रांची: झारखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा 3 दिवसीय विशेष मध्यस्थता अभियान का आयोजन मध्यस्थता केंद्र में किया गया. इसमें परिवार न्यायालय में लंबित वैवाहिक फौजदारी प्रीलिटिगेशन दहेज उत्पीड़न जैसे विभिन्न मामलों का निस्तारण किया गया.
विशेष मध्यस्था के आखिरी दिन 6 साल पुराने परिवारिक लंबित मामले का निस्तारण काउंसलिंग के जरिए किया गया. आपसी परिवारिक कलह के कारण टूटते परिवार को जोड़ने के उद्देश्य से जिला विधिक सेवा प्राधिकार के मध्यस्थता केंद्र में हर एक 3 महीने में विशेष मध्यस्थता का आयोजन किया जाता है. इस बार के विशेष मध्यस्थता में अधिक से अधिक मामलों के निस्तारण के लिए 7 पैनल अधिवक्ताओं ने किया. वहीं, 3 दिनों के विशेष मध्यस्थता में कुल 83 मामलो का निष्पादन किया गया.
मध्यस्थता के जरिए लोगों को जहां एक तरफ जटिल कानूनी प्रक्रिया से सुलभ न्याय मिलता है बल्कि किसी भी स्तर पर लंबित मामलों का निष्पादन समय की बचत करते हुए कम खर्च में होता है. साथ ही लोगों को पूरी तरह से संतुष्ट भी किया जाता है. इससे लोगों के बीच आपसी संबंध हमेशा के लिए बरकार रहता है. यही कारण है कि लोगों में इसके प्रति रुचि और जागरूकता दिनों दिन बढ़ती जा रही है.