बोकारो: देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान वेदांता समूह की ओर से 600 से ज्यादा मजदूरों की छटनी पर राजनीतिक तेज हो गई है. जिले के चंदनकियारी विधायक और झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री अमर बाउरी, पूर्व मंत्री उमाकांत रजक ने विरोध प्रकट किया है. अमर कुमार बाउरी ने राज्य के सभी मजदूरों को अविलंब राहत सामग्री उपलब्ध कराने के विषय को लेकर एक दिवसीय उपवास रखा.
विधायक अमर बाउरी ने राज्य सरकार से मांग कि है कि अन्य राज्यों में फंसे सभी प्रवासी मजदूरों को अविलंब राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाए, ताकि लोगों को लॉकडाउन के दौरान किसी तरह की समस्या से जूझना न पड़े. वहीं, बोकारो के इलेक्ट्रो स्टील वेदांता समूह की ओर से अपने मजदूरों को हटाए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रबंधन इस मामले को गंभीरता से समझे और इस विषम परिस्थिति के समय किसी भी मजदूर या कर्मचारी को न हटाया जाए. उन्होंने कहा कि इस समय प्रधानमंत्री के साथ 135 करोड़ देशवासी कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं. प्रधानमंत्री ने सभी संस्थाओं से आग्रह भी किया कि इस आपदा और विषम परिस्थिति में किसी भी मजदूर को या कर्मचारी को ना हटाया जाए और उन्हें समय पर उनका वेतन दिया जाए. बावजूद इसके वेदांता ने 600 से 700 के करीब मजदूरों को उनके पद से हटा दिया है.
इसको लेकर अमर बाउरी ने प्रबंधन से आग्रह किया कि इस विकट परिस्थिति में मजदूरों के परिवारों को दिक्कत ना हो, इसके लिए इतना कठोर कदम ना उठाएं. वहीं पूर्व मंत्री उमाकांत रजक ने चंदनकियारी के सियालजोरी में कहा वेदांता इलेक्ट्रो स्टील लिमिटेड कंपनी अपने कर्मचारियों को छंटनी करने में जुटी है. लॉकडाउन के दौरान वेदांता इलेक्ट्रो स्टील लिमिटेड कंपनी की ओर से करीब 7 सौ मजदूरों की छंटनी करना पूर्णत अमानवीय और अनूचित हैं. उन्होंने कहा कि कंपनी की इस मनमानी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.