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अवैध संबंध के चक्कर में पुलिस के हत्थे चढ़े 3 हार्डकोर नक्सली, हथियार बरामद - हथियार

हजारीबाग पुलिस ने टीपीसी के तीन हार्डकोर उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से दो जिंदा कारतूस, दो देसी कार्बाइन, तीन सेट वर्दी, लेवी के 13 हजार रुपये और 6 मोबाइल बरामद किए गए हैं.

3 नक्सली गिरफ्तार
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Published : Jun 8, 2019, 9:13 PM IST

Updated : Jun 8, 2019, 11:22 PM IST

हजारीबाग: हार्डकोर टेरर टीपीसी का उग्रवादी अरुण मंडल उर्फ रंजीत अवैध संबंध के कारण पुलिस के हत्थे चढ़ गया. हजारीबाग पुलिस को एक बड़ी सफलता तो जरूर मिली है, लेकिन इस सफलता के पीछे महिला का हाथ बताया जा रहा है.

3 नक्सली गिरफ्तार

हथियार बरामद
हजारीबाग पुलिस ने एक महिला को हजारीबाग के कालीबाड़ी रोड से गिरफ्तार किया. जिससे पूछताछ की गई. पूछताछ के दौरान उसने टीपीसी के उग्रवादी के बारे में जानकारी दी और पुलिस ने रणनीति के तहत तीन टीपीसी के उग्रवादी अरुण मंडल, भीम कुमार और सुनील कुमार को इचाक के जंगल से गिरफ्तार कर लिया. जिनके पास से दो जिंदा कारतूस, दो देसी कार्बाइन, तीन सेट वर्दी, लेवी के 13 हजार रुपये और 6 मोबाइल बरामद किए गए हैं.

तीन उग्रवादी गिरफ्तार
दरअसल, हजारीबाग पुलिस बैजनाथ महतो हत्याकांड को लेकर जांच कर रही थी. उसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि इचाक की एक महिला अपहरण मामले में संलिप्त है. इस मामले को लेकर जब जांच किया गया तो पुलिस को कुछ और भी जानकारी मिली. पुलिस को पता चला कि महिला का संबंध टीपीसी के उग्रवादी अरुण मंडल से है. महिला से पूछताछ के दौरान अरूण मंडल के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली. जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन उग्रवादी को गिरफ्तार किया है.

लेवी वसूलने का काम करता था
अरुण मंडल के बारे में बताया जा रहा है कि वह बेंगाबाद के दुष्कर्म और हत्या मामले में हजारीबाग के बाल सुधार गृह में बंद था और वहां से 2008 में फरार हो गया. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया. अरुण मंडल के बारे में पुलिस ने जानकारी दी कि टीपीसी के समानांतर एक अलग संगठन चला रहा था. जिसकी जानकारी टीपीसी को भी नहीं थी, जो हजारीबाग और उसके आसपास के इलाके में सक्रिय था. अरुण मंडल लेवी वसूलने का काम किया करता था.

ये भी पढ़ें- खाते से उड़ रहे पैसे, तमाशा देख रही पुलिस, 6 महीने में लाखों रुपए गायब

अरुण मंडल का तार राज्य के बाहर भी
हजारीबाग एसपी अभियान रमेश कुमार ने बताया कि अरुण मंडल जब जेल गया था, उसी दौरान संगठन विस्तार करने की योजना बनाया. जेल से बाहर निकला तो कई लोगों को संगठन में जोड़ने का प्रयास किया. खासकर युवाओं को पैसे और आधुनिक सामान देने का लालच दिया और फायदा उठाकर उन्हें भी संगठन में भर्ती कराया. एसपी अभियान का दावा है कि अरुण मंडल का तार राज्य के बाहर भी कई आपराधिक गिरोह से जुड़ा हुआ है, जिससे वह हथियार खरीदा करता था.

हजारीबाग: हार्डकोर टेरर टीपीसी का उग्रवादी अरुण मंडल उर्फ रंजीत अवैध संबंध के कारण पुलिस के हत्थे चढ़ गया. हजारीबाग पुलिस को एक बड़ी सफलता तो जरूर मिली है, लेकिन इस सफलता के पीछे महिला का हाथ बताया जा रहा है.

3 नक्सली गिरफ्तार

हथियार बरामद
हजारीबाग पुलिस ने एक महिला को हजारीबाग के कालीबाड़ी रोड से गिरफ्तार किया. जिससे पूछताछ की गई. पूछताछ के दौरान उसने टीपीसी के उग्रवादी के बारे में जानकारी दी और पुलिस ने रणनीति के तहत तीन टीपीसी के उग्रवादी अरुण मंडल, भीम कुमार और सुनील कुमार को इचाक के जंगल से गिरफ्तार कर लिया. जिनके पास से दो जिंदा कारतूस, दो देसी कार्बाइन, तीन सेट वर्दी, लेवी के 13 हजार रुपये और 6 मोबाइल बरामद किए गए हैं.

