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फोरलेन के कारण टूटा स्कूल भवन, अब तपती धूप में बिना छत के शिक्षा ग्रहण कर रहे 126 नौनिहाल

सरकार के बेहतर शिक्षा के सारे दावे इस स्कूल को देखकर खोखले नजर आते हैं. सरकार की अनदेखी के कारण 126 नौनिहालों की जिंदगी खतरे में डाली जा रही है. नौनिहाल तपती धूप में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.

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Published : May 29, 2019, 6:47 PM IST

खुली छत के नीचे पढ़ाई करते नौनिहाल और स्कूल की जर्जर हालत

सोलन: जिले के सलोगड़ा प्राइमरी स्कूल में नौनिहालों बिना छत के स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के मजबूर हैं. फोरलेन निर्माण के कारण टूटे इस स्कूल की ओर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है. शायद इसका कारण ये भी है कि इस स्कूल में किसी वीवीआईपी का बच्चा नहीं पढ़ता.

salogda primary school
खुली छत के नीचे पढ़ाई करते नौनिहाल और स्कूल की जर्जर हालत

सरकार के बेहतर शिक्षा के सारे दावे इस स्कूल को देखकर खोखले नजर आते हैं. सरकार की अनदेखी के कारण 126 नौनिहालों की जिंदगी खतरे में डाली जा रही है. नौनिहाल तपती धूप में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. स्कूल सोलन शहर से 8 किलोमीटर दूरी पर शिमला एनएच पर स्थित है. स्कूल का भवन पूरी तरह से जर्जर हो गया है और बच्चों को छत तक नसीब नहीं हो रही है.

दरअसल परवाणु से शिमला तक चल रहे फोरलेन के काम मे सलोगड़ा का प्राइमरी स्कूल आ चुका है. फोरलेन के काम के चलते तोड़ा गया है, लेकिन अभी तक स्कूल प्रशासन के पास बच्चों को बिठाने के उचित सुविधा नहीं की गई है. आलम यह है कि प्राइमरी स्कूल के बच्चों को जर्जर कमरों में बिठाया गया है, जिसकी हालत बहुत ही नाजुक है और कभी भी कोई भी अनहोनी हो सकती है. सरकार और विभाग की लापरवाही के कारण नन्हें बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ेंः जर्जर स्कूल भवन में पढ़ाई करने को मजबूर नौनिहाल, बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे अभिभावक

एसएमसी प्रधान कमल का कहना है कि पिछले 3 महीनों से सलोगड़ा प्राइमरी स्कूल के बच्चे धूप में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 126 बच्चों की जिंदगी दांव पर लगी है. उन्होंने कहा कि अगर फोरलेन के काम मे स्कूल बिल्डिंग आ रही थी तो प्रशासन को चाहिए था कि वो बच्चों को बैठने की उचित सुविधा उपलब्ध करवाई जाए. उन्होंने कहा कि इस बारे में डीसी सोलन को ज्ञापन सौंपा गया है.

अभिभावकों का फूटा गुस्सा

सरकार और शिक्षा विभाग की अनदेखी पर अभिभावकों में रोष है. अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में बच्चों को खुले में शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही और जर्जर भवन के कारण भी अनहोनी का खतरा बना हुआ है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द बच्चों को बैठने की उचित सुविधा की जाए.

ये भी पढ़ेंः ऐप के जरिए नशा तस्करों पर कसी जाएगी नकेल, जानिए क्या कुछ खास करने वाली है हिमाचल पुलिस

सोलन: जिले के सलोगड़ा प्राइमरी स्कूल में नौनिहालों बिना छत के स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने के मजबूर हैं. फोरलेन निर्माण के कारण टूटे इस स्कूल की ओर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है. शायद इसका कारण ये भी है कि इस स्कूल में किसी वीवीआईपी का बच्चा नहीं पढ़ता.

salogda primary school
खुली छत के नीचे पढ़ाई करते नौनिहाल और स्कूल की जर्जर हालत

सरकार के बेहतर शिक्षा के सारे दावे इस स्कूल को देखकर खोखले नजर आते हैं. सरकार की अनदेखी के कारण 126 नौनिहालों की जिंदगी खतरे में डाली जा रही है. नौनिहाल तपती धूप में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. स्कूल सोलन शहर से 8 किलोमीटर दूरी पर शिमला एनएच पर स्थित है. स्कूल का भवन पूरी तरह से जर्जर हो गया है और बच्चों को छत तक नसीब नहीं हो रही है.

