हजारीबाग: जिले के नवाबगंज रोड स्थित दाता बाबा दरगाह में उर्स का आयोजन किया गया है. जहां देश के कोने-कोने से अकीदतमंद पहुंच कर सर झुकाते हैं और अपनी मुराद मांगते हैं. यह दरगाह आपसी एकता का भी प्रतीक है. जहां हिंदू समुदाय का एक परिवार पिछले 60 साल से फूल का व्यवसाय कर रहा है. उनकी दुकान में बने फूल के चादर से बाबा के मजार पर चादरपोशी की जाती है.
ऐसा कहा भी जाता है कि हजरत दाता मदाराशाह ने अपने जीवन काल में सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारा के लिए अपने जीवन समर्पित कर दिया. बाबा एक महान विचारक और संत थे जो हजारीबाग के सरजमी पर खुदा का पैगाम बांटने आए और यही के रह गए. यही कारण है कि बाबा के मजार पर हर साल सभी कौम के लोग यहां शीश नवाते हैं.
तकिया बाबा मजार के नाम से जाने जाते है मदरसा
तकिया बाबा मजार के नाम से जाना जाने वाला यह मदरसा के बारे में यही कहा जाता है कि यह मुराद पूरी करने वाली है, जो सच्चे मन से आता है उसकी इच्छा पूरा करते हैं. इस दरगाह में सेवा देने वाले कहते हैं कि यह दरगाह जहां एक ओर मुराद पूरी करती है तो दूसरी ओर आपसी एकता का परिचायक भी है. जहां समाज का हर एक तबका के लोग आकर शीश नवाता है और बाबा उसकी झोली खुशियों से भर देते हैं.
ये भी देखें- गया जंक्शन पर दून एक्सप्रेस से 4 किलो सोना बरामद, 2 अंतराष्ट्रीय तस्कर गिरफ्तार
वहीं, एक ओर जहां कुछ लोग दोनों समुदायों के बीच तनाव फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर हजारीबाग का तकिया बाबा मजार पूरे देश को शांति का संदेश देता है. ये लोगों को ये बताता है कि पूरा देश एक है और हमारा परिचय मानवता है.