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उड़िया समाज के लोग धूमधाम से मनाते हैं दुर्गापूजा, प्रसाद के लिए एक महीने पहले होती है बुकिंग - उड़िया समाज के लोगों का दुर्गापूजा

जमशेदपुर में उड़िया समाज के लोग धूमधाम से दुर्गापूजा का आयोजन करते हैं. प्रसाद के लिए एक महीने पहले बुकिंग करनी होती है. प्रसाद में 9 प्रकार के व्यंजन रहते हैं.

Durga Puja of the people of Oriya society
उड़िया समाज के लोगों का दुर्गापूजा
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Published : Oct 13, 2021, 8:30 PM IST

Updated : Oct 13, 2021, 8:43 PM IST

जमशेदपुर: लौहनगरी को मिनी भारत के नाम से जाना जाता है. इस शहर में सभी धर्म और समुदाय के लोग निवास करते हैं और अपनी परंपरा के अनुसार पूजा-पाठ करते हैं. नवरात्र के समय भी अलग-अलग समुदाय के लोग मां की आराधना करते हैं. शहर में रहने वाले उड़िया भाषी लोग मां की आराधना अपनी परंपरा और नियम के अनुसार करते हैं.

यह भी पढ़ें: ऐसे दुर्गापूजा मनाती हैं दक्षिण भारतीय महिलाएं, आदिकाल से चली आ रही परंपरा

साकची के उत्कल एसोसिएशन के प्रांगण मे शहर के रहने वाले उड़िया भाषी समुदाय के द्वारा दुर्गापूजा का आयोजन काफी धूमधाम से किया जाता है. यहां पर पूजा के लिए ओडिशा से पंडित आते हैं. महाष्टमी के दिन मिलने वाले प्रसाद की काफी मांग रहती है. लोग इस प्रसाद के लिए एक माह पहले ही कूपन ले लेते हैं.

देखें पूरी खबर

पुलाव सहित 9 प्रकार के व्यजंन

आमतौर पर प्रसाद में ज्यादातर पंडालों और संस्थानों में खिचड़ी और खीर दिया जाता है. लेकिन यहां पर प्रसाद में पुलाव सहित नौ प्रकार के व्यंजन रहते हैं. पुलाव, सब्जी, दाल, खीर, चटनी, साग, भाजा, मीठा और ओडिशा से मंगाया गया पीठा शामिल है. सभी प्रसाद को अलग-अलग अच्छी तरह से पैक किया जाता है ताकि घर ले जाने के दौरान भक्तों को कोई दिक्कत नहीं हो. महाअष्टमी के दिन पूजा समाप्त होने के बाद कूपन देने पर लोगों को प्रसाद दिया जाता है.

जमशेदपुर: लौहनगरी को मिनी भारत के नाम से जाना जाता है. इस शहर में सभी धर्म और समुदाय के लोग निवास करते हैं और अपनी परंपरा के अनुसार पूजा-पाठ करते हैं. नवरात्र के समय भी अलग-अलग समुदाय के लोग मां की आराधना करते हैं. शहर में रहने वाले उड़िया भाषी लोग मां की आराधना अपनी परंपरा और नियम के अनुसार करते हैं.

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साकची के उत्कल एसोसिएशन के प्रांगण मे शहर के रहने वाले उड़िया भाषी समुदाय के द्वारा दुर्गापूजा का आयोजन काफी धूमधाम से किया जाता है. यहां पर पूजा के लिए ओडिशा से पंडित आते हैं. महाष्टमी के दिन मिलने वाले प्रसाद की काफी मांग रहती है. लोग इस प्रसाद के लिए एक माह पहले ही कूपन ले लेते हैं.

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पुलाव सहित 9 प्रकार के व्यजंन

आमतौर पर प्रसाद में ज्यादातर पंडालों और संस्थानों में खिचड़ी और खीर दिया जाता है. लेकिन यहां पर प्रसाद में पुलाव सहित नौ प्रकार के व्यंजन रहते हैं. पुलाव, सब्जी, दाल, खीर, चटनी, साग, भाजा, मीठा और ओडिशा से मंगाया गया पीठा शामिल है. सभी प्रसाद को अलग-अलग अच्छी तरह से पैक किया जाता है ताकि घर ले जाने के दौरान भक्तों को कोई दिक्कत नहीं हो. महाअष्टमी के दिन पूजा समाप्त होने के बाद कूपन देने पर लोगों को प्रसाद दिया जाता है.

Last Updated : Oct 13, 2021, 8:43 PM IST
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