ऊना: हिमाचल प्रदेश में जिला ऊना के राजनीतिक कद को ऊंचा उठाने का काम मुकेश अग्निहोत्री ने कर दिया है. पत्रकारिता के सफल सफर के बाद राजनीति में कदम रखने वाले मुकेश अग्निहोत्री प्रदेश के पहले उप मुख्यमंत्री बन गए हैं. मुकेश अग्निहोत्री ने पहली बार विधायक बनने के साथ ही मुख्य संसदीय सचिव का पद प्राप्त किया. उसके बाद मंत्री रहे और फिर ऊना जिला के लिए नेता विपक्ष का पद लेकर के आए. लगातार 5 वर्ष तक आक्रामकता के साथ कांग्रेस पार्टी को संजीवनी देने का काम किया.
मुकेश अग्निहोत्री के राजनितिक जीवन में लंबे समय तक उनके साथ रहे हरोली कांग्रेस के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष प्रभदयाल ने बताया कि मुकेश अग्निहोत्री बहुत ही सादे और नेक व्यक्तित्त्व के धनी है. उन्होंने कहा कि मुकेश अग्निहोत्री ने अब तक मिली सभी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है और उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी पर भी खरा उतरेंगे.
मुकेश अग्निहोत्री के ऊना के रक्कड़ कॉलोनी स्थित आवास में पड़ोसी और जिला कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र धर्माणी की माने तो मुकेश अग्निहोत्री दूरदर्शी सोच के नेता हैं. इससे जिला ऊना के विकास को तेजी मिलेगी. मुकेश अग्निहोत्री के पड़ोसियों में राजेश कुमार और राजेश शर्मा ने भी अग्निहोत्री की ताजपोशी पर खुशी जताई है. इस अहम पद तक पहुंचने के पीछे मुकेश अग्निहोत्री की मेहनत को इसका श्रेय दिया है.
समर्थकों में खुशी की लहर: ऊना जिले को 42 साल पहले भी एक वोट से ही मुख्यमंत्री के पद से मेहरूम हो गया था, अब भी मुख्यमंत्री पद नहीं मिला, यह मलाल हो सकता है. लेकिन मुकेश अग्निहोत्री ने अपने कद व पकड़ के चलते हिमाचल प्रदेश के पहले उप मुख्यमंत्री के पद को ऊना में लाकर एक खुशी का माहौल जरूर दे दिया है. मुकेश अग्निहोत्री के उप मुख्यमंत्री बनने की खबर जैसे में पहुंची उनके समर्थकों और जिले के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई.
बता दें, जिला ऊना के हरोली विधानसभा क्षेत्र के गांव गोंदपुर जयचंद के मुकेश अग्निहोत्री का जन्म 9 अक्टूबर 1962 को ओंकार शर्मा के घर हुआ था. मुकेश अग्निहोत्री ने मैथमैटिक में एमएससी और पब्लिक रिलेशन एवं एडवर्टाइजमेंट में पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा किया है. मुकेश अग्निहोत्री ने कई मीडिया हाउस में बतौर पत्रकार काम करने के बाद साल 2003 में संतोषगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. इस दफा मुकेश ने पांचवां चुनाव जीता है.
मुकेश अग्निहोत्री को साल 2003 में तत्कालीन मुख्यमत्री वीरभद्र सिंह ने मुख्य संसदीय सचिव बनाया. फिर 2012 में बनी वीरभद्र सिंह सरकार में मुकेश अग्निहोत्री को उद्योग रोजगार एवं श्रम विभाग के साथ लोकसंपर्क विभाग का मंत्री बनाया गया. 2017 में मुकेश अग्निहोत्री कांग्रेस विधायक दल के नेता बनाये गए और उन्हें नेता विपक्ष का जिम्मा सौंपा गया. उसके बाद लगातार 5 साल तक कांग्रेस पार्टी को संजीवनी देने का काम करते रहे. (Sukhvinder Singh Sukhu) (political journey of mukesh agnihotri) (Mukesh Agnihotri became deputy CM)
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