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ऊना: KCC पॉलीहाउस लोन घोटाले में दूसरी FIR, विजिलेंस ने मास्टर माइंड सहित तीन धरे

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Published : Sep 29, 2020, 5:10 PM IST

कांगड़ा केंद्रीय को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड गगरेट पंजाबर व गोंदपुर बनेहड़ा की शाखाओं में श्रृंखलाबद्ध तरीके से हुए पॉली हाउस लोन घोटाले में विजिलेंस ऊना ने दूसरा केस दर्ज करके 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. मार्च 2020 में केसीसी बैंक के द्वारा इन घोटालों की जांच के लिए विजिलेंस को एक शिकायत पत्र सौंपा गया था जिस पर जांच शुरू करते हुए विजिलेंस बैंक शाखा गगरेट द्वारा जारी फर्जी लोन में 26 सितंबर 2020 को एफआईआर दर्ज करके 3 गिरफ्तारियां की हैं.

Second FIR lodged in KCC polyhouse loan scam in Una
फोटो.

ऊना: जिला के कांगड़ा केंद्रीय को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड गगरेट पंजाबर व गोंदपुर बनेहड़ा की शाखाओं में श्रृंखलाबद्ध तरीके से हुए पॉली हाउस लोन घोटाले में विजिलेंस ऊना ने दूसरा केस दर्ज करके 3 लोगों को गिरफ्तार किया है.

विजिलेंस को उम्मीद है की इनके पकड़े जाने से और भी अहम जानकारियां मिल सकती हैं. फिलहाल विजिलेंस इस मामले में जांच और तेज किये जाने की बात कर रही है. मार्च 2020 में केसीसी बैंक के द्वारा इन घोटालों की जांच के लिए विजिलेंस को एक शिकायत पत्र सौंपा गया था. जिस पर जांच शुरू करते हुए विजिलेंस बैंक शाखा गगरेट द्वारा जारी फर्जी लोन में 26 सितंबर 2020 को आईपीसी की धारा 406 409 420 120 बी और HP Prevention of Specific Corrupt Practices Act की धारा 28, 29 के तहत एफआईआर दर्ज करके 3 गिरफ्तारियां की हैं.

वीडियो.

इसमें पोली हाउस घोटाला श्रृंखला का मास्टरमाइंड कुलदीप चंद शामिल है. दिनांक 16-3-2015 को केसीसी की शाखा गगरेट से पॉलीहाउस का 15 लाख का लोन फर्जी तरीके से बलविंदर सिंह पुत्र भूपेंद्र सिंह गांव व डाकखाना कुठेड़ा जसवालां के नाम जारी किया गया. उसी दिन इस लोन का 11 लाख 26 हजार रुपया मैनेजर व कुलदीप चंद्र की मिलीभगत से मदनलाल सुपुत्र देवराज गांव प्रताप नगर तहसील अंब के खाते में डाल कर निकाल लिया गया.

इसके बाद दिनांक 31-3-2015 को बचा हुआ 374000 रुपया भी दिनेश कुमार पुत्र अनंतराम गांव व डाकखाना कुठेड़ा जसवालां तहसील गगरेट के खाते में डाल कर गबन कर लिया गया. बलविंदर सिंह को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई और ना ही पॉलीहाउस बनाया उसके नाम का 15 लाख का लोन गबन कर दिया गया जो कि करीब 23 लाख रुपया उसके नाम से खड़ा है.

कुलदीप चंद व मैनेजर ने बलविंदर सिंह के नाम से एक और लोन ₹5 लाख का केसीसी बैंक की शाखा गोंदपुर में फर्जी तरीके से शटरिंग खरीदने के नाम पर जारी करके गबन कर दिया. जिसके बारे में भी बलविंदर सिंह को बाद में पता चला जब उसे बैंक से नोटिस आने लगे बलविंदर सिंह को कुलदीप चंद द्वारा यह बहका कर बैंक में लाया गया कि उसे सरकार की सब्सिडी स्कीम के तहत लोन दिलाया जाएगा.

