रांची: मांडर कॉलेज फर्जीवाड़ा मामले को जल्द से जल्द निपटाने के उद्देश्य से आरयू ने सिंडिकेट की आपात बैठक कर एक बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले में फर्जीवाड़ा में शामिल तीनों शिक्षकों पर सिंडिकेट के सदस्यों ने गाज गिराई है. फिलहाल अब अंतिम फैसला कोर्ट को लेना है. विश्वविद्यालय ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपने का निर्णय लिया है.
गौरतलब है कि अरसे से मांडर कॉलेज के इन तीनों लेक्चरर का मामला जग जाहिर होने के बावजूद आरयू प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की गई. इसे लेकर लगातार आरयू प्रशासन पर सवाल भी खड़े होते रहे हैं. इसके मद्देनजर वीसी रमेश कुमार पांडे ने सिंडिकेट की आपात बैठक बुलाकर मामले को रफा-दफा कर दिया है. सिंडिकेट की बैठक में मांडर कॉलेज में फर्जीवाड़ा मामले में संलिप्त तीन लेक्चरर पर कार्रवाई कर दी गई है.
प्रोफेसर मधुप किशोर, डॉ सच्चिदानंद प्रसाद, डॉ हरिशंकर प्रसाद पर कार्रवाई करते हुए तीनों शिक्षकों को सिंडिकेट ने बर्खास्त कर दिया. गौरतलब है कि इन तीनों शिक्षकों की नियुक्ति 33 साल पहले की गई. साल 1985 में मांडर कॉलेज में इन लोगों ने अपना योगदान दिया. लेकिन जांच के बाद ये पाया गया कि इन तीनों प्रोफेसरों के प्रमाण पत्र सही नहीं है. वहीं, फिजिक्स में फेल 80 विद्यार्थियों ने वीसी रमेश कुमार पांडे से मुलाकात कर कॉपी री चेक करने की मांग की है.