बद्दी: कोरोना महामारी के इस दौर में एक तरफ मजदूरों को बदसलूकी झेलनी पड़ी, पुलिस के डंडे तक खाने पड़े. अपने घर पहुंचने के लिए मजदूरों ने हजारों किलोमीटर का लंबा सफर पैदल ही पूरा कर दिया. तो कहीं लोगों को दो वक्त का खाना तक नसीब नहीं हुआ. हालात इतने बुरे थे कि हजारों लोगों को अपनी नौकरी तक से हाथ धोना पड़ा. कोरोना वायरस ने मानो जैसे सबकी जिंदगी में ग्रहण लगा दिया हो.
वहीं, मानपुरा स्थित इनटेक्स उद्योग में भी कर्मचारियों को कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर लगाए गए कर्फ्यू में वेतन नहीं दिया गया. उद्योग में कार्यरत कर्मचारियों ने बताया की उद्योग प्रबंधन की ओर से कामगारों को ना तो लॉकडाउन के दौरान वेतन दिया गया और अब बिना किसी वजह के उद्योग का उत्पादन बंद कर दिया. साथ ही सभी कामगारों को नोटिस के जरिए अपना अपना त्यागपत्र अपनी इच्छा से देने को भी बोला गया.
वहीं, कामगारों ने उद्योग प्रबंधन से बिना वजह त्याग पत्र देने का जवाब मांगा तो कोई उचित जवाब ना मिल पाने पर सभी कामगारों ने नालागढ़ श्रम कार्यालय में जाकर उद्योग प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दी और प्रदेश सरकार व अधिकारियों से मांग उठाई के उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए. कामगारों का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते हर एक मजदूर की स्थिति बहुत खराब बनी हुई है.
कामगारों का कहना है कि औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में जब तक सरकार की ओर से पैकेज दिया गया तब तक उद्योगपतियों ने बीबीएन में अपने बड़े-बड़े उद्योग स्थापित किए और सैकड़ों लोगों को रोजगार भी दिया, लेकिन जब सरकार का पैकेज खत्म हो गया तो करोड़ों का मुनाफा कमाने वाले उद्योग कोई ना कोई बहाना बनाकर अपने उद्योग बंद कर लाखों मजदूरों के रोजगार पर लात मार कर चले गए.
वहीं, नालागढ़ के लेबर इंस्पेक्टर अमित कुमार से कहा कि कर्मचारियों की ओर से उन्हें शिकायत दी गई है जिस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए उद्योग प्रबंधन को बुलाया जाएगा और सभी मजदूरों का हक उन्हें दिलाया जाएगा.