गढ़वाः झारखंड में कोरोना महामारी लगातार विकराल रूप धारण करती जा रही है. राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. प्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या 132 पहुंच गई है. ऐसे में गढ़वा जिले से राहत भरी खबर सामने आई है.
जिले में पाए गए कोरोना संक्रमित तीनों लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव आ गयी है. इसके साथ ही गढ़वा तत्काल कोरोना मुक्त जिला बन गया है. तीनों कोरोना संक्रमित एक ही परिवार के थे. अब इनके साथ-साथ क्वॉरेंटाइन में रखे गए उनके परिवार के सभी 23 सदस्यों को सम्मानपूर्वक बाजा-गाजा के साथ घर वापस भेज दिया गया.
अस्पताल से मुक्त होने पर डीसी की अगुवाई में उनका भव्य स्वागत किया गया. डीसी और डीडीसी ने उन्हें उपहार दिए. उनकी लम्बी उम्र और सदैव स्वस्थ्य रहने की कामना की. बता दें कि जिला मुख्यालय के पठान टोली से 19 अप्रैल को एक युवक कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. वह किडनी की बीमारी से ग्रसित था, इस कारण उसे रांची शिफ्ट कर दिया गया था.
22 अप्रैल को पुनः उसी व्यक्ति के घर से 10-12 वर्ष के दो बच्चों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था जिसमें एक लड़की शामिल थी. इन दोनों का इलाज मेराल कोविड हॉस्पिटल में किया जा रहा था. अब तीनों लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त हुई है. डीसी हर्ष मंगला ने कहा है कि उन्हें आज घर भेज दिया गया.
डीसी ने सीमित संसाधन में कोरोना के खिलाफ प्रभावकारी जंग लड़ने वाले सीएस और उनकी टीम, डॉक्टर्स, नर्सेज, इससे जुड़े मेडिकल स्टाफ स्क्रीनिंग, सेम्पलिंग से जुड़े कोरोना योद्धाओं को बधाई दी है.
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साथ ही मेराल के डॉक्टर अनिल साव को हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने बड़ी हिम्मत दिखाते हुए अपने जीवन ज्योति रिसर्च इंस्टीट्यूट को कोविड हॉस्पिटल के लिए समर्पित किया. उनकी यह सेवा अतुलनीय है जिसे सदैव याद रखा जाएगा.
डीसी ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना के खिलाफ अभी लड़ाई समाप्त नहीं हुई है. प्रवासी श्रमिकों के जिले में लौटने का सिलसिला जारी है.
उनके साथ कोरोना गढ़वा में प्रवेश न कर जाए यह बड़ी जिम्मेवारी कोरोना वॉरियर्स के अटूट मेहनत और आम लोगों की पूर्ण सजगता पर निर्भर है. डीसी ने कहा कि तत्काल जिला कोरोना वायरस बीमारी से मुक्त है. अभी केवल खतरा टला है, खत्म नहीं हुआ है. इस मौके पर डीडीसी नमन प्रियेश लकड़ा ,एसडीओ प्रदीप कुमार, सीएस डॉ एन के रजक, डीएस डॉ रागिनी अग्रवाल, कई डॉक्टर्स व स्वास्थ्यकर्मी मौजूद थे.