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थम नहीं रही दुष्कर्म की घटना, जानिए धनबाद के लोग किसे मानते हैं जिम्मेवार

धनबाद जिले में आए दिन दुष्कर्म के मामले सामने आ रहे हैं. इन घटनाओं के लेकर कानून हर तरह से सख्त कर दिया गया है. दुष्कर्मियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल रही है. जिसके बावजूद इन घटनाओं में लगाम नहीं लग पा रही है. जिसे देखते हुए कहीं ना कहीं समाज के हर व्यक्ति को इन घटनाओं के कारणों के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है.

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Published : Jun 28, 2019, 12:48 PM IST

धनबाद: जिले में कुछ दिनों से दुष्कर्म जैसी घृणित घटना में काफी बढ़ोतरी हुई है. चाहे वह महिला हो लड़कियां हो या फिर मासूम बच्चे सभी के साथ वहशी दरिंदे इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. सबसे आश्चर्य वाली बात ये है कि इस प्रकार की घटना में ज्यादातर जान-पहचान वाले ही लोग होते हैं. खासकर पड़ोसी और रिश्तेदार इसमें शामिल होते हैं. ऐसे में ये सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर हमारा समाज कहां जा रहा है और इसे कैसे बचाया जाए.

बढ़ते दुष्कर्म की घटनाओं का दोषी कौन? देखें पूरी खबर

इस साल अभी तक 30 दुष्कर्मियों को मिल चुकी है सजा

गौरतलब है कि जिले में अगर हम बीते 6 महीने की ही बात करें तो इस साल जून माह में अभी तक कोर्ट से भी 30 दुष्कर्मियों को सजा मिल चुकी है. जिसमें ज्यादातर इस प्रकार की घटना करने वाले रिश्तेदार ही हैं. कठोर से कठोर सजा देने के बाद भी इस प्रकार की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है, जो चिंता का विषय है.

12 महीने में 85 नाबालिगों से हुई है दुष्कर्म की घटना

नाबालिग से दुष्कर्म के बाद पोक्सो एक्ट के तहत मामला भी दर्ज किया जा रहा है. इन वहशी दरिंदों को कठोर से कठोर सजा भी दी जा रही है. धनबाद में पिछले साल की बात करें तो 85 नाबालिगों से दुष्कर्म की घटना घट चुकी है. जिसमें पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट की धारा 7 और 8 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की कोशिश में भी जुटी हुई है. इन सब के बावजूद आज भी धनबाद में इस प्रकार की घटनाओं में कमी नहीं आई है.

तोपचांची की घटना ने धनबाद को किया शर्मसार

हाल ही के दिनों में तोपचांची, बलियापुर और पाथरडीह क्षेत्र में हुए नाबालिग से दुष्कर्म की घटना ने फिर से एक बार भूचाल ला दिया है. तोपचांची की घटना ने तो पूरे धनबाद को झकझोर कर रख दिया है. तोपचांची में दूधमुंही 2 साल की बच्ची के साथ 20 वर्षीय युवक ने इस दरिंदगी को अंजाम दिया जो रिश्ते में भाई लगता था.

जून महीने में अबतक नाबालिगों के साथ हो चुका दुष्कर्म

1. 10 जून को बरवाअड्डा थानाक्षेत्र में किशोरी से दुष्कर्म
2. 17 जून को तेतुलमारी में 6 साल के बच्चे के साथ दुष्कर्म
3. 22 जून को बलियापुर में दुष्कर्म की घटना को गांव के तीन युवकों ने दिया अंजाम
4. पाथरडीह में 7 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म, आरोपी 40 वर्षीय व्यक्ति
5. तोपचांची थाना क्षेत्र में दूधमुंही बच्ची के साथ 20 वर्षीय भाई ने किया दुष्कर्म

ये भी पढ़ें- जमशेदपुरः अजीबो-गरीब बीमारी की चपेट में बहरागोड़ा के ग्रामीण, जांच के लिए पहुंची डॉक्टरों की टीम

