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पांच राज्यों में आरपीआई को सीटें देने के लिए नड्डा को लिखेंगे पत्र : अठावले

भाजपा के दलित वोट बैंक में इजाफा होने में कहीं ना कहीं आरपीआई से गठबंधन की भी भूमिका है. आने वाले समय में पांच राज्यों में चुनाव होने हैं. ऐसे में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया यानी आरपीआई का सीटों को लेकर क्या रुख रहेगा इसे लेकर 'ईटीवी भारत' ने पार्टी प्रमुख रामदास अठावले से खास बातचीत की. जानिए अठावले ने क्या कहा.

रामदास अठावले
रामदास अठावले
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Published : Feb 15, 2021, 7:23 PM IST

Updated : Feb 15, 2021, 8:49 PM IST

नई दिल्ली : रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया यानी आरपीआई के अध्यक्ष रामदास अठावले ने कहा कि जिन पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी और असम में चुनाव है, वहां आरपीआई का बड़ा वोट बैंक है.

अठावले ने कहा कि आरपीआई दलितों के हितों में काम करती आई है, यही वजह है कि दलित जनाधार बढ़ा है, भाजपा को भी इसका फायदा मिलता रहा है.

उन्होंने कहा कि वह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखने जा रहे हैं. इन राज्यों के चुनाव में वह गठबंधन की पार्टी के तौर पर आरपीआई के लिए सीटों की मांग करेंगे.

आरपीआई अध्यक्ष रामदास अठावले से खास बातचीत

रामदास अठावले का यहां तक कहना है कि यदि भाजपा इन पांच चुनावी राज्यों में उनके उम्मीदवारों को खड़े होने की अनुमति नहीं देती है तो उनकी पार्टी कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी. बाकी सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों का समर्थन करेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि उनका गठबंधन जीत दर्ज करेगा.

अठावले का मानना है कि आरपीआई की वजह से बीजेपी का दलित वोट बैंक बढ़ा है. आरपीआई जिन मूल्यों और आदर्शों को लेकर चलती है चाहें वह बाबा साहब अंबेडकर हों या फिर ज्योतिबा राव फुले उससे गठबंधन में बड़े भाई भाजपा को कहीं न कहीं फायदा मिलता रहा है.

'देश के अन्य राज्यों में भी बढ़ाएंगे पार्टी का जनाधार'
रामदास अठावले ने कहा कि पार्टी के विस्तार कार्यक्रम के तहत सदस्यता अभियान की शुरुआत की गई है. उन्होंने कहा कि अभी तक महाराष्ट्र और कुछ राज्यों में ही उनकी पार्टी सिमट कर रह गई थी, लेकिन अब कार्यकारिणी में निर्णय लिया गया है कि देश भर में पार्टी सदस्यों का मेंबरशिप ड्राइव के तहत विस्तार करेंगे. पार्टी का जनाधार देश के अन्य राज्यों में भी बढ़ाएंगे.

साथ ही उन्होंने कहा कि 'मेरी पार्टी एनडीए के साथ बीजेपी में नरेंद्र मोदीजी के साथ रहेगी.' भूमि मुक्ति आंदोलन को लेकर कहा कि ये सरकार के खिलाफ नहीं है, 25 को एक दिन का आंदोलन होगा.

अब आरपीआई बनाएगी दबाव?

अठावले के संकेतों से साफ है कि शिवसेना और अकाली दल के बाद अब आरपीआई अपनी मांगों के लिए भाजपा पर दबाव बनाएगी. सूत्रों का कहना है कि भाजपा अपने गठबंधन की किसी भी पार्टी से अलग नहीं होना चाहती.

पढ़ें- अठावले का दावा, 80 प्रतिशत किसान करते हैं पीएम का समर्थन

जिस तरह शिरोमणि अकाली दल और पुराने सहयोगी शिवसेना अलग हुए हैं इससे कहीं ना कहीं भाजपा को नुकसान ही उठाना पड़ा है. ऐसे में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पांचों राज्यों में आरपीआई उम्मीदवारों को टिकट दे सकते हैं.

नई दिल्ली : रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया यानी आरपीआई के अध्यक्ष रामदास अठावले ने कहा कि जिन पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी और असम में चुनाव है, वहां आरपीआई का बड़ा वोट बैंक है.

अठावले ने कहा कि आरपीआई दलितों के हितों में काम करती आई है, यही वजह है कि दलित जनाधार बढ़ा है, भाजपा को भी इसका फायदा मिलता रहा है.

उन्होंने कहा कि वह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखने जा रहे हैं. इन राज्यों के चुनाव में वह गठबंधन की पार्टी के तौर पर आरपीआई के लिए सीटों की मांग करेंगे.

आरपीआई अध्यक्ष रामदास अठावले से खास बातचीत

रामदास अठावले का यहां तक कहना है कि यदि भाजपा इन पांच चुनावी राज्यों में उनके उम्मीदवारों को खड़े होने की अनुमति नहीं देती है तो उनकी पार्टी कुछ सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी. बाकी सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों का समर्थन करेगी. साथ ही उन्होंने कहा कि उनका गठबंधन जीत दर्ज करेगा.

अठावले का मानना है कि आरपीआई की वजह से बीजेपी का दलित वोट बैंक बढ़ा है. आरपीआई जिन मूल्यों और आदर्शों को लेकर चलती है चाहें वह बाबा साहब अंबेडकर हों या फिर ज्योतिबा राव फुले उससे गठबंधन में बड़े भाई भाजपा को कहीं न कहीं फायदा मिलता रहा है.

'देश के अन्य राज्यों में भी बढ़ाएंगे पार्टी का जनाधार'
रामदास अठावले ने कहा कि पार्टी के विस्तार कार्यक्रम के तहत सदस्यता अभियान की शुरुआत की गई है. उन्होंने कहा कि अभी तक महाराष्ट्र और कुछ राज्यों में ही उनकी पार्टी सिमट कर रह गई थी, लेकिन अब कार्यकारिणी में निर्णय लिया गया है कि देश भर में पार्टी सदस्यों का मेंबरशिप ड्राइव के तहत विस्तार करेंगे. पार्टी का जनाधार देश के अन्य राज्यों में भी बढ़ाएंगे.

साथ ही उन्होंने कहा कि 'मेरी पार्टी एनडीए के साथ बीजेपी में नरेंद्र मोदीजी के साथ रहेगी.' भूमि मुक्ति आंदोलन को लेकर कहा कि ये सरकार के खिलाफ नहीं है, 25 को एक दिन का आंदोलन होगा.

अब आरपीआई बनाएगी दबाव?

अठावले के संकेतों से साफ है कि शिवसेना और अकाली दल के बाद अब आरपीआई अपनी मांगों के लिए भाजपा पर दबाव बनाएगी. सूत्रों का कहना है कि भाजपा अपने गठबंधन की किसी भी पार्टी से अलग नहीं होना चाहती.

पढ़ें- अठावले का दावा, 80 प्रतिशत किसान करते हैं पीएम का समर्थन

जिस तरह शिरोमणि अकाली दल और पुराने सहयोगी शिवसेना अलग हुए हैं इससे कहीं ना कहीं भाजपा को नुकसान ही उठाना पड़ा है. ऐसे में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पांचों राज्यों में आरपीआई उम्मीदवारों को टिकट दे सकते हैं.

Last Updated : Feb 15, 2021, 8:49 PM IST
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