ऊना: विकेट भौगोलिक परिस्थितियों से लबरेज हिमाचल प्रदेश में बाहरी राज्यों के लोगों का जान जोखिम में डाल कर सफर करना लगातार जारी है. यहां बात हो रही है विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक होला मोहल्ला मेले की, जिसमें पड़ोसी राज्यों समेत देश के कई हिस्सों से आने वाले श्रद्धालु मालवाहक वाहनों में भेड़ बकरियों की तरह ठूंस-ठूंस कर लाए जा रहे हैं. हालांकि मेला शुरू होने से पूर्व जिला प्रशासन द्वारा मौत के इस सफर को रोकने के लिए न केवल कड़ी हिदायतें जारी की गई थी. अपितु पड़ोसी राज्यों के प्रशासन से संपर्क करते हुए श्रद्धालुओं को जागरूक करने का भी अभियान चलाया गया था. जिसके तहत उन्हें यह सख्त हिदायत जारी की गई थी कि मेले में आने वाले श्रद्धालु केवल मात्र यात्री वाहनों में ही सुरक्षित सफर करें.
लेकिन, मेले में पहुंच रहे अधिकतर श्रद्धालु ट्रकों और अन्य मालवाहक वाहनों में ही सफर करते देखे जा रहे हैं. हालत यह है कि जिला ऊना में आस्था के नाम पर मौत का यह सफर बदस्तूर जारी है. लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है. हालांकि जोखिम भरे इस सफर में कई लोग पहले भी अपनी जिंदगी खो चुके हैं, जबकि कई लोग दिव्यांगता का शिकार हो चुके हैं. स्थानीय लोगों की माने तो प्रशासन को इस मामले पर सख्ती से कार्रवाई करनी चाहिए, क्योंकि अक्सर इस तरह से सफर करना जानलेवा साबित होता है.
जिला प्रशासन ने ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करने का जिम्मा पुलिस के साथ-साथ परिवहन विभाग को सौंप रखा है और परिवहन विभाग द्वारा ऐसे करीब 276 मालवाहक वाहनों के चालान कर करीब 12 लाख रुपये जुर्माना भी वसूला गया है. वहीं, डीसी ऊना राघव शर्मा का कहना है कि प्रशासन द्वारा मालवाहक वाहनों में श्रद्धालुओं के आने के मामलों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है और पिछले सालों के मुकाबले इस साल इस पर काफी नियंत्रण भी हुआ है. वहीं, एसपी ऊना अर्जित सेन ठाकुर भी मानते हैं कि मालवाहक वाहनों में श्रद्धालुओं का आना चिंता का विषय है, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में यह सफर जोखिम भरा रहता है. एसपी ऊना ने कहा कि पुलिस द्वारा ऐसे वाहनों के चालान करने के साथ-साथ वाहनों को जब्त भी किया जा रहा है.
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