सोलन: नगर निगम सोलन के मेयर डिप्टी मेयर के चुनाव में राजनीति के डॉक्टर कहे जाने वाले डॉ. राजीव बिंदल की कूटनीति काम आई है. नगर निगम सोलन में कांग्रेस के 9 पार्षद थे जबकि भाजपा के 7 पार्षद और एक निर्दलीय पार्षद था. कांग्रेस नगर निगम सोलन में बहुमत में कांग्रेस थी. ऐसे में सभी लोगों का मानना था कि मेयर और डिप्टी मेयर एक बार फिर कांग्रेस का ही होगा, लेकीन यहां पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कूटनीति का इस्तेमाल कर नगर निगम सोलन के चुनाव नतीजों को पलट कर रख दिया और कांग्रेस के कब्जे से डिप्टी मेयर का पद छीन लिया. कांग्रेस से नाराज चल रहे 4 पार्षदों के साथ गठबंधन कर भाजपा ने 1 निर्दलीय पार्षद के साथ मिलकर डिप्टी मेयर की सीट पर अपना कब्जा किया है.
कैबिनेट मंत्री ने भी डाला वोट: नगर निगम सोलन के चुनाव में खास बात यह रही कि कैबिनेट मंत्री धनीराम शांडिल ने भी अपने मत का प्रयोग किया. नगर निगम सोलन में कुल 17 वोट हैं. भाजपा के 7 में से 6 पार्षदों ने वोट दिया, क्योंकि भाजपा के एक पार्षद निजी कार्यक्रम में होने के चलते नगर निगम के चुनाव में अपने मत का प्रयोग नहीं कर सके. वहीं, कांग्रेस के सभी 9 पार्षद इस चुनाव में मौजूद रहे. जबकि एक निर्दलीय पार्षद ने भी चुनाव में अपने मत का प्रयोग किया.
कांग्रेस पर भारी रही भाजपा: इस दौरान कांग्रेस की ओर से मेयर के लिए सरदार सिंह ठाकुर ने नामांकन भरा. इस दौरान कांग्रेस की बागी पार्षद ऊषा शर्मा ने भाजपा के साथ गठबंधन कर मेयर पद के लिए अपना नामांकन भरा और जीत हासिल की. 11 पार्षदों ने ऊषा शर्मा के लिए वोट किया. वहीं, भाजपा ने डिप्टी मेयर की सीट पर कब्जा करने के लिए कांग्रेस से नाराज चल रहे 4 पार्षदों और एक निर्दलीय पार्षद के साथ मिलकर रणनीति बनाई और जीत हासिल की. 12 वोट हासिल करके भाजपा पार्षद मीरा आनंद डिप्टी मेयर बनी.
यह जीत ऐतिहासिक है. जब कांग्रेस के एक धड़ ने खुद ही भाजपा को वोट डाल दिया तो इससे साफ दिखता है कि कांग्रेस के पार्षदों को भी भाजपा की नीतियों में विश्वास है. - डॉ. राजीव बिंदल, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष
'कांग्रेस के छल कपट नहीं आए काम': डॉ. राजीव बिंदल ने इस दौरान कहा कि भाजपा ने सोलन नगर निगम चुनाव में डिप्टी मेयर का अहम पद जीत लिया है. मीरा आनंद डिप्टी मेयर बनी है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि कांग्रेस ने इसी नगर निगम के लिए विधायक को वोट डालने की शक्तियां दी थी, पर वो वोट भी कांग्रेस के काम नहीं आया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस चुनावी रण में कई प्रकार के छल कपट किए, पर किसी भी प्रकार का छल कपट नहीं चल पाया.
ये लोकतंत्र की खुबसूरती है कि सभी लोग इसमें अपने मत का प्रयोग करते हैं . आज इसी तरह से सोलन में भी देखने को मिला है. - धनीराम शांडिल, स्वास्थ्य मंत्री
पार्षदों को मनाने में नाकामयाब रहे मंत्री: वहीं, स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि तीनों मंत्रियों ने सोलन में नाराज चल रहे कांग्रेस पार्षदों को मनाने की कोशिश की, लेकिन कहीं ना कहीं कमी रह गई है. मेयर कांग्रेस की बनी हैं तो डिप्टी मेयर भाजपा की बनी हैं. सोलन शहर के विकास में तेजी आए इसके लिए अब दोनों को कार्य करने की जरूरत है.
सुक्खू सरकार के मंत्रियों की रणनीति फेल: गौरतलब है कि नगर निगम सोलन के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर सुक्खू सरकार के तीन मंत्री, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह और स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल सोलन में मौजूद थे, लेकिन तीनो मंत्रियों की रणनीति भाजपा की कूटनीति के सामने काम नहीं आई है. बहरहाल अब डिप्टी मेयर की सीट से कांग्रेस को बहुमत में होने के बाद भी हाथ धोना पड़ा है.