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दो करोड़ के गबन की आरोपी मुखी मुर्मू गिरफ्तार, 6 साल बाद पुलिस ने पकड़ा

Scam in Dumka Municipal Council. दुमका में दो करोड़ रुपये के गबन की आरोपी नगर परिषद की पूर्व भण्डारपाल मुखी मुर्मू को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मुखी मुर्मू पिछले छह साल से फरार चल रही थी. Mukhu Murmu arrested.

Scam in Dumka Municipal Council
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 23, 2023, 8:42 PM IST

दुमका: पुलिस ने दुमका नगर परिषद की पूर्व भण्डारपाल मुखी मुर्मू को 2 करोड़ 08 लाख रुपए की राशि के गबन के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. गबन का यह एफआईआर 06 वर्ष पूर्व 2017 में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी पंकज कुमार ने दर्ज कराई थी. तभी से वह पुलिस के चंगुल से बच रही थी.

वर्ष 2017 में जांच के बाद थाने में दर्ज हुआ था एफआईआर: आपको बता दें कि 19 जुलाई 2017 को दुमका नगर परिषद के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी पंकज कुमार ने नगर थाना में लिखित आवेदन दिया था कि मुखी मुर्मू जो नगर परिषद में कर संग्रहकर्ता सह भंडारपाल है उसके खिलाफ प्राथमिक की दर्ज किया जाए. उनका कहना था कि मुखी मुर्मू की पोस्टिंग अनुबन्ध पर 2014 में कर संग्रहकर्ता के तौर पर हुई थी. बाद में उसे भंडारपाल का भी अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया. उनके कार्यकाल में भंडार में रखे सामानों में अनियमितता बरती गई. इसमें लैपटॉप, विद्युत सामाग्री और चापाकल सामाग्री शामिल हैं.

पंकज कुमार के आवेदन में यह उल्लेख था कि जब अनियमितता का पता चला तो जिले के तात्कालीन उपायुक्त के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की गई. जिसमें अनुमंडल पदाधिकारी के साथ जिला नजारत उप समाहर्ता और कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद सदस्य थे. इस टीम ने जांच में यह पाया कि मुखी मुर्मू जो नगर परिषद की भंडारपाल है. उनके द्वारा भंडार पंजी का संधारण सही ढंग से नहीं किया गया है.

भंडार में जो सामान रखे हुए हैं उसके नाम और मात्रा पंजी में अंकित नहीं हैं. कई सामग्रियों का भंडार पंजी में प्रविष्टि नहीं की गई है जिसमें लेपटॉप, यूपीएस, विद्युत सामग्री और चापाकल शामिल है. भंडार पंजी में कई पृष्ठों पर प्रविष्टि के पश्चात ओवरराइटिंग की गई. साथ ही प्रविष्टि के साथ छेड़छाड़ किया गया और व्हाइटनर का प्रयोग किया गया.

जांच में एक और चौंकाने वाला तथ्य यह पाया गया था. भंडार पंजी के कई पृष्ठों पर कार्यपालक पदाधिकारी का हस्ताक्षर की नकल पाई गई. साथ ही जिन्हें सामग्री आबंटित की गई है उनके हस्ताक्षर नहीं लिए गए हैं. ऐसे में नगर परिषद के भंडार सामग्री के रखरखाव का जिम्मा जिस मुखी मुर्मू के पास था उसके द्वारा कुल 2 करोड़ 08 लाख 97 हज़ार 465 रुपए की हेरा फेरी की गई. इस राशि को दुमका नगर परिषद में जमा करने के बाबत उस पर एफआईआर दर्ज कराया जाए. इस आवेदन पर मुखी मुर्मू के खिलाफ 22 जुलाई 2017 को नगर थाना, दुमका में केस संख्या 116/17 दर्ज किया गया.

छह साल बाद गिरफ्तार हुई आरोपी मुखी मुर्मू: एफआईआर दर्ज करने के बाद मुखी मुर्मू पुलिस के चंगुल से लगातार बचती रही. इस केस के अनुसंधानकर्ता नगर थाना के ही वेलकम भेज को बनाया गया था और उन्होंने आरोपी मुखी मुर्मू को उनके आवास से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस बार नगर थाना प्रभारी अतिन कुमार ने कहा कि काफी दिनों से मुखी मुर्मू फरार चल रही थी. अंतत: हम लोगों ने उसके घर से गिरफ्तार किया है.