ना हीं कठोर कानून की कमी है और ना ही अमल में लाने में भी अब किसी प्रकार की कोताही हो रही है. फिर भी इस प्रकार की घटनाओं में वृद्धि हो रही है. घटना में कमी नहीं आ रही है. ये समाज के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. जब जिले के विभिन्न वर्गों के लोगों से इस संबंध में बातचीत की गई तो लगभग सभी वर्गों के लोगों ने इस प्रकार की घटनाओं के लिए बहुत हद तक इस्तेमाल हो रहे एंड्राइड मोबाइल को इसका जिम्मेदार बतलाया.
लोगों ने कहा फेसबुक, व्हाट्सएप और इंटरनेट के जरिए पोर्न वीडियो देखने के कारण लोगों में मानसिक विकृतियां बढ़ रही हैं. जिसे किसी कानून से खत्म नहीं किया जा सकता है. इसमें समाज के लोगों को खुद पहल करनी होगी. इसे इस प्रकार ही कम किया जा सकता है. लोगों ने कहा कि आज अपने बच्चियों को घर से बाहर भेजने में डर लगता है. लोग अपने बच्चों की निगरानी कर रहे हैं. स्कूल और ट्यूशन साथ ले जा रहे हैं साथ में आ हैं.

वहीं, जब इस संबंध में मनोरोग चिकित्सक डॉ बीके सिंह से बात की गई तो उन्होंने इसे एक प्रकार का मानसिक रोग बतलाया. उन्होंने भी कहीं ना कहीं इन मोबाइलों के प्रयोग को ही जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं इस प्रकार की घटनाओं के लिए आज का मोबाइल जिम्मेदार है. उन्होंने इससे बचने के कई उपाय भी बताएं.

धनबाद: जिले में कुछ दिनों से दुष्कर्म जैसी घृणित घटना में काफी बढ़ोतरी हुई है. चाहे वह महिला हो लड़कियां हो या फिर मासूम बच्चे सभी के साथ वहशी दरिंदे इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. सबसे आश्चर्य वाली बात ये है कि इस प्रकार की घटना में ज्यादातर जान-पहचान वाले ही लोग होते हैं. खासकर पड़ोसी और रिश्तेदार इसमें शामिल होते हैं. ऐसे में ये सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर हमारा समाज कहां जा रहा है और इसे कैसे बचाया जाए.

बढ़ते दुष्कर्म की घटनाओं का दोषी कौन? देखें पूरी खबर

इस साल अभी तक 30 दुष्कर्मियों को मिल चुकी है सजा

गौरतलब है कि जिले में अगर हम बीते 6 महीने की ही बात करें तो इस साल जून माह में अभी तक कोर्ट से भी 30 दुष्कर्मियों को सजा मिल चुकी है. जिसमें ज्यादातर इस प्रकार की घटना करने वाले रिश्तेदार ही हैं. कठोर से कठोर सजा देने के बाद भी इस प्रकार की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है, जो चिंता का विषय है.

12 महीने में 85 नाबालिगों से हुई है दुष्कर्म की घटना

नाबालिग से दुष्कर्म के बाद पोक्सो एक्ट के तहत मामला भी दर्ज किया जा रहा है. इन वहशी दरिंदों को कठोर से कठोर सजा भी दी जा रही है. धनबाद में पिछले साल की बात करें तो 85 नाबालिगों से दुष्कर्म की घटना घट चुकी है. जिसमें पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट की धारा 7 और 8 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की कोशिश में भी जुटी हुई है. इन सब के बावजूद आज भी धनबाद में इस प्रकार की घटनाओं में कमी नहीं आई है.

तोपचांची की घटना ने धनबाद को किया शर्मसार

हाल ही के दिनों में तोपचांची, बलियापुर और पाथरडीह क्षेत्र में हुए नाबालिग से दुष्कर्म की घटना ने फिर से एक बार भूचाल ला दिया है. तोपचांची की घटना ने तो पूरे धनबाद को झकझोर कर रख दिया है. तोपचांची में दूधमुंही 2 साल की बच्ची के साथ 20 वर्षीय युवक ने इस दरिंदगी को अंजाम दिया जो रिश्ते में भाई लगता था.