80% सरकार सब्सिडी दे देगी यह कहकर कुलदीप चंद व मैनेजर ने उससे लोन के सभी कागजातों पर हस्ताक्षर करवा लिए, लेकिन सब्सिडी के तहत लोन की प्रक्रिया ना करके साधारण वर्ग में लोन जारी करके गबन कर दिया गया व पैसे की बंदरबांट की गई. मदनलाल और दिनेश कुमार उपरोक्त को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. विजिलेंस को उम्मीद है की इनसे और ज्यादा जानकारी हासिल होगी. मामले में जांच तेज किये जाने का दावा भी विजिलेंस की तरफ से किया गया है.

ऊना: जिला के कांगड़ा केंद्रीय को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड गगरेट पंजाबर व गोंदपुर बनेहड़ा की शाखाओं में श्रृंखलाबद्ध तरीके से हुए पॉली हाउस लोन घोटाले में विजिलेंस ऊना ने दूसरा केस दर्ज करके 3 लोगों को गिरफ्तार किया है.

विजिलेंस को उम्मीद है की इनके पकड़े जाने से और भी अहम जानकारियां मिल सकती हैं. फिलहाल विजिलेंस इस मामले में जांच और तेज किये जाने की बात कर रही है. मार्च 2020 में केसीसी बैंक के द्वारा इन घोटालों की जांच के लिए विजिलेंस को एक शिकायत पत्र सौंपा गया था. जिस पर जांच शुरू करते हुए विजिलेंस बैंक शाखा गगरेट द्वारा जारी फर्जी लोन में 26 सितंबर 2020 को आईपीसी की धारा 406 409 420 120 बी और HP Prevention of Specific Corrupt Practices Act की धारा 28, 29 के तहत एफआईआर दर्ज करके 3 गिरफ्तारियां की हैं.

वीडियो.

इसमें पोली हाउस घोटाला श्रृंखला का मास्टरमाइंड कुलदीप चंद शामिल है. दिनांक 16-3-2015 को केसीसी की शाखा गगरेट से पॉलीहाउस का 15 लाख का लोन फर्जी तरीके से बलविंदर सिंह पुत्र भूपेंद्र सिंह गांव व डाकखाना कुठेड़ा जसवालां के नाम जारी किया गया. उसी दिन इस लोन का 11 लाख 26 हजार रुपया मैनेजर व कुलदीप चंद्र की मिलीभगत से मदनलाल सुपुत्र देवराज गांव प्रताप नगर तहसील अंब के खाते में डाल कर निकाल लिया गया.

इसके बाद दिनांक 31-3-2015 को बचा हुआ 374000 रुपया भी दिनेश कुमार पुत्र अनंतराम गांव व डाकखाना कुठेड़ा जसवालां तहसील गगरेट के खाते में डाल कर गबन कर लिया गया. बलविंदर सिंह को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई और ना ही पॉलीहाउस बनाया उसके नाम का 15 लाख का लोन गबन कर दिया गया जो कि करीब 23 लाख रुपया उसके नाम से खड़ा है.

कुलदीप चंद व मैनेजर ने बलविंदर सिंह के नाम से एक और लोन ₹5 लाख का केसीसी बैंक की शाखा गोंदपुर में फर्जी तरीके से शटरिंग खरीदने के नाम पर जारी करके गबन कर दिया. जिसके बारे में भी बलविंदर सिंह को बाद में पता चला जब उसे बैंक से नोटिस आने लगे बलविंदर सिंह को कुलदीप चंद द्वारा यह बहका कर बैंक में लाया गया कि उसे सरकार की सब्सिडी स्कीम के तहत लोन दिलाया जाएगा.

80% सरकार सब्सिडी दे देगी यह कहकर कुलदीप चंद व मैनेजर ने उससे लोन के सभी कागजातों पर हस्ताक्षर करवा लिए, लेकिन सब्सिडी के तहत लोन की प्रक्रिया ना करके साधारण वर्ग में लोन जारी करके गबन कर दिया गया व पैसे की बंदरबांट की गई. मदनलाल और दिनेश कुमार उपरोक्त को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. विजिलेंस को उम्मीद है की इनसे और ज्यादा जानकारी हासिल होगी. मामले में जांच तेज किये जाने का दावा भी विजिलेंस की तरफ से किया गया है.

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