सोलनः आज से प्रदेश में 50 प्रतिशत सवारियों के साथ बसों को चलाने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं लेकिन तब भी प्राइवेट बसों के पहिये थमे हुए हैं. प्राइवेट बस ऑपरेटरों का कहना है कि वे बसें चलाने में असमर्थ है. कोरोना काल में पिछले 15 महीनों से बस ऑपरेटर खड़े हैं.
सरकार के आदेश के बाद 50 सवारियों के साथ कुछ बसें चलने के बाद भी बसों व उनका खर्चा पूरा नहीं हो पाया है. साथ में उन्होंने मुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री से कई बार गुहार लगा चुके हैं लेकिन सरकार को फैसला लेने में 1 साल से ज्यादा का समय लग चुका है.
100 फीसदी टैक्स माफ करने की कर रहे मांग
शूलिनी बस ऑपरेटर यूनियन सोलन के अध्यक्ष रघुविन्द्रा सिंह मेहता ने कहा कि मजबूरी में आकर प्राइवेट बस ऑपरेटरों को 3 मई 2021 से खड़े रहना पड़ रहा है. उसके बाद 7 मई से प्रदेश में संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया है. वहीं, अब प्रदेश में परिवहन सेवा को खोल दिया गया है. उन्होंने कहा कि कैबिनेट में फैसला लिया गया था कि प्राइवेट बस ऑपरेटरों का 50 फीसदी टैक्स माफ किया जाए लेकिन हमारी सरकार से मांग है कि 100 फीसदी टैक्स को माफ करें.
प्राइवेट बसों के लिए सरकार ने की 14 करोड़ के पैकेज की घोषणा
अध्यक्ष ने सरकार से मांग की है कि सरकार प्राइवेट बस ऑपरेटरों को वर्किंग कैपिटल दिया जाए. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से 14 करोड़ का पैकेज प्राइवेट बस ऑपरेटर को देने की घोषणा की गई है लेकिन वह सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाएगा. उन्होंने कहा कि प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने बैंकों से लोन लेकर बसों को लिया है उसकी किस्तें देने में असमर्थ हैं, क्योंकि कोरोना के कारण बसों के पहिए थम गए हैं, जिसके कारण बस ऑपरेटर बैंकों की लोन की किस्तें देने में असमर्थ हैं. उन्होंने कहा कि सोलन में 220 बसें हैं जो सरकार से राहत की आस लगाए हुए हैं.
निजी बस ऑपरेटरों का टैक्स माफ करने के लिए सरकार करे पुनर्विचार
उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल के दौरान निजी बस ऑपरेटरों का टैक्स माफ करने के लिए हिमाचल सरकार पुनर्विचार करें. वहीं, निजी बस ऑपरेटरों के चालक और परिचालकों का वैक्सीनेशन भी करें ताकि वे लोग भी कोरोना वायरस से बच सकें. उन्होंने कहा कि प्राइवेट बस ऑपरेटर बसें चलाने को तैयार है लेकिन जब तक प्रदेश सरकार उनकी मांगों को नहीं मानेगी तब तक इसी तरह से प्राइवेट बसें खड़ी रहेंगी.
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