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सरकार चाहे किसी भी दल की हो...सोलन से जरूर बनते हैं मंत्री, जानें इतिहास

हिमाचल प्रदेश का विधानसभा चुनाव कई मायनों में खास है. इस बार न तो कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह चुनावी मैदान में हैं और न ही भाजपा के दिग्गज नेता प्रेम कुमार धूमल और शांता कुमार. वहीं सोलन की बात करें तो 1990 से लेकर आजतक हिमाचल प्रदेश में जिस भी दल की सरकार बनी हो सोलन जिले से मंत्री जरूर बना है. जानें अबतक का इतिहास.

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Published : Nov 25, 2022, 12:40 PM IST

सोलन: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 का रिजल्ट आने में बस कुछ दिनों का ही समय बाकी है. ऐसे में सभी दलों की ओर से उनकी सरकार बनने का दावा डंके की चोट पर किया जा रहा है. वहीं मुख्यमंत्री के चेहरे पर भी विचार किया जा रहा है. इतिहास भी इस बात की गवाही देता है कि साल 1990 से लेकर विधानसभा में पहुंचा सोलन का कोई न कोई विधायक मंत्री जरूर बना है, चाहे सरकार किसी भी दल की प्रदेश में बनी हो. (Minister From Solan In Every Government ) (political equation of solan)

हिमाचल की राजनीति में सोलन की अहम भूमिका : आंकड़ो पर नजर डाली जाए तो 1990 में भाजपा जीती और शांता कुमार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. उनके समय में सोलन जिले को दो मंत्री मिले. नगीन चंद्रपाल अर्की विधानसभा क्षेत्र से लोक निर्माण विभाग और राजस्व मंत्री बनाए गए तो वहीं, दूसरी तरफ सोलन विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा में पहुंचे महेंद्र नाथ सोफत को एचआरटीसी और पर्यटन विभाग दिया गया.

पढ़ें- 2007 के बाद से सोलन जिले में लगातार गिरा BJP की जीत का ग्राफ, क्या इस बार होगा कमाल ?

सोलन देता है प्रदेश को मंत्री: इस दौरान सोलन जिला से भाजपा की तीन सीटें आई थी जिनमें अर्की, नालागढ़ और कसौली सीट है. उस समय कसौली सीट से सतपाल कम्बोज जीते थे, लेकिन जिले से जीते तीन विधायक में से तब दो विधायक मंत्री बने थे. इसके बाद साल 1993 में कांग्रेस की सरकार बनी. प्रदेश में वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री बने. इस दौरान विजयेंद्र सिंह नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से जीते और प्रदेश में स्वास्थ्य राज्य मंत्री बने.

सरकार किसी की भी हो...मंत्री बनना तय: 1998 में प्रदेश में भाजपा ने फिर सत्ता हासिल की. पहली बार विधायक बनने के साथ ही पहली बार हिमाचल में प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने. उनके साथ नालागढ़ से विधानसभा में जीतकर गए हरिनारायण सिंह सैणी प्रदेश में राज्य टीसीपी मंत्री बने. उसके बाद साल 2003 में हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनी और एक बार फिर प्रदेश में वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री बने इस दौरान कसौली विधानसभा क्षेत्र से जीतकर आए रघुराज प्रदेश में पशुपालन राज्य मंत्री बने.

2008 और 2012 में भी विधायक बने मंत्री: साल 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में सत्ता में एक बार फिर भाजपा ने वापसी की और प्रदेश में दूसरी दफा प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने. वहीं इस दौरान सोलन विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा में चुनाव जीतकर पहुंचे डॉ. राजीव बिंदल स्वास्थ्य मंत्री बने. साल 2012 में एक बार कांग्रेस फिर सत्ता में आई और प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह बने. सोलन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे धनीराम शांडिल सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री बने.

2017 में डॉ. राजीव सैजल बने मंत्री: साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश में माहौल दिलचस्प हुआ. जहां एक तरफ भाजपा ने प्रेम कुमार धूमल को सीएम चेहरा बनाया लेकिन बाद में धूमल चुनाव हारे और भाजपा ने मंडी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र से पांचवी बार जीतकर आए जयराम ठाकुर को सीएम बनाया. इस दौरान सोलन जिला की कसौली सीट से जीतकर आए डॉ. राजीव सैजल प्रदेश में पहले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री बने. उसके बाद उन्हें प्रदेश में स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया.

