं. चंदवा प्रखंड में भी स्थिति लगभग यही है. जिले में हो रहे पंचायत चुनाव में माओवादी ,टीएसपीसी, जेजेएमपी, संघर्ष जनमुक्ति मोर्चा समेत अन्य संगठन के हार्डकोर नक्सलियों के परिजन भी चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं.

पुलिस है सक्रिय: एक तरफ नक्सलियों के द्वारा पंचायत चुनाव का बहिष्कार वहीं दूसरी ओर पंचायत चुनाव में नक्सलियों के परिजन के चुनाव लड़ने को लेकर पुलिस बल पूरी तरह सक्रिय है. लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि चुनाव में किसी भी प्रकार की अशांति या अब व्यवस्था नहीं होने दी जाएगी. एसपी ने कहा कि मतदाताओं को मतदान के लिए पूरी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. मतदाता निर्भीक होकर बिना किसी से डरे आराम से मतदान कर सकें इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन पूरी तैयारी कर ली है. एसपी ने आम लोगों से अपील किया है कि मतदान का प्रयोग जरूर करें.

लातेहार: जिले में पंचायत चुनाव को लेकर जहां मतदाताओं में उत्साह का माहौल है, वहीं संशय की भी स्थिति बनी हुई है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि एक तरफ जहां नक्सली पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर नक्सलियों के परिजन ही पंचायत चुनाव में विभिन्न पदों पर चुनाव लड़कर ताल ठोक रहे हैं. ऐसे में नक्सलियों के बहिष्कार पर सवाल उठाए जा रहे हैं.

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नक्सलियों का पंचायत चुनाव बहिष्कार : दरअसल लातेहार जिला एक अति उग्रवाद प्रभावित जिला रह चुका है. यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में नक्सलियों की तूती बोलती थी. हालांकि वर्तमान में स्थिति काफी हद तक बदल चुकी है. अब जनता लोकतंत्र की ताकत और अहमियत को भी लोग समझ चुके हैं. दूसरी ओर नक्सली भले ही पंचायत चुनाव बहिष्कार की घोषणा कर रहे हो परंतु कई नक्सलियों के ही परिजन पंचायत चुनाव में विभिन्न पदों पर चुनाव लड़ रहे हैं. लातेहार के मुखिया पद से लेकर जिला परिषद तक के पद के लिए नक्सलियों के परिजन चुनावी मैदान में हैं और अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए जी जान लगाए हुए हैं.

चुनाव में नक्सलियों का परिवार आमने सामने: 14 मई को पहले चरण का पंचायत चुनाव होगा. पहले चरण में लातेहार जिले के लातेहार सदर प्रखंड, चंदवा और उग्रवाद प्रभावित समझे जाने वाले सरयू प्रखंड में चुनाव होना है. सदर प्रखंड में ही तरवाडीह पंचायत में दो अलग-अलग विचारधारा वाले एक दूसरे के प्रतिद्वंदी नक्सली संगठन के नक्सलियों के परिजन चुनाव में आमने-सामने हैं. इसके अलावा अन्य पंचायतों में भी नक्सलियों के परिजन चुनावी मैदान में उतरे हैं. सरयू प्रखंड में तो जिला परिषद से लेकर मुखिया तक के चुनाव में नक्सलियों के नजदीक रहने वाले कई लोग चुनावी मैदान में हैं. चंदवा प्रखंड में भी स्थिति लगभग यही है. जिले में हो रहे पंचायत चुनाव में माओवादी ,टीएसपीसी, जेजेएमपी, संघर्ष जनमुक्ति मोर्चा समेत अन्य संगठन के हार्डकोर नक्सलियों के परिजन भी चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं.

पुलिस है सक्रिय: एक तरफ नक्सलियों के द्वारा पंचायत चुनाव का बहिष्कार वहीं दूसरी ओर पंचायत चुनाव में नक्सलियों के परिजन के चुनाव लड़ने को लेकर पुलिस बल पूरी तरह सक्रिय है. लातेहार एसपी अंजनी अंजन ने कहा कि चुनाव में किसी भी प्रकार की अशांति या अब व्यवस्था नहीं होने दी जाएगी. एसपी ने कहा कि मतदाताओं को मतदान के लिए पूरी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. मतदाता निर्भीक होकर बिना किसी से डरे आराम से मतदान कर सकें इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन पूरी तैयारी कर ली है. एसपी ने आम लोगों से अपील किया है कि मतदान का प्रयोग जरूर करें.

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