दरअसल परवाणु से शिमला तक चल रहे फोरलेन के काम मे सलोगड़ा का प्राइमरी स्कूल आ चुका है. फोरलेन के काम के चलते तोड़ा गया है, लेकिन अभी तक स्कूल प्रशासन के पास बच्चों को बिठाने के उचित सुविधा नहीं की गई है. आलम यह है कि प्राइमरी स्कूल के बच्चों को जर्जर कमरों में बिठाया गया है, जिसकी हालत बहुत ही नाजुक है और कभी भी कोई भी अनहोनी हो सकती है. सरकार और विभाग की लापरवाही के कारण नन्हें बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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एसएमसी प्रधान कमल का कहना है कि पिछले 3 महीनों से सलोगड़ा प्राइमरी स्कूल के बच्चे धूप में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 126 बच्चों की जिंदगी दांव पर लगी है. उन्होंने कहा कि अगर फोरलेन के काम मे स्कूल बिल्डिंग आ रही थी तो प्रशासन को चाहिए था कि वो बच्चों को बैठने की उचित सुविधा उपलब्ध करवाई जाए. उन्होंने कहा कि इस बारे में डीसी सोलन को ज्ञापन सौंपा गया है.

अभिभावकों का फूटा गुस्सा

सरकार और शिक्षा विभाग की अनदेखी पर अभिभावकों में रोष है. अभिभावकों का कहना है कि स्कूल में बच्चों को खुले में शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही और जर्जर भवन के कारण भी अनहोनी का खतरा बना हुआ है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि जल्द बच्चों को बैठने की उचित सुविधा की जाए.

ये भी पढ़ेंः ऐप के जरिए नशा तस्करों पर कसी जाएगी नकेल, जानिए क्या कुछ खास करने वाली है हिमाचल पुलिस


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---------- Forwarded message ---------
From: Ricky Yogesh <rickyyogesh000@gmail.com>
Date: Wed, May 29, 2019 at 7:39 AM
Subject: तपती धूप में खुले में शिक्षा लेने को मजबूर सलोगडा प्राईमरी स्कूल के विद्यार्थी,स्वास्थ्य के साथ साथ भविष्य से भी खिलवाड़ कर रहा शिक्षा विभाग,स्कूल से बच्चे निकालने को मजबूर हो रहे परिजन , विभाग बना मूक दर्शक,126 बच्चों की जिंदगी दाव पर
To: <rajneeshkumar@etvbharat.com>


तपती धूप में खुले में शिक्षा लेने को मजबूर सलोगड़ा प्राईमरी स्कूल के  विद्यार्थी,स्वास्थ्य के साथ साथ भविष्य से भी खिलवाड़ कर रहा शिक्षा विभाग,स्कूल से बच्चे निकालने को मजबूर हो रहे परिजन , विभाग बना मूक दर्शक,126 बच्चों की जिंदगी दाव पर


लोकेशन:-सोलन:-योगेश शर्मा

कहा जाता है कि बच्चे देश का भविष्य होता है, लेकिन जब उनके ही भविष्य के साथ खिलवाड़ होता तो आश्चर्य जरूर होता है,



ताज़ा मामला सोलन  का है जिसे शिक्षा का हब भी कहा जाता है लेकिन शहर से 8 किलोमीटर दूर शिमला NH के साथ लगते स्कूल सलोगड़ा का है जो कि एक प्राइमरी स्कूल है, और छोटे छोटे बच्चे वहां पड़ रहे है लेकिन वहां का हाल देख कर आपका दिल भी दहल जायेगा कि जर्जर हालत होने के कारण भी स्कूल प्रशासन को बच्चों का जीवन दाव पर रखकर उन्हें पढ़ाना पड़ रहा है, लेकिन वो भी क्या करे आखिर प्रशासन सुध ले तब तो कुछ बात बने।


