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क्रशर उद्योग एसोसिएशन की हड़ताल चौथे दिन भी जारी, कहा- जरूरत पड़ी तो सड़कों पर उतरकर करेंगे आंदोलन - क्रशर उद्योग ब्लैकमेलिंग का शिकार

ऊना जिला क्रशर एसोसिएशन द्वारा की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल आज चौथे दिन में प्रवेश कर गई है. एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डिंपल ठाकुर ने कहा कि एसोसिएशन सरकार से लगातार मैकेनिकल माइनिंग (Mechanical Mining) की इजाजत और अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग उठा रहा है. एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि यदि जरूरत पड़ी तो मांगों के समर्थन में क्रशर उद्योग एसोसिएशन सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं करेगी.

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Published : Jul 4, 2021, 7:26 PM IST

ऊना: जिला क्रशर एसोसिएशन (District Crusher Industry) द्वारा की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल (Strike) रविवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गई है. क्रशर उद्योग एसोसिएशन का आरोप है कि क्रशर उद्योग प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व दे रहा है. क्रशर उद्योग एसोसिएशन करीब एक लाख लोगों को रोजगार दे रहा है, बावजूद इसके सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है.

अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग

क्रशर उद्योग एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डिंपल ठाकुर (Dimple Thakur) ने कहा कि एसोसिएशन सरकार से लगातार मैकेनिकल माइनिंग (Mechanical Mining) की इजाजत और अवैध खनन (Illegal mining) पर रोक लगाने की मांग उठा रहा है. उन्होंने कहा कि क्रशर उद्योग ब्लैकमेलिंग का शिकार हो रहा है. सरकार को अनधिकृत लोगों को उनके उद्योगों में आने पर रोक लगानी चाहिए.

चौथे दिन भी जारी रही हड़ताल

डिंपल ठाकुर ने कहा कि जिला में चल रही इस हड़ताल के कारण सरकारी विकास कार्य तो ठप होने ही लगे हैं. साथ ही निजी क्षेत्र के निर्माण कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. जिला क्रशर उद्योग एसोसिएशन द्वारा घोषित की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल रविवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गई है.

सड़कों पर उतरकर करेंगे आंदोलन

प्रदेश सरकार (State Government) द्वारा बरसात के मौसम को देखते हुए नदी नालों में खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. ऐसी परिस्थिति में भवन निर्माण कर रहे लोगों को क्रशर उद्योग का ही सहारा था, लेकिन अब क्रशर उद्योग की हड़ताल हर वर्ग पर भारी पड़ रही है. इतना ही नहीं एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि यदि जरूरत पड़ी तो मांगों के समर्थन में क्रशर उद्योग एसोसिएशन (Crusher Industry Association) सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं करेगी.

एसोसिएशन की प्रमुख मांगें

एसोसिएशन की प्रमुख मांगों में क्रशरों को मैकेनिकल माइनिंग (Mechanical Mining), यानी 80 एचपी पावर तक माइनिंग की अनुमति दी जाए. किसी भी लीज एरिया तथा क्रशर एरिया में अधिकृत अधिकारी के अतिरिक्त असामाजिक अनाधिकृत, शरारती एवं गतिरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति न दी जाए.

मैनुअल तरीके से माइनिंग करना मुश्किल

एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डिंपल ठाकुर का कहना है कि प्रत्येक क्रशर और लीज एरिया में ऐसी मशीनों से माइनिंग करने की अनुमति दी जाए जो नियमों के अनुसार हो क्योंकि श्रमिक या मैनुअल तरीके से माइनिंग करना कतई संभव नहीं है. डिंपल ठाकुर ने कहा कि हर कोई इस उद्योग को बदनाम करने पर तुला हुआ है जबकि देश और विदेश के विकास में यही उद्योग कारगर भूमिका अदा कर रहा है.

ये भी पढ़ें- अटल टनल पर सोनिया गांधी की शिलान्यास पट्टिका स्थापित करे सरकार: संजय दत्त

ऊना: जिला क्रशर एसोसिएशन (District Crusher Industry) द्वारा की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल (Strike) रविवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गई है. क्रशर उद्योग एसोसिएशन का आरोप है कि क्रशर उद्योग प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व दे रहा है. क्रशर उद्योग एसोसिएशन करीब एक लाख लोगों को रोजगार दे रहा है, बावजूद इसके सरकार उनकी मांगों को अनसुना कर रही है.

अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग

क्रशर उद्योग एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डिंपल ठाकुर (Dimple Thakur) ने कहा कि एसोसिएशन सरकार से लगातार मैकेनिकल माइनिंग (Mechanical Mining) की इजाजत और अवैध खनन (Illegal mining) पर रोक लगाने की मांग उठा रहा है. उन्होंने कहा कि क्रशर उद्योग ब्लैकमेलिंग का शिकार हो रहा है. सरकार को अनधिकृत लोगों को उनके उद्योगों में आने पर रोक लगानी चाहिए.

चौथे दिन भी जारी रही हड़ताल

डिंपल ठाकुर ने कहा कि जिला में चल रही इस हड़ताल के कारण सरकारी विकास कार्य तो ठप होने ही लगे हैं. साथ ही निजी क्षेत्र के निर्माण कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. जिला क्रशर उद्योग एसोसिएशन द्वारा घोषित की गई अनिश्चितकालीन हड़ताल रविवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गई है.

सड़कों पर उतरकर करेंगे आंदोलन

प्रदेश सरकार (State Government) द्वारा बरसात के मौसम को देखते हुए नदी नालों में खनन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है. ऐसी परिस्थिति में भवन निर्माण कर रहे लोगों को क्रशर उद्योग का ही सहारा था, लेकिन अब क्रशर उद्योग की हड़ताल हर वर्ग पर भारी पड़ रही है. इतना ही नहीं एसोसिएशन ने ऐलान किया है कि यदि जरूरत पड़ी तो मांगों के समर्थन में क्रशर उद्योग एसोसिएशन (Crusher Industry Association) सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने से भी गुरेज नहीं करेगी.

एसोसिएशन की प्रमुख मांगें

एसोसिएशन की प्रमुख मांगों में क्रशरों को मैकेनिकल माइनिंग (Mechanical Mining), यानी 80 एचपी पावर तक माइनिंग की अनुमति दी जाए. किसी भी लीज एरिया तथा क्रशर एरिया में अधिकृत अधिकारी के अतिरिक्त असामाजिक अनाधिकृत, शरारती एवं गतिरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति न दी जाए.

मैनुअल तरीके से माइनिंग करना मुश्किल

एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष डिंपल ठाकुर का कहना है कि प्रत्येक क्रशर और लीज एरिया में ऐसी मशीनों से माइनिंग करने की अनुमति दी जाए जो नियमों के अनुसार हो क्योंकि श्रमिक या मैनुअल तरीके से माइनिंग करना कतई संभव नहीं है. डिंपल ठाकुर ने कहा कि हर कोई इस उद्योग को बदनाम करने पर तुला हुआ है जबकि देश और विदेश के विकास में यही उद्योग कारगर भूमिका अदा कर रहा है.

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