कसौली/सोलन: कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पांच के किनारे मृत मुर्गे फेंके पाए गए. मृत मुर्गों में बर्ड फ्लू के लक्षण पाए जाने के बाद पशु पालन विभाग ने पांच किलोमीटर के दायरे से पक्षियों और कुक्कुट की सैम्पलिंग करनी शुरू कर दी है. पशु पालन विभाग ने यह सैंपलिंग बीते दिनों से शुरू की है और जांच के लिए यह सैंपल जालंधर लैब में भेजे गए हैं. रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी.
मृत मुर्गे मिलने से दहशत में लोग
बता दें कि कालका-शिमला नेशनल हाई-वे पांच के किनारे लगातार चार दिन मृत मुर्गे फेंके पाए गए थे. हाई-वे किनारे पहले दिन चक्कीमोड़, दूसरे दिन जाबली के पास, तीसरे दिन कुमारहट्टी बायपास पर बनी के कुमारहट्टी पोर्टल के पास और चौथे दिन सनवारा के पास लगभग 1000 से अधिक मृत मुर्गे पाए गए थे. इनके मिलने से क्षेत्र में दहशत फैल गए थी और लोग घबरा गए थे.
जालंधर लैब में भेजे गए सैंपल
चारों दिन पशु पालन विभाग की टीम की ओर से अलग-अलग जगहों से पांच-पांच रैंडम सैंपल भरे थे. इन्हें जांच के लिए जालंधर भेजा गया था. जालंधर लैब में भेजे गए इन सैंपलों की रिपोर्ट संदेहास्पद आने के कारण भोपाल लैब में भेजा गया था. जहां की रिपोर्ट के अनुसार इनमें बर्ड फ्लू के लक्षण की पुष्टि हुई थी. इसके बाद सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए अंडा, कुक्कुट पर प्रतिबंध लगाया था. साथ ही जाबली, चक्कीमोड़, टनल के कुमारहट्टी पोर्टल और सनवारा के पास पांच किलोमीटर के दायरे से पशु पालन विभाग की टीम ने पक्षियों व कुक्कूट के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं.
एहतिहात के तौर पर सैंपलिंग
पशुपालन विभाग के उपनिदेशक भारत भूषण गुप्ता का कहना है कि हाई-वे किनारे मृत पाए गए मुर्गों की रिपोर्ट आने के बाद उस क्षेत्र के पांच किलोमीटर के क्षेत्र से एहतिहात के तौर पर सैंपलिंग की जा रही है. यह सैंपल जांच के लिए जालंधर लैब में भेजे गए हैं.
पुलिस में दर्ज किया मामला
हाई-वे किनारे मृत मुर्गे कौन फेंक कर गया था. इस बात पर अभी भी संशय बरकरार है. बता दें कि इस मामले में पशु पालन विभाग ने मामला भी दर्ज करवाया है और परवाणू,धर्मपुर पुलिस इस मामले में कार्रवाई कर रही है. पुलिस ने प्राथमिक जांच में हाई-वे पर लगे कैमरों को भी खंगाला है .
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