रांची: ग्रामीण विकास की सचिव आराधना पटनायक ने महिला विकास सशक्तिकरण परियोजना के अंतर्गत राज्य के 6 जिलों के 10 ग्रामीण सेवा केंद्र की महिला सदस्यों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. उन्होंने पश्चिम सिंहभूम, खूंटी, गुमला, सिमडेगा, दुमका और जामताड़ा जिले के ग्रामीण सेवा केंद्र की महिलाओं से बात कर उनकी आजीविका से संबंधित पहलुओं की जानकारी ली और अपने सुझाव दिए.
सचिव ने ग्रामीण सेवा केंद्र की दीदियों के आजीविका को सशक्त बनाने के लिए आने वाले दिनों में सिमडेगा में पत्ता निर्माण, गुमला में सरसों तेल प्रसंस्करण और खूंटी में चावल मिल के लिए अवसर उपलब्ध कराने की बात कही. उन्होंने कहा कि स्थानीय संसाधनों के आधार पर ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को सशक्त आजीविका से जोड़ने पर हमारा फोकस है.
उत्पादन बढ़ाने के लिए हर संभव मदद का भरोसा
अधिकारी ने ग्रामीण सेवा केंद्र के जरिए कोकून उत्पादन से जुड़ी महिलाओं से बात कर उनकी आजीविका के बारे में जानकारी ली. इस दौरान महिलाओं ने उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रेशम उत्पादन का लाइव प्रदर्शन भी दिया. ग्रामीण विकास सचिव ने उन्हें अपने व्यवसाय और उत्पादन को बढ़ाने की सलाह देते हुए विभाग द्वारा हर संभव सहायता उपलब्ध कराने की भरोसा दिया है.
ग्रामीण सेवा केंद्र से जुड़कर महिलाओं की आमदनी बढ़ी
पश्चिम सिंहभूम के खुटपानी प्रखंड के अहबुरु ग्रामीण सेवा केंद्र की गोडसोरा ने बताया हमारे ग्रामीण सेवा केंद्र से जुड़कर लगभग 1,100 महिलाएं किसान समूह रूप में कोकून की खेती कर उसकी बिक्री कर रही हैं. कोकून की खेती से हर महिला को 40 से 45 दिन में 40 से 60 हजार रुपए तक की आमदनी हो जाती है.
खूंटी जिले की कालामाटी ग्रामीण सेवा केंद्र की सोनामती उरांव ने ग्रामीण विकास सचिव से बात करते हुए कहा ग्रामीण सेवा केंद्र से जुड़कर महिलाओं की आमदनी बढ़ी है. ग्रामीण सेवा केंद्र के जरिए हम अपने उत्पादों की सामूहिक खरीद-बिक्री कर पा रहे हैं. सभी सदस्यों की सालाना 25-30 हजार रुपए की कमाई हो जाती है.