चाईबासा: लोकसभा चुनाव से पूर्व पश्चिम सिंहभूम पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. हार्डकोर नक्सली दंपत्ति ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष रविवार को आत्मसमर्पण कर दिया. बताया जा रहा की इस नक्सली दंपत्तिपर एक-एक लाख रुपये का इनाम था.
झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर भाकपा माओवादी के हार्डकोर नक्सली गणेश्वर और उसकी पत्नी शांति कंडुलना ने पश्चिम सिंहभूम पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है. नक्सली दंपत्तिप्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के सब जोनल कमांडर अनमोल दा उर्फ समर दा के दस्ते के साथ वर्षों से काम कर रहे थे.
जबरन करवाई थी नसबंदी
दोनों नक्सली दंपत्ति को भाकपा माओवादी के शीर्ष नेताओं ने काफी प्रताड़ित किया था. दस्ते में रहते हुए ही दोनों नक्सली दंपत्तिको माओवादी के शीर्ष नेताओं के दबाव में आकर पुरुष नक्सली का नसबंदी भी करा दिया गया था. जिसे लेकर गोइंदा गगराई काफी मानसिक तनाव में था. इसके साथ ही जिले में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे हैं अभियान को लेकर भी गोइंदा गगराई काफी दबाव में था. नक्सली दंपत्तिके परिजनों के काफी समझाने के बाद दोनों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में जुड़ने का फैसला लिया.
दोनों को दिए गए 50-50 हजार के चेक
बता दें कि दोनों नक्सली दंपत्तिपर 1-1 लाख रुपए का इनाम रखा गया था. वहीं, पुलिस अधीक्षक चंदन झा ने झारखंड सरकार आत्मसमर्पण नीति के तहत भाकपा माओवादी नक्सली दंपत्तियों को 50-50 हजार रुपये का चेक दिया.
कई अपराधिक मामले में थे संलिप्तता
प्रशासन के अनुसार दोनों के विरुद्ध विभिन्न थानों में कई मामले दर्ज हैं. गुआ थाना क्षेत्र अंतर्गत अवैध अग्नियास्त्र विस्फोटक सामग्री रखने एवं लेवी मांगने, सदर थाना क्षेत्र अंतर्गत कोर्ट में पेशी के बाद मंडल कारा चाईबासा में मारपीट कर जेल ब्रेक कर फरार होने कभी आरोप है. साथ ही किरीबुरू थाना क्षेत्र अंतर्गत सुरक्षाबलों को क्षति पहुंचाने के नियत से पक्की सड़क में बम लगाने का भी आरोप है.