ऊना: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले का नगर परिषद का कार्यालय शुक्रवार को जंग का मैदान में बदल गया. इस दौरान एसडीओ और पार्षद के बीच शुरू हुई बहसबाजी हाथापाई तक जा पहुंची. दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे पर हाथापाई करने का आरोप लगाया है. एक तरफ जहां अधिकारी ने पार्षद पर लात घुसे बरसाने का आरोप लगाया. वहीं, पार्षद ने अधिकारी पर उसके कपड़े फाड़ने का आरोप लगाया है. घटना की सूचना पुलिस को दी गई. दोनों ही पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी है. दोनों को मेडिकल के लिए अस्पताल ले जाया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
जानकारी अनुसार गुरुवार को जिला मुख्यालय के ऐतिहासिक 84 पौड़ियां के जीर्णोद्धार के लिए आयोजित किए गए शिलान्यास कार्यक्रम में नगर परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित भाजपा पार्षदों को नहीं बुलाए जाने को लेकर पार्षद ने एतराज जताया. जिसको लेकर नगर परिषद कार्यालय में शुक्रवार माहौल गरमा गया. वार्ड नंबर 5 के पार्षद जनक राज खजांची और नगर परिषद के एसडीओ राजेंद्र कुमार सैणी के बीच शुरू हुई बहसबाजी हाथापाई में बदल गई. किसी तरह बीच बचाव करते हुए नगर परिषद के अन्य कर्मचारियों ने दोनों को अलग किया. घटना का पता चलते ही अन्य पार्षद और शहरवासी भी फौरन मौके पर पहुंच गए.
पार्षद जनक राज खजांची ने आरोप लगाया है कि उन्होंने शिलान्यास कार्यक्रम में नहीं बुलाए जाने को ऐतराज जताया था, लेकिन एसडीओ राजेंद्र कुमार सैनी ने उन्हें गले से पकड़ लिया और उनकी कमीज के बटन तोड़कर कपड़े फाड़ दिए. जिसके जवाब में उन्होंने भी एसडीओ के साथ धक्का मुक्की करते हुए अपना बचाव किया.
वहीं, नगर परिषद के एसडीओ राजेंद्र कुमार सैनी का आरोप है कि कल हुए शिलान्यास कार्यक्रम में उन्हें भी ऐन वक्त पर निमंत्रण दिया गया. हालांकि यह काम नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी का होता है, लेकिन यहां से कार्यकारी अधिकारी का तबादला होने के चलते यह चार्ज स्थानीय एसडीएम को दिया गया है. इसी मामले को लेकर वार्ड नंबर 5 के पार्षद जनक राज खजांची ने कार्यालय पहुंचकर उन पर हमला किया. कार्यालय के कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत से उन्हें पार्षद से छुड़ाया. जबकि पुलिस के आने तक करीब 15 मिनट वह अपने कमरे में कुंडी लगाकर अपना बचाव करते रहे.
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