ऊना: हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा भू-राजस्व अधिनियम में किये गए संशोधन से पटवार कानूनगो संघ में भारी रोष है. दरअसल, भू-राजस्व अधिनियम में किये गए नए संशोधन के विरोध में बुधवार को जिला मुख्यालय के एमसी पार्क में राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया और डीसी कार्यालय तक रोष रैली निकालते हुए भू-राजस्व अधिनियम के दो विषयों नापी और बंटवारा में समय सीमा तय करने पर पुनर्विचार करने की मांग उठाई है.
दरअसल, बुधवार को संघ के प्रदेश अध्यक्ष सतीश चौधरी और जिलाध्यक्ष रविंद्र कुमार की अगुवाई में तमाम पटवारी और कानूनगो ने जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने सीधे शब्दों में कहा कि सरकार को हर हाल में इस विधेयक पर पुनर्विचार करना होगा अन्यथा पटवारी और कानूनगो संघ को अनिश्चितकालीन पेन डाउन स्ट्राइक करने पर मजबूर होना पड़ेगा, जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी.
संघ के जिला अध्यक्ष रविंद्र कुमार ने कहा कि सरकार को इस तरह का कोई भी नियम बनाते समय एक बार कर्मचारियों के संगठन से बात अवश्य करनी चाहिए. अंततः कर्मचारियों को ही इन तमाम योजनाओं को धरातल पर उतरना होता है, ऐसे में जनता और कर्मचारियों के बीच किसी प्रकार की दूरी न बढ़ें, जिसके लिए आवश्यक है कि तमाम परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए ही किसी नियम का निष्पादन किया जाना चाहिए.
संघ के प्रदेश अध्यक्ष सतीश चौधरी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लाए गए नए संशोधन के तहत नापी के मामलों को 2 महीने में और बंटवारा के मामलों को 6 महीने में निपटान आवश्यक होगा, लेकिन धरातल पर सरकार के यह नियम लागू करना बहुत मुश्किल है. उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग में काम कर रहे फील्ड स्टाफ पर सरकार द्वारा पहले ही अत्यधिक बोझ लाद दिया गया है. विभिन्न योजनाओं में अन्य विभागों के कर्मचारियों के साथ मिलकर पटवारी को काम करने पर मजबूर किया जा रहा है.
सतीश चौधरी ने कहा कि ऐसा दबाव बनाकर गुणवत्तापूर्ण कार्य नहीं किया जा सकता. जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को इस नए संशोधन पर तुरंत पुनर्विचार करना चाहिए अन्यथा राजस्व विभाग में काम करने वाले यह कर्मचारी अनिश्चितकाल तक पेन डाउन स्ट्राइक करने के लिए मजबूर होंगे और इसकी जिम्मेदारी पूर्ण रूप से प्रदेश सरकार की होगी.