बहरहाल, 8 दिसम्बर को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे. कौन जीतेगा कौन हारेगा किसकी सरकार बनेगी कौन मंत्री बनेगा और कौन मुख्यमंत्री ये तभी पता लग पायेगा, लेकिन तबतक सभी राजनीतिक दल अपने अपने जीत का दावा कर अपनी अपनी सरकार बना रहे हैं. (Himachal Pradesh elections result 2022)

सोलन: हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 का रिजल्ट आने में बस कुछ दिनों का ही समय बाकी है. ऐसे में सभी दलों की ओर से उनकी सरकार बनने का दावा डंके की चोट पर किया जा रहा है. वहीं मुख्यमंत्री के चेहरे पर भी विचार किया जा रहा है. इतिहास भी इस बात की गवाही देता है कि साल 1990 से लेकर विधानसभा में पहुंचा सोलन का कोई न कोई विधायक मंत्री जरूर बना है, चाहे सरकार किसी भी दल की प्रदेश में बनी हो. (Minister From Solan In Every Government ) (political equation of solan)

हिमाचल की राजनीति में सोलन की अहम भूमिका : आंकड़ो पर नजर डाली जाए तो 1990 में भाजपा जीती और शांता कुमार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. उनके समय में सोलन जिले को दो मंत्री मिले. नगीन चंद्रपाल अर्की विधानसभा क्षेत्र से लोक निर्माण विभाग और राजस्व मंत्री बनाए गए तो वहीं, दूसरी तरफ सोलन विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा में पहुंचे महेंद्र नाथ सोफत को एचआरटीसी और पर्यटन विभाग दिया गया.

पढ़ें- 2007 के बाद से सोलन जिले में लगातार गिरा BJP की जीत का ग्राफ, क्या इस बार होगा कमाल ?

सोलन देता है प्रदेश को मंत्री: इस दौरान सोलन जिला से भाजपा की तीन सीटें आई थी जिनमें अर्की, नालागढ़ और कसौली सीट है. उस समय कसौली सीट से सतपाल कम्बोज जीते थे, लेकिन जिले से जीते तीन विधायक में से तब दो विधायक मंत्री बने थे. इसके बाद साल 1993 में कांग्रेस की सरकार बनी. प्रदेश में वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री बने. इस दौरान विजयेंद्र सिंह नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र से जीते और प्रदेश में स्वास्थ्य राज्य मंत्री बने.

सरकार किसी की भी हो...मंत्री बनना तय: 1998 में प्रदेश में भाजपा ने फिर सत्ता हासिल की. पहली बार विधायक बनने के साथ ही पहली बार हिमाचल में प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने. उनके साथ नालागढ़ से विधानसभा में जीतकर गए हरिनारायण सिंह सैणी प्रदेश में राज्य टीसीपी मंत्री बने. उसके बाद साल 2003 में हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनी और एक बार फिर प्रदेश में वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री बने इस दौरान कसौली विधानसभा क्षेत्र से जीतकर आए रघुराज प्रदेश में पशुपालन राज्य मंत्री बने.

2008 और 2012 में भी विधायक बने मंत्री: साल 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में सत्ता में एक बार फिर भाजपा ने वापसी की और प्रदेश में दूसरी दफा प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री बने. वहीं इस दौरान सोलन विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा में चुनाव जीतकर पहुंचे डॉ. राजीव बिंदल स्वास्थ्य मंत्री बने. साल 2012 में एक बार कांग्रेस फिर सत्ता में आई और प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह बने. सोलन विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे धनीराम शांडिल सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री बने.

2017 में डॉ. राजीव सैजल बने मंत्री: साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश में माहौल दिलचस्प हुआ. जहां एक तरफ भाजपा ने प्रेम कुमार धूमल को सीएम चेहरा बनाया लेकिन बाद में धूमल चुनाव हारे और भाजपा ने मंडी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र से पांचवी बार जीतकर आए जयराम ठाकुर को सीएम बनाया. इस दौरान सोलन जिला की कसौली सीट से जीतकर आए डॉ. राजीव सैजल प्रदेश में पहले सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री बने. उसके बाद उन्हें प्रदेश में स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया.

बहरहाल, 8 दिसम्बर को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे. कौन जीतेगा कौन हारेगा किसकी सरकार बनेगी कौन मंत्री बनेगा और कौन मुख्यमंत्री ये तभी पता लग पायेगा, लेकिन तबतक सभी राजनीतिक दल अपने अपने जीत का दावा कर अपनी अपनी सरकार बना रहे हैं. (Himachal Pradesh elections result 2022)

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