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जानिए किस मामले की सुनवाई के दौरान सरकार के जवाब से नाराज झारखंड हाई कोर्ट ने सचिव को किया तलब - massanjore dam in dumka

दुमका के मसानजोर डैम के पानी और बिजली का लाभ संथाल परगना के लोगों को मिले इसे लेकर दायर याचिका पर झारखड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सरकार के जवाब पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की.

hearing on massanjore dam case in jharkhand high court
झारखंड हाई कोर्ट
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Published : Sep 24, 2021, 12:36 PM IST

Updated : Sep 24, 2021, 12:54 PM IST

रांचीः दुमका के मसानजोर डैम के पानी और बिजली का लाभ संथाल परगना के लोगों को मिले इसकी मांग को लेकर सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सरकार के द्वारा जवाब पेश किया गया. अदालत ने सरकार के द्वारा पेश किए गए आधे-अधूरे जवाब पर असंतुष्टि व्यक्त की. झारखंड सरकार के जल संसाधन विभाग के सचिव को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अगली सुनवाई के दौरान अदालत में हाजिर होकर जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी.

ये भी पढ़ेंः 11 गैर-अनुसूचित जिला में शिक्षक नियुक्ति मामलाः हाई कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता ने किया आश्वस्त, सरकार ले रही नीतिगत फैसला

झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया. राज्य सरकार के जवाब पर अदालत ने असंतुष्टि व्यक्त की. पूछा कि जिस बिंदु पर अदालत ने जवाब पेश करने को कहा था. उस बिंदु पर क्यों नहीं जवाब पेश किया गया. सरकार के अधिवक्ता द्वारा सकारात्मक जवाब नहीं दिए जाने के कारण अदालत ने विभाग के सचिव को हाजिर होकर जवाब देने को कहा है.

जानकारी देते अधिवक्ता

बता दें कि गोड्डा संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने मसानजोर डैम के पानी और बिजली की सुविधा संथाल परगना के किसानों को मिले इसी की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. याचिका के माध्यम से अदालत को यह जानकारी दी है, कि मसानजोर डैम का कैचमेंट एरिया पूरा झारखंड में है. इसके बावजूद उसके पानी का लाभ झारखंड के लोगों को नहीं मिलता है. इसका पूरा लाभ पड़ोसी राज्य को मिलता है. लेकिन राज्य सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है. राज्य सरकार इस दिशा में कुछ नहीं कर रही है. पूर्व में सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत राज्य सरकार को मामले में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा था. लेकिन राज्य सरकार के द्वारा अदालत में आधा अधूरा जवाब पेश किया गया. राज्य सरकार के जवाब पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त की. सचिव को अदालत में जवाब पेश करने को कहा है.

रांचीः दुमका के मसानजोर डैम के पानी और बिजली का लाभ संथाल परगना के लोगों को मिले इसकी मांग को लेकर सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. सरकार के द्वारा जवाब पेश किया गया. अदालत ने सरकार के द्वारा पेश किए गए आधे-अधूरे जवाब पर असंतुष्टि व्यक्त की. झारखंड सरकार के जल संसाधन विभाग के सचिव को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अगली सुनवाई के दौरान अदालत में हाजिर होकर जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को होगी.

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झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई हुई. इस दौरान हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया. राज्य सरकार के जवाब पर अदालत ने असंतुष्टि व्यक्त की. पूछा कि जिस बिंदु पर अदालत ने जवाब पेश करने को कहा था. उस बिंदु पर क्यों नहीं जवाब पेश किया गया. सरकार के अधिवक्ता द्वारा सकारात्मक जवाब नहीं दिए जाने के कारण अदालत ने विभाग के सचिव को हाजिर होकर जवाब देने को कहा है.

जानकारी देते अधिवक्ता

बता दें कि गोड्डा संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने मसानजोर डैम के पानी और बिजली की सुविधा संथाल परगना के किसानों को मिले इसी की मांग को लेकर झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. याचिका के माध्यम से अदालत को यह जानकारी दी है, कि मसानजोर डैम का कैचमेंट एरिया पूरा झारखंड में है. इसके बावजूद उसके पानी का लाभ झारखंड के लोगों को नहीं मिलता है. इसका पूरा लाभ पड़ोसी राज्य को मिलता है. लेकिन राज्य सरकार को इसकी कोई चिंता नहीं है. राज्य सरकार इस दिशा में कुछ नहीं कर रही है. पूर्व में सुनवाई के दौरान अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत राज्य सरकार को मामले में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा था. लेकिन राज्य सरकार के द्वारा अदालत में आधा अधूरा जवाब पेश किया गया. राज्य सरकार के जवाब पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त की. सचिव को अदालत में जवाब पेश करने को कहा है.

Last Updated : Sep 24, 2021, 12:54 PM IST
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