ऊना: कृषि कारोबार में नैनो यूरिया की क्रांतिकारी तकनीक अब किसानों के लिए कम लागत और अधिक मुनाफे का शानदार तोहफा लेकर आने वाली है. देशभर में केंद्र सरकार के सहयोग से खाद का उत्पादन करने वाली कंपनी इफको द्वारा लिक्विड फॉर्म में नैनो यूरिया तैयार किया गया है. ऐसे में अब परंपरागत रूप से करीब 40 किलो की बोरी जिस जगह पर इस्तेमाल होती थी, अब वहां केवल मात्र 1 लीटर नैनो यूरिया खाद की बोतल से ही काम चल जाएगा.
ड्रोन से होगा नैनो यूरिया का छिड़काव: जिला मुख्यालय के समीप कृषि विज्ञान केंद्र रामपुर में इफको के प्रदेश प्रभारी डॉक्टर भुवनेश पठानिया ने वर्कशॉप में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस दौरान वर्कशॉप में उन्होंने किसानों, खाद डीलर्स, कृषि अधिकारियों समेत अन्य लोगों को नैनो यूरिया तकनीक के बारे में जानकारी दी. हिमाचल प्रदेश में नैनो यूरिया को लेकर निकट भविष्य में एक बड़ा प्रोजेक्ट लांच किया जा रहा है, जिसके तहत प्रदेश को इस खाद के छिड़काव के लिए 12 ड्रोन प्रदान किए जा रहे हैं.
40 किलो यूरिया की जगह मात्र 1 लीटर का नैनो यूरिया: देश में खाद का उत्पादन करने वाली अग्रणी कंपनी इफको ने परंपरागत यूरिया खाद की जगह अब नैनो तकनीक से तैयार लिक्विड खाद को किसानों तक पहुंचाने का काम करेगी. इफको कंपनी की इस नई तकनीक के कारण करीब 40 किलो की बोरी का काम अब सिर्फ लिक्विड फॉर्म में 1 लीटर की नैनो यूरिया खाद से हो जाएगा है. जिससे किसान कम खर्च में ज्यादा मुनाफा कमा सकेंगे. डॉ. भुवनेश पठानिया ने बताया हिमाचल प्रदेश में अगले माह से लिक्विड रूप में नैनो यूरिया का ड्रोन के माध्यम से छिड़काव किया जाएगा. हिमाचल प्रदेश को 12 ड्रोन खाद के छिड़काव के लिए दिए जा रहे हैं और इन ड्रोन का संचालन इफको द्वारा ही किया जाएगा.
नैनो यूरिया से किसानों को होगा लाभ: डॉ. भुवनेश पठानिया ने बताया इफको की एप्लीकेशन के माध्यम से ही किसान अपने खेतों में खाद के छिड़काव को लेकर अधिकारियों से संपर्क कर सकेंगे. नैनो यूरिया के प्रयोग से हिमाचल के किसानों को ज्यादा लाभ प्राप्त होगा. इसमें जहां बोरी की कीमत से जमीन आसमान का अंतर होगा. वहीं, खेतों में छिड़की जाने वाली यूरिया की बर्बादी से भी किसानों को निजात मिलेगी, जिससे उनका खर्चा भी बचेगा. लिक्विड खाद नैनो यूरिया के छिड़काव से करीब 99 फ़ीसदी खाद पौधों तक पहुंचेगी. जबकि परंपरागत रूप से यूरिया छिड़काव से 30 से 40 फीसदी खाद खेतों में बर्बाद हो जाती है.