आइए जानते है क्या मामला है
परवाणु से शिमला तक चल रहे फोरलेन के काम मे सलोगड़ा का प्राइमरी स्कूल आ चुका है जिसे फोरलेन के काम के चलते तोड़ा गया है, और काम चल रहा है। लेकिन अभी तक स्कूल प्रशासन के पास बच्चों को बिठाने के उचित सुविधा नहीं की गई है,आलम यह है कि प्राइमरी स्कूल के बच्चो को जर्जर कमरों में बिठाया गया है जिसकी हालत बहुत ही नाजुक है और कभी भी कोई भी अनहोनी हो सकती है।



:-SMC के प्रधान का क्या कहना है :-
वहीं SMC के प्रधान कमल का कहना है कि पिछले 3 महीनों से सलोगड़ा प्राइमरी स्कूल के बच्चे धूप में बैठकर पढ़ाई कर रहे है, उन्होंने कहा कि 126 बच्चों की जिंदगी दाव पर लगी है। उन्होंने कहा कि अगर फोरलेन के काम मे स्कूल बिल्डिंग आ रही थी तो प्रशासन को चाहिए था कि वो बच्चों को बैठने की उचित सुवीधा कराए, लेकिन सरकार और प्रशासन इसकी तरफ सुध नही ले रहा है, उन्होंने कहा कि उन्होंने DC सोलन को इस बारे में ज्ञापन सौंपा है और गुहार लगाई है कि इस बारे में कोई उचित कदम उठाया जा सके, ताकि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो।


:-अभिभावकों का फूटा गुस्सा
वहीं दूसरी तरफ बच्चों के अभिभावकों का कहना है की स्कूल की हालत बहुत खराब है और बच्चों का ऐसे स्कूल में बैठना खतरे से खाली नही है,उन्होंने कहा की प्रशासन ना तो इसकी तरफ ध्यान दे रहा है ना ही सरकार,और जो कमरे मुहैया करवाये गए है उनकी हालत भी नाजुक है।

उन्होंने कहा कि बच्चों को बाहर धूप में पढ़ाया जा रहा है जिससे आये दिन बच्चे बीमार हो रहै हे, उन्होंने कहा कि आने वाला मौसम बरसात का है और अगर ऐसा ही रहा तो बच्चों का स्कूल आना बंद कर देंगे।

उनका कहना है स्कूल सड़क के साथ है ऊपर से कभी भी पत्थर उपर से गिरकर किसी बड़ी अनहोनी को दावत दे सकते है।


कुछ बच्चों की माताओं का कहना हर रोज सताती है बच्चों की घर आने की चिंता:-

वहीं कुछ बच्चों की माँ ने कहा कि उन्हें हर दिन यहीं चिंता सताती रहती है कि उनका बच्चा कब घर आयेगा, उन्होंने कहा कि हमेशा यही डर सताता रहता है कि उनके साथ कोई अनहोनी ना घट जाए।वहीं उन्होंने कहा कि अगर कल को कोई दुर्घटना घटती है तो इसकी जिम्मेदार सरकार और प्रशासन होगा।


सवाल ये उठता है कि अगर किसी बड़े अधिकारी का बच्चा इस स्कूल में पड़ता तो क्या तब भी इस मामले को इसी तरह से नजरअंदाज किया जाता।


अब देखना होगा की सरकार और प्रशासन इसकी तरफ कब ध्यान देता है क्योंकि जहां एक तरफ देश मे बच्चों के उज्जवल भविष्य की बात की जाती है वहीं दूसरी तरफ उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ हो रहा है।


बाइट:- कमल (SMC प्रधान govt प्राइमरी स्कूल सलोगड़ा सोलन)
शॉट:-स्पॉट स्कूल बिल्डिंग, बच्चे, रूम कंडीशन।
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