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दुमका: पुलिस ने दुमका नगर परिषद की पूर्व भण्डारपाल मुखी मुर्मू को 2 करोड़ 08 लाख रुपए की राशि के गबन के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. गबन का यह एफआईआर 06 वर्ष पूर्व 2017 में नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी पंकज कुमार ने दर्ज कराई थी. तभी से वह पुलिस के चंगुल से बच रही थी.

वर्ष 2017 में जांच के बाद थाने में दर्ज हुआ था एफआईआर: आपको बता दें कि 19 जुलाई 2017 को दुमका नगर परिषद के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी पंकज कुमार ने नगर थाना में लिखित आवेदन दिया था कि मुखी मुर्मू जो नगर परिषद में कर संग्रहकर्ता सह भंडारपाल है उसके खिलाफ प्राथमिक की दर्ज किया जाए. उनका कहना था कि मुखी मुर्मू की पोस्टिंग अनुबन्ध पर 2014 में कर संग्रहकर्ता के तौर पर हुई थी. बाद में उसे भंडारपाल का भी अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया. उनके कार्यकाल में भंडार में रखे सामानों में अनियमितता बरती गई. इसमें लैपटॉप, विद्युत सामाग्री और चापाकल सामाग्री शामिल हैं.

पंकज कुमार के आवेदन में यह उल्लेख था कि जब अनियमितता का पता चला तो जिले के तात्कालीन उपायुक्त के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की गई. जिसमें अनुमंडल पदाधिकारी के साथ जिला नजारत उप समाहर्ता और कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद सदस्य थे. इस टीम ने जांच में यह पाया कि मुखी मुर्मू जो नगर परिषद की भंडारपाल है. उनके द्वारा भंडार पंजी का संधारण सही ढंग से नहीं किया गया है.

भंडार में जो सामान रखे हुए हैं उसके नाम और मात्रा पंजी में अंकित नहीं हैं. कई सामग्रियों का भंडार पंजी में प्रविष्टि नहीं की गई है जिसमें लेपटॉप, यूपीएस, विद्युत सामग्री और चापाकल शामिल है. भंडार पंजी में कई पृष्ठों पर प्रविष्टि के पश्चात ओवरराइटिंग की गई. साथ ही प्रविष्टि के साथ छेड़छाड़ किया गया और व्हाइटनर का प्रयोग किया गया.

जांच में एक और चौंकाने वाला तथ्य यह पाया गया था. भंडार पंजी के कई पृष्ठों पर कार्यपालक पदाधिकारी का हस्ताक्षर की नकल पाई गई. साथ ही जिन्हें सामग्री आबंटित की गई है उनके हस्ताक्षर नहीं लिए गए हैं. ऐसे में नगर परिषद के भंडार सामग्री के रखरखाव का जिम्मा जिस मुखी मुर्मू के पास था उसके द्वारा कुल 2 करोड़ 08 लाख 97 हज़ार 465 रुपए की हेरा फेरी की गई. इस राशि को दुमका नगर परिषद में जमा करने के बाबत उस पर एफआईआर दर्ज कराया जाए. इस आवेदन पर मुखी मुर्मू के खिलाफ 22 जुलाई 2017 को नगर थाना, दुमका में केस संख्या 116/17 दर्ज किया गया.

छह साल बाद गिरफ्तार हुई आरोपी मुखी मुर्मू: एफआईआर दर्ज करने के बाद मुखी मुर्मू पुलिस के चंगुल से लगातार बचती रही. इस केस के अनुसंधानकर्ता नगर थाना के ही वेलकम भेज को बनाया गया था और उन्होंने आरोपी मुखी मुर्मू को उनके आवास से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इस बार नगर थाना प्रभारी अतिन कुमार ने कहा कि काफी दिनों से मुखी मुर्मू फरार चल रही थी. अंतत: हम लोगों ने उसके घर से गिरफ्तार किया है.

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