रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस में आपसी मतभेद के बाद पार्टी की छवि धूमिल हो रही थी और नौबत यहां तक आई कि AICC को इस मामले पर हस्तक्षेप करना पड़ा. जिसके बाद झारखंड के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं के आपसी खींचतान को लेकर दिल्ली में टेबल टॉक किया गया. ऐसे में अब आलाकमान के निर्देशों का झारखंड प्रदेश कांग्रेस कितना पालन कर पाती है. यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है.
चुनाव को लेकर दिए गए कई निर्देश
कांग्रेस आलाकमान के दिल्ली बुलावे पर गए कांग्रेस के नेताओं को सख्त हिदायत दी गई है कि किसी भी हाल में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. जिसके बाद झारखंड प्रदेश कांग्रेस में खलबली मची हुई है. वहीं आगामी विधानसभा की चुनावी तैयारियों में जुटने का निर्देश भी दिया गया है. क्योंकि आपसी मतभेद का खमियाजा कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता है.
मदभेदों को भुलाकर चुनाव लड़ने की तैयारी
इधर, प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने दिल्ली में हुई बैठक के बाद स्पष्ट रूप में कहा है कि आलाकमान अनुशासनहीनता के मामले पर सख्त हैं और कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए हैं. ऐसे में उन्होंने दावा किया है कि प्रदेश कांग्रेस सभी मतभेदों को भुलाकर एकजुट होकर चुनावी तैयारी में लगेगी.
आपसी मतभेद का बुरा असर संगठन पर पड़ा
हालांकि प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा है कि प्रदेश कांग्रेस के आपसी मतभेद का बुरा असर संगठन पर पड़ा है, जो चुनाव में पार्टी के लिए घातक साबित हो सकता है. ऐसे में उन्होंने उम्मीद जताई है कि आलाकमान के सख्त निर्देश का असर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं पर पड़ेगा और आगामी विधानसभा चुनाव के परिणाम को बेहतर बनाने में एकजुट होकर सभी नेता और कार्यकर्ता अपनी भूमिका निभाएंगे.