गोड्डा: शहर में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. यहां पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था सप्लाई सिस्टम के तहत उपलब्ध नहीं है. सभी जन प्रतिनिधि लोक लुभावन वादों के साथ चुनाव जीतते हैं और फिर भूल जाते हैं. ऐसे में नगर अध्यक्ष का एक प्रयास विवादों में फंस गया है.
जिले में जगह-जगह बोरिंग कराई जा रही है ताकि गोड्डा शहर के लोगों की प्यास बुझाई जा सके. लेकिन काम शुरू होते ही वार्ड पार्षद और नगर परिषद उपाध्यक्ष की ओर से विरोध होने लगा. इनका कहना है इस तरह के नीतिगत निर्णय विचार-विमर्श से होना चाहिए. जबकि बगैर बैठक और टेंडर के काम कराया जा रहा है. जगह भी मनमाने तरीके से चिन्हित की गई है.
वहीं, बोरिंग की गहराई को लेकर भी लोगों में विवाद है. लोगों का मानना है कि 250 फिट बोरिंग का तीन चार साल में बुरा हाल हो जाता है. इसके बाद फिर से पानी की किल्लत शुरू हो जाती है. ऐसे में क्यों नहीं एक बार ही 300 फिट बोरिंग कराई जाए. हालांकि, नगर परिषद अध्यक्ष इसे नहीं मानते हैं. उनका कहना है कि 4 साल बोरिंग चलेगी. इसके बाद अगर वो खराब होती है, तो फिर देखा जाएगा.