गुमला: सेनिटाइजिंग मशीन से अब नोटों को सेनेटाइज किया जा सकता है. मशीन का निर्माण जिला प्रशासन के हेल्पिंग हैंड्स इनिशिएटिव के तहत एक नन्हे छात्र ने किया है . इसके कारण इस महामारी से बचाव के लिए एकमात्र विकल्प शारीरिक दूरी है. मगर ऐसे में बैंकों में भारी संख्या में लोगों द्वारा राशि जमा और निकासी की जाती है. जिससे कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है.
इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन गुमला के हेल्पिंग हैंड्स इनिशिएटिव के तहत गुमला के नन्हे छात्र अर्चित आर्यन के द्वारा इस होममेड सेनिटाइजर मशीन का निर्माण किया गया है. यह सेनिटाइजर मशीन 1500 रुपए की लागत से तैयार की गई है. यह मशीन नोटों को सेकेंडों में सेनिटाइज करने में सक्षम है.
सेनिटाइजर मशीन को बनाने वाले छात्रों ने बताया कि वैश्विक महामारी की वजह से लाखों लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं. इसकी वजह से यह मन में ख्याल आया कि बैंकों में कार्य करने वाले कर्मचारी और दुकानदारों के द्वारा जब पैसे का लेनदेन किया जाता है, तब उन्हें कोरोना वायरस के संक्रमण में आने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में घर में रखें कुछ उपकरणों को मिलाकर अपने पापा के साथ एक सेनिटाइजर मशीन का निर्माण किया है. इससे पैसों को सेनिटाइज किया जा सकता है.
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वहीं, इस संबंध में जिले के उपायुक्त ने बताया कि कोरोना वायरस के प्रकोप से पूरा देश प्रभावित है. भीड़भाड़ वाले स्थानों में लोगों के जमवाड़े से सामाजिक दूरी प्रभावित हो रही है. मुख्य रूप से बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं और नागरिक पैसे निकासी के लिए बैंकों में इकट्ठा हो रहे हैं और पैसों का लेनदेन कर रहे हैं.
इसके कारण कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. ऐसे में इस अविष्कार के माध्यम से जिला प्रशासन बहुत जल्द सभी बैंकों में इस सेनिटाइजर मशीन को मुहैया कराएगा ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सके. उन्होंने बताया कि बैंकों के साथ-साथ इस सेनिटाइजर मशीन का उपयोग बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठान भी कर सकते हैं, जहां रोज नगद में पैसों की लेन-देन हो रहा है. अगर इसका उपयोग बैंक और व्यापारी करते हैं तो कोविड-19 से लड़ने के लिए एक अच्छी पहल होगी.