तीन उग्रवादी गिरफ्तार
दरअसल, हजारीबाग पुलिस बैजनाथ महतो हत्याकांड को लेकर जांच कर रही थी. उसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि इचाक की एक महिला अपहरण मामले में संलिप्त है. इस मामले को लेकर जब जांच किया गया तो पुलिस को कुछ और भी जानकारी मिली. पुलिस को पता चला कि महिला का संबंध टीपीसी के उग्रवादी अरुण मंडल से है. महिला से पूछताछ के दौरान अरूण मंडल के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली. जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन उग्रवादी को गिरफ्तार किया है.

लेवी वसूलने का काम करता था
अरुण मंडल के बारे में बताया जा रहा है कि वह बेंगाबाद के दुष्कर्म और हत्या मामले में हजारीबाग के बाल सुधार गृह में बंद था और वहां से 2008 में फरार हो गया. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया. अरुण मंडल के बारे में पुलिस ने जानकारी दी कि टीपीसी के समानांतर एक अलग संगठन चला रहा था. जिसकी जानकारी टीपीसी को भी नहीं थी, जो हजारीबाग और उसके आसपास के इलाके में सक्रिय था. अरुण मंडल लेवी वसूलने का काम किया करता था.

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अरुण मंडल का तार राज्य के बाहर भी
हजारीबाग एसपी अभियान रमेश कुमार ने बताया कि अरुण मंडल जब जेल गया था, उसी दौरान संगठन विस्तार करने की योजना बनाया. जेल से बाहर निकला तो कई लोगों को संगठन में जोड़ने का प्रयास किया. खासकर युवाओं को पैसे और आधुनिक सामान देने का लालच दिया और फायदा उठाकर उन्हें भी संगठन में भर्ती कराया. एसपी अभियान का दावा है कि अरुण मंडल का तार राज्य के बाहर भी कई आपराधिक गिरोह से जुड़ा हुआ है, जिससे वह हथियार खरीदा करता था.

Intro:हजारीबाग का हार्डकोर टेरर टीपीसी का उग्रवादी अरुण मंडल उर्फ रंजीत अवैध संबंध के कारण पुलिस के हाथ चढ़ा। हजारीबाग पुलिस को एक बड़ी सफलता तो जरूर मिली है लेकिन इस सफलता के पीछे महिला का हाथ बताया जा रहा है।


Body:हजारीबाग पुलिस ने पूनम नामक महिला को हजारीबाग के कालीबाड़ी रोड से गिरफ्तार किया।जिससे पूछताछ की गई पूछताछ के दौरान उन्होंने टीपीसी के उग्रवादी के बारे में जानकारी दी और पुलिस ने रणनीति के तहत तीन टीपीसी के उग्रवादी अरुण मंडल, भीम कुमार और सुनील कुमार को इचाक के जंगल से गिरफ्तार किया है। जिनके पास से दो जिंदा कारतूस, दो देसी देसी कार्बाइन, इन तीन सेट वर्दी ,₹13000 रुपया लेवी कार्यक्रम और 6 मोबाइल बरामद किया गया है।

दरअसल हजारीबाग पुलिस बैजनाथ महतो हत्या कांड को लेकर जांच कर रही थी। उसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि इचाक की पूनम उर्फ लखिया अपहरण मामले में संलिप्त है। इस मामले को लेकर जब जांच किया गया तो पुलिस को कुछ और भी जानकारी मिली कि उसका संबंध टीपीसी के उग्रवादी अरुण मंडल से है ।पूनम से पूछताछ के दौरान अरूण मंडल के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली। जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन उग्रवादी को गिरफ्तार किया है।

अरुण मंडल बारे में बताया जा रहा है कि वह बेंगाबाद के बलात्कार और हत्या मामले में हजारीबाग के बाल सुधार गृह में बंद था और वहां से 2008 में फरार हो गया। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया। अरुण मंडल के बारे में पुलिस ने जानकारी दी कि टीपीसी के समानांतर एक अलग संगठन चला रहा था। जिसकी जानकारी टीपीसी को भी नहीं थी। जो हजारीबाग और उसके आसपास के इलाके में सक्रिय था। मुख्य अरुण मंडल लेवी वसूलने का काम किया करता था।

हजारीबाग एसपी अभियान रमेश कुमार ने बताया कि जब अरुण मंडल जेल गया था उसी दौरान संगठन विस्तार करने की योजना बनाया। जेल से बाहर निकला तो कई लोगों को संगठन में जोड़ने का प्रयास किया ।खासकर कर युवा को पैसा और आधुनिक सामान देने का प्रलोभन दिया और फायदा उठाकर उन्हें भी संगठन में भर्ती कराया। एसपी अभियान का दावा है कि अरुण मंडल का तार राज्य के बाहर भी कई अपराधिक गिरोह से जुड़ा हुआ है जिससे वह हथियार खरीदा करता था।

byte.... रमेश कुमार एसपी अभियान हजारीबाग


Conclusion:कहा जाए तो जिस तरह से उग्रवादी को गिरफ्तार किया गया है ऐसे में क्षेत्र में भी अपराध नियंत्रण भी होगा।
Last Updated : Jun 8, 2019, 11:22 PM IST
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