जून महीने में अबतक नाबालिगों के साथ हो चुका दुष्कर्म

1. 10 जून को बरवाअड्डा थानाक्षेत्र में किशोरी से दुष्कर्म
2. 17 जून को तेतुलमारी में 6 साल के बच्चे के साथ दुष्कर्म
3. 22 जून को बलियापुर में दुष्कर्म की घटना को गांव के तीन युवकों ने दिया अंजाम
4. पाथरडीह में 7 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म, आरोपी 40 वर्षीय व्यक्ति
5. तोपचांची थाना क्षेत्र में दूधमुंही बच्ची के साथ 20 वर्षीय भाई ने किया दुष्कर्म

ये भी पढ़ें- जमशेदपुरः अजीबो-गरीब बीमारी की चपेट में बहरागोड़ा के ग्रामीण, जांच के लिए पहुंची डॉक्टरों की टीम

ना हीं कठोर कानून की कमी है और ना ही अमल में लाने में भी अब किसी प्रकार की कोताही हो रही है. फिर भी इस प्रकार की घटनाओं में वृद्धि हो रही है. घटना में कमी नहीं आ रही है. ये समाज के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. जब जिले के विभिन्न वर्गों के लोगों से इस संबंध में बातचीत की गई तो लगभग सभी वर्गों के लोगों ने इस प्रकार की घटनाओं के लिए बहुत हद तक इस्तेमाल हो रहे एंड्राइड मोबाइल को इसका जिम्मेदार बतलाया.
लोगों ने कहा फेसबुक, व्हाट्सएप और इंटरनेट के जरिए पोर्न वीडियो देखने के कारण लोगों में मानसिक विकृतियां बढ़ रही हैं. जिसे किसी कानून से खत्म नहीं किया जा सकता है. इसमें समाज के लोगों को खुद पहल करनी होगी. इसे इस प्रकार ही कम किया जा सकता है. लोगों ने कहा कि आज अपने बच्चियों को घर से बाहर भेजने में डर लगता है. लोग अपने बच्चों की निगरानी कर रहे हैं. स्कूल और ट्यूशन साथ ले जा रहे हैं साथ में आ हैं.

वहीं, जब इस संबंध में मनोरोग चिकित्सक डॉ बीके सिंह से बात की गई तो उन्होंने इसे एक प्रकार का मानसिक रोग बतलाया. उन्होंने भी कहीं ना कहीं इन मोबाइलों के प्रयोग को ही जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं इस प्रकार की घटनाओं के लिए आज का मोबाइल जिम्मेदार है. उन्होंने इससे बचने के कई उपाय भी बताएं.

Intro:धनबाद: जिले में कुछ दिनों से बलात्कार जैसी घृणित घटना में काफी बढ़ोतरी हुई है.चाहे वह महिला हो लड़कियां हो या फिर मासूम बच्चे सभी के साथ वहशी दरिंदे इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं.सबसे आश्चर्य वाली बात यह है कि इस प्रकार की घटना में ज्यादातर जानने-पहचानने वाले ही लोग होते हैं. खासकर पड़ोसी और रिश्तेदार इसमें शामिल हैं.ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर हमारा समाज कहां जा रहा है और इसे कैसे बचाया जाए.


Body:इस साल अभी तक 30 दुष्कर्मीयों को मिल चुकी है सजा

गौरतलब है कि जिले में अगर हम बीते छह माह की ही बात करें तो इस साल जून माह में अभी तक कोर्ट से भी 30 दुष्कर्मीयों को सजा मिल चुकी है. जिसमें ज्यादातर इस प्रकार की घटना करने वाले रिश्तेदार ही हैं. कठोर से कठोर सजा देने के बाद भी इस प्रकार की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है यह चिंता का विषय है.

