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सोलन में निजी कंपनी के खिलाफ महिला कर्मचारियों का फूटा गुस्सा, लगाए ये आरोप - श्रम आयुक्त हिमाचल प्रदेश एसएस गुलेरिया

सोलन में एक निजी कंपनी के खिलाफ महिला कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है. महिलाओं का कहना है कंपनी प्रबंधक द्वारा शोषण किया जा रहा है. ओवरटाइम के नाम पर मात्र 20 से 25 रुपये दिए जा रहे हैं.

women employees protest against private company in solan
निजी कंपनी के खिलाफ महिला कर्मचारियों का फूटा गुस्सा
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Published : Jun 11, 2020, 10:31 AM IST

Updated : Jun 11, 2020, 11:15 AM IST

सोलन: कोरोना महामारी के चलते जहां हर व्यक्ति तक हर संभव सुविधा पहुंच रही है. वहीं, कुछ उद्योगों में मजदूरों से काम तो लिया जा रहा, लेकिन उन्हें ओवरटाइम करने पर पर्याप्त राशि नहीं दिया जा रहा है. ऐसा ही एक मामला सोलन के निजी उद्योग में देखने को मिला है.

महिलाओं से 10 घंटे कार्य करवाया जा रहा है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर इन्हें कुछ भी नहीं मिल रहा है. महिलाओं का आरोप है कि ओवरटाइम के नाम पर मात्र 20 से 25 रुपये दिए जा रहे हैं. जब इन महिलाओं ने ओवरटाइम लगाने से मना किया तो उन्हें कंपनी प्रबंधन ने गेट पर ही रोक दिया.

महिलाओं का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते भी हम लोग कंपनी में आकर पूरा काम कर रहे हैं, लेकिन ऐसे दौर में भी काम करने के बाद उन्हें कंपनी की तरफ से किसी भी तरह की सुविधा नहीं दी जा रही. महिलाओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी के बड़े अधिकारी उनसे अच्छा व्यावहार नहीं करते हैं.


सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं रखा जा रहा ख्याल

महिलाओं का कहना है कंपनी उनसे शाम 6:30 बजे तक कार्य करवा रही है. जिस कारण रात को घर पहुंचने में देरी हो जा रही है. सोलन में काम करने के लिए महिलाएं दूर-दूर से आती हैं. उद्योगों में करीब 400 लोग काम करते हैं, जिनको छोड़ने के लिए केवल पांच बसें ही हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का तो कंपनी प्रबंधन को पता ही नहीं है.

वीडियो रिपोर्ट

बसों में भेड़-बकरियों की तरह भरकर उन लोगों को घर छोड़ा जाता है. घर में बड़े, बुजुर्ग और बच्चे हैं, इस वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बस एक निर्धारित जगह पर छोड़ देती है, उसके बाद पैदल की घर जाना पड़ता है.

वहीं, मौके पर पहुंचे श्रम अधिकारी ने बताया कि कंपनी मैनेजमेंट का कहना है वो सभी कर्मचारियों से 10 घंटे कार्य करवा रही है, जो कि सरकार द्वारा दिए गए निर्देश हैं. महिलाओं का कहना है कि वह 10 घंटे कार्य करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें ओवरटाइम की पर्याप्त राशि दी जाए. अभी तक कंपनी की तरफ से इस विषय पर किसी भी तरह का कोई भी फैसला नहीं लिया गया है.

श्रम आयुक्त हिमाचल प्रदेश एसएस गुलेरिया का कहना है कि कोरोना के चलते सभी उद्योगों में 10 से 12 घंटे तक कार्य करवाने की अनुमति दी गई है, बशर्ते कंपनी को ओवरटाइम के डबल पैसे कर्मचारियों को देने होंगे. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी प्रकार की शिकायत उन तक आती है तो कड़ा कदम उठाया जाएगा.

सोलन: कोरोना महामारी के चलते जहां हर व्यक्ति तक हर संभव सुविधा पहुंच रही है. वहीं, कुछ उद्योगों में मजदूरों से काम तो लिया जा रहा, लेकिन उन्हें ओवरटाइम करने पर पर्याप्त राशि नहीं दिया जा रहा है. ऐसा ही एक मामला सोलन के निजी उद्योग में देखने को मिला है.

महिलाओं से 10 घंटे कार्य करवाया जा रहा है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर इन्हें कुछ भी नहीं मिल रहा है. महिलाओं का आरोप है कि ओवरटाइम के नाम पर मात्र 20 से 25 रुपये दिए जा रहे हैं. जब इन महिलाओं ने ओवरटाइम लगाने से मना किया तो उन्हें कंपनी प्रबंधन ने गेट पर ही रोक दिया.

महिलाओं का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते भी हम लोग कंपनी में आकर पूरा काम कर रहे हैं, लेकिन ऐसे दौर में भी काम करने के बाद उन्हें कंपनी की तरफ से किसी भी तरह की सुविधा नहीं दी जा रही. महिलाओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी के बड़े अधिकारी उनसे अच्छा व्यावहार नहीं करते हैं.


सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं रखा जा रहा ख्याल

महिलाओं का कहना है कंपनी उनसे शाम 6:30 बजे तक कार्य करवा रही है. जिस कारण रात को घर पहुंचने में देरी हो जा रही है. सोलन में काम करने के लिए महिलाएं दूर-दूर से आती हैं. उद्योगों में करीब 400 लोग काम करते हैं, जिनको छोड़ने के लिए केवल पांच बसें ही हैं. सोशल डिस्टेंसिंग का तो कंपनी प्रबंधन को पता ही नहीं है.

वीडियो रिपोर्ट

बसों में भेड़-बकरियों की तरह भरकर उन लोगों को घर छोड़ा जाता है. घर में बड़े, बुजुर्ग और बच्चे हैं, इस वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बस एक निर्धारित जगह पर छोड़ देती है, उसके बाद पैदल की घर जाना पड़ता है.

वहीं, मौके पर पहुंचे श्रम अधिकारी ने बताया कि कंपनी मैनेजमेंट का कहना है वो सभी कर्मचारियों से 10 घंटे कार्य करवा रही है, जो कि सरकार द्वारा दिए गए निर्देश हैं. महिलाओं का कहना है कि वह 10 घंटे कार्य करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें ओवरटाइम की पर्याप्त राशि दी जाए. अभी तक कंपनी की तरफ से इस विषय पर किसी भी तरह का कोई भी फैसला नहीं लिया गया है.

श्रम आयुक्त हिमाचल प्रदेश एसएस गुलेरिया का कहना है कि कोरोना के चलते सभी उद्योगों में 10 से 12 घंटे तक कार्य करवाने की अनुमति दी गई है, बशर्ते कंपनी को ओवरटाइम के डबल पैसे कर्मचारियों को देने होंगे. उन्होंने कहा कि अगर किसी भी प्रकार की शिकायत उन तक आती है तो कड़ा कदम उठाया जाएगा.

Last Updated : Jun 11, 2020, 11:15 AM IST
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