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मनरेगा कार्य की धीमी गति पर सचिव ने जतायी नाराजगी, लंबित योजनाओं को 1 सप्ताह के अंदर पूरा करने का निर्देश - रांची में मनरेगा कार्य

रांची में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन ने ऑनलाइन बैठक की. बैठक में प्रखंडवार मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं की समीक्षा की गई. इस दौरान सचिव ने कार्य की धीमी गति देख नाराजगी जतायी, साथ ही कई दिशा-निर्देश भी दिए.

online meeting of Rural Development Department
ग्रामीण विकास विभाग की ऑनलाइन मीटिंग
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Published : Jun 2, 2021, 8:42 AM IST

रांची: ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन ने वर्चुअल माध्यम से मंगलवार को आयोजित ऑनलाइन बैठक में प्रखंडवार मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं की समीक्षा की. उन्होंने सभी जिलों के सभी उपविकास आयुक्त और प्रखंड विकास पदाधिकारी से प्रखंड में संचालित मनरेगा कार्य की पंचयातवार जानकारी ली और कार्य की गति को देखकर नाराजगी व्यक्त की. साथ ही सचिव ने इस कोरोना काल में गांवों में मनरेगा के तहत योजनाएं संचालित कर ग्रामीणों को अपने गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.

ये भी पढ़ें-हर हाथ कामः मुख्यमंत्री श्रमिक योजना से मजदूरों को मिल रहा रोजगार

मनरेगा कार्य का उद्देश्य ग्रामीणों को रोजगार देना

सचिव मनीष रंजन ने स्पष्ट कहा कि मनरेगा कार्य का उद्देश्य ग्रामीणों को रोजगार उपलबध कराना है. उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी को हरहाल में मनरेगा के तहत प्रत्येक गांव में पांच-छह योजनाएं संचालित कर रोजगार सृजन करते हुए पलायन रोकने को लेकर निर्देशित किया है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि गांव से पलायन नहीं हो इसे सुनिश्चित करें और ऐसा होने पर जबावदेही तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी.

लंबित योजनाओं को 1 सप्ताह के अंदर पूरा करने के निर्देश

सचिव ने सभी लंबित योजनाओं को 1 सप्ताह के अंदर पूर्ण करने का निर्देश दिया है. उन्होंने मनरेगा के तहत कार्य करने वाले श्रमिकों को समय पर मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया, जिस पर उन्होंने अधिक से अधिक श्रमिको को एक सौ दिन तक रोजगार मुहैया हो इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.

अन्य योजनाओं को दें गति

साथ ही बैठक के दौरान जल संबंधी योजना के तहत टीसीबी, समेत अन्य योजनाओं की समीक्षा के बाद गति देने का निर्देश दिया गया. वहीं, सचिव ने दीदी बाड़ी योजना की स्थिति पर नाराजगी व्यक्त किया और अविलंब दीदी बाड़ी योजना के तहत लाभुकों को जोड़ कर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाने की बात कही. मनरेगा से गांव में रोजगार सृजन को लेकर अन्य कई दिशा-निर्देश दिया. सचिव ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देशित किया है कि मनरेगा कार्य में थोड़ी सी भी लापरवाही नहीं हो.

शत-प्रतिशत योजना का हो जिओ टैगिंग

सचिव ने मनरेगा से बन रहे योजनाओं का स्थल निरीक्षण करने समेत अन्य कई दिशा निर्देश दिए. रिजेक्टेड ट्रांजैक्शन, पीएफएमएस की ओर से मनरेगा श्रमिकों के रिजेक्टेड खाता अविलंब सुधार करने, शतप्रतिशत योजना का जिओ टैगिंग करने और लक्ष्य के अनरूप गांव में योजना संचालित कर मानव दिवस सृजन करने को लेकर निर्देशित किया. इस दौरान उन्होंने जितने भी अपूर्ण योजनाएं हैं उसे प्राथमिकता के साथ पूर्ण कराने को लेकर निर्देशित किया. इस बैठक में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को मनरेगा में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. साथ ही मनरेगा में सिर्फ महिला मेट से ही कार्य लिए जाने ओर सभी योजना में सिर्फ महिला मेट को ही निबंधित किए जाने का निर्देश दिया.

लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना है लक्ष्य

सचिव मनीष रंजन ने कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जीवन स्तर में सुधार लाने का प्रयास करना मुख्य उद्देश्य है. वहीं, मनरेगा आयुक्त वरुण रंजन ने कहा कि जिला और प्रखंड स्तर पर सभी अधिकारियों को लगातार विकास के कार्यों के लिए प्रयासरत रहने की आवश्यकता है ताकि इन योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जा सके.

रांची: ग्रामीण विकास विभाग के सचिव मनीष रंजन ने वर्चुअल माध्यम से मंगलवार को आयोजित ऑनलाइन बैठक में प्रखंडवार मनरेगा के तहत संचालित योजनाओं की समीक्षा की. उन्होंने सभी जिलों के सभी उपविकास आयुक्त और प्रखंड विकास पदाधिकारी से प्रखंड में संचालित मनरेगा कार्य की पंचयातवार जानकारी ली और कार्य की गति को देखकर नाराजगी व्यक्त की. साथ ही सचिव ने इस कोरोना काल में गांवों में मनरेगा के तहत योजनाएं संचालित कर ग्रामीणों को अपने गांव में ही रोजगार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया.

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मनरेगा कार्य का उद्देश्य ग्रामीणों को रोजगार देना

सचिव मनीष रंजन ने स्पष्ट कहा कि मनरेगा कार्य का उद्देश्य ग्रामीणों को रोजगार उपलबध कराना है. उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी को हरहाल में मनरेगा के तहत प्रत्येक गांव में पांच-छह योजनाएं संचालित कर रोजगार सृजन करते हुए पलायन रोकने को लेकर निर्देशित किया है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि गांव से पलायन नहीं हो इसे सुनिश्चित करें और ऐसा होने पर जबावदेही तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी.

लंबित योजनाओं को 1 सप्ताह के अंदर पूरा करने के निर्देश

सचिव ने सभी लंबित योजनाओं को 1 सप्ताह के अंदर पूर्ण करने का निर्देश दिया है. उन्होंने मनरेगा के तहत कार्य करने वाले श्रमिकों को समय पर मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया, जिस पर उन्होंने अधिक से अधिक श्रमिको को एक सौ दिन तक रोजगार मुहैया हो इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.

अन्य योजनाओं को दें गति

साथ ही बैठक के दौरान जल संबंधी योजना के तहत टीसीबी, समेत अन्य योजनाओं की समीक्षा के बाद गति देने का निर्देश दिया गया. वहीं, सचिव ने दीदी बाड़ी योजना की स्थिति पर नाराजगी व्यक्त किया और अविलंब दीदी बाड़ी योजना के तहत लाभुकों को जोड़ कर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाने की बात कही. मनरेगा से गांव में रोजगार सृजन को लेकर अन्य कई दिशा-निर्देश दिया. सचिव ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देशित किया है कि मनरेगा कार्य में थोड़ी सी भी लापरवाही नहीं हो.

शत-प्रतिशत योजना का हो जिओ टैगिंग

सचिव ने मनरेगा से बन रहे योजनाओं का स्थल निरीक्षण करने समेत अन्य कई दिशा निर्देश दिए. रिजेक्टेड ट्रांजैक्शन, पीएफएमएस की ओर से मनरेगा श्रमिकों के रिजेक्टेड खाता अविलंब सुधार करने, शतप्रतिशत योजना का जिओ टैगिंग करने और लक्ष्य के अनरूप गांव में योजना संचालित कर मानव दिवस सृजन करने को लेकर निर्देशित किया. इस दौरान उन्होंने जितने भी अपूर्ण योजनाएं हैं उसे प्राथमिकता के साथ पूर्ण कराने को लेकर निर्देशित किया. इस बैठक में सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को मनरेगा में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. साथ ही मनरेगा में सिर्फ महिला मेट से ही कार्य लिए जाने ओर सभी योजना में सिर्फ महिला मेट को ही निबंधित किए जाने का निर्देश दिया.

लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना है लक्ष्य

सचिव मनीष रंजन ने कहा कि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से जीवन स्तर में सुधार लाने का प्रयास करना मुख्य उद्देश्य है. वहीं, मनरेगा आयुक्त वरुण रंजन ने कहा कि जिला और प्रखंड स्तर पर सभी अधिकारियों को लगातार विकास के कार्यों के लिए प्रयासरत रहने की आवश्यकता है ताकि इन योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाया जा सके.

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