12 महीने में 85 नाबालिगों से घटी है दुष्कर्म की घटना

नाबालिग से दुष्कर्म के बाद पोक्सो एक्ट के तहत मामला भी दर्ज किया जा रहा है और इन वहशी दरिंदों को कठोर से कठोर सजा भी दी जा रही है.धनबाद जिले में पिछले वर्ष में 12 महीने की अगर हम बात करें तो 85 नाबालिगों से दुष्कर्म की घटना घट चुकी है. इसमें पुलिस ने उसके खिलाफ पोक्सो एक्ट की धारा 7 और 8 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर आरोपितों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की कोशिश में भी जुटी हुई है लेकिन इन सब के बावजूद आज भी धनबाद में इस प्रकार की घटनाओं में कमी नहीं आई है.

तोप चाची की घटना ने धनबाद को किया शर्मसार

हाल ही के दिनों में तोपचांची, बलियापुर पाथरडीह क्षेत्र में हुए नाबालिग से दुष्कर्म की घटना ने फिर से एक बार धनबाद में भूचाल ला दिया है. तोपचांची की घटना ने तो पूरे धनबाद को झकझोर कर रख दिया,क्योंकि तोपचांची में दूधमुही 2 साल की बच्ची के साथ 20 वर्षीय युवक ने इस दरिंदगी को किया जो रिश्ते में भाई लगता था.

जून महीने में अब तक नाबालिगों के साथ हो चुका दुष्कर्म

1. 10 जून को बरवाअड्डा थाना क्षेत्र में किशोरी से दुष्कर्म
2. 17 जून को तेतुलमारी में 6 साल की बच्चे के साथ दुष्कर्म
3. 22 जून को बलियापुर में दुष्कर्म की घटना को गांव के तीन युवकों ने दिया अंजाम
4. पाथरडीह में 7 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म आरोपी 40 वर्षीय व्यक्ति
5. तोपचांची थाना क्षेत्र में दूधमुही बच्ची के साथ 20 वर्षीय भाई ने किया दुष्कर्म

न हीं कठोर कानून की कमी है और ना ही अमल से लाने में भी अब किसी प्रकार की कोताही हो रही है,लेकिन फिर भी इस प्रकार की घटनाओं में वृद्धि हो रही है घटना में कमी नहीं आ रही है यह समाज के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. जब धनबाद के विभिन्न वर्गों के लोगों से इस संबंध में बातचीत की गई तो लगभग सभी वर्गों के लोगों ने इस प्रकार की घटनाओं के लिए बहुत हद तक इस्तेमाल हो रहे एंड्राइड मोबाइल को इसका जिम्मेवार बतलाया.लोगों ने कहा फेसबुक,व्हाट्सएप और इंटरनेट के जरिए पोर्न वीडियो देखने के कारण लोगों में मानसिक विकृतियां बढ़ रही है. जिसे किसी कानून के द्वारा खत्म नहीं किया जा सकता है इसमें समाज के लोगों को खुद पहल करनी होगी और इसे इस प्रकार ही कम किया जा सकता है. लोगों ने कहा कि आज अपने बच्चियों को घर से बाहर भेजने में डर लगता है लोग अपने बच्चों की निगरानी कर रहे हैं और स्कूल और ट्यूशन साथ ले जा रहे हैं साथ में आ हैं.




Conclusion:वहीं जब इस संबंध में मनोरोग चिकित्सक डॉ बी के सिंह से बात की गई तो उन्होंने इसे एक प्रकार से मानसिक रोग बतलाया और उन्होंने भी कहीं ना कहीं इन मोबाइलों के प्रयोग को ही जिम्मेवार ठहराया. उन्होंने कहा कि कहीं ना कहीं इस प्रकार की घटनाओं के लिए आज का मोबाइल जिम्मेवार है, साथ ही साथ उन्होंने इससे बचने के कई उपाय भी बताएं.

बाइट

1. वरना प्रसाद- गृहिणी
2. बालेश्वर चौरसिया- अभिभावक
3. डीएन सिंह- उप प्रमुख सह समाजसेवी
4. डॉ बी के सिंह-मनोरोग चिकित्सक
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