लातेहार: एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर जिले में आंगनबाड़ी सेविकाएं हड़ताल पर बैठ गई हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री रघुवर दास और सरकार पर तानाशाही करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानेगी तो आंगनबाड़ी सेविकाएं आत्मदाह करने से पीछे नहीं हटेंगी.
आंगनबाड़ी सेविकाओं का कहना है कि पूर्व में 10 सूत्री मांग को लेकर जब हड़ताल की थी तो सरकार ने उनकी मांगों को मानने का आश्वासन दिया था, लेकिन इसकी सुध नहीं ली जा रही है. इसीलिए वे लोग पुनः अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. उनका आरोप है कि सरकार से हुई पिछली वार्ता में सभी अधिकारियों ने उनकी मांग पत्र पर सहमति जताते हुए फाइल पर हस्ताक्षर कर दिया था, लेकिन सीएम रघुवर दास ने हस्ताक्षर नहीं किया था, जिसके कारण उनकी मांग आज तक धरातल पर नहीं उतर पाई है.
सेविका ममता पांडेय ने बताया कि उनकी प्रमुख मांगों में मानदेय वृद्धि के साथ-साथ रिटायरमेंट की आयु सीमा बढ़ाना है. वहीं सेविका सुशीला देवी ने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांग नहीं मानेगी तब तक आंगनबाड़ी केंद्र नहीं खुलेगा.
इधर, आंगनबाड़ी सेविकाओं के हड़ताल को देखते हुए केंद्रों में बच्चों के पोषाहार के लिए जिला प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था करने का दावा कर रही है. वहीं, बाल विकास पदाधिकारी हरीश कुमार ने बताया कि गांव की माता समिति के अलावा गांव के एक्टिव लोगों को पोषाहार जारी रखने के लिए मनोनीत किया गया है.
सेविकाओं के हड़ताल से नौनिहालों के पोषाहार तो प्रभावित हो ही रहे हैं. वहीं, गांव की गर्भवती महिलाओं को भी सरकारी लाभ से वंचित होना पड़ रहा है. ऐसे में देखना है कि यह आंदोलन कब तक जारी रहता है और सरकार कब तक इस ओर ध्यान नहीं देती.