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सोलन की 211 पंचायतों में बनाई जाएगी टास्क फोर्स, आपदा से निपटने के लिए तैयार रहेंगे वॉलंटियर

सरकार ने आपदा होने पर लोगों को समय पर राहत व बचाव कार्य पहुंचाने के लिए अब पंचायत स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया है. इसके लिए हर पंचायत से करीब 15-15 स्वयंसेवियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.

disaster training on panchayat level in solan
सोलन में पंचायत स्तर पर आपदा प्रशिक्षण
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Published : Jan 24, 2020, 2:08 PM IST

सोलन: प्रदेश सरकार ने आपदा होने पर लोगों को समय पर राहत व बचाव कार्य पहुंचाने के लिए अब पंचायत स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया है. इसके लिए हर पंचायत से करीब 15-15 स्वयंसेवियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में कोई भी आपदा होने पर यह लोग प्रशासन से मदद मिलने से पहले ही राहत व बचाव कार्य शुरू कर देंगे.

disaster training on panchayat level in solan
आपदा से निपटने के लिए तैयार रहेंगे वॉलंटियर

इसके चलते कंडाघाट विकास खंड कार्यालय में आपदा प्रशिक्षण शिविर भी शुरू हो गया है. तीन दिन के इस प्रशिक्षण शिविर में इन स्वयंसेवियों को प्राथमिक उपचार से लेकर आपदा के समय राहत व बचाव कार्य की जानकारी दी जा रही है. अभी तक 6 पंचायतों के लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है. इस तरह की टास्क फोर्स जिला की 211 पंचायतों में आयोजित की जाएगी. प्रशिक्षण शिविर की समन्वयक व विकास खंड कार्यालय कंडाघाट की कनिष्ठ अभियंता सुलक्षणा की निगरानी में यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित हो रहा है. इस शिविर में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की प्रशिक्षक अपूर्वा यह ट्रेनिंग दे रहीं हैं.

प्रशिक्षण के दौरान सर्च और ऑपरेशन रेस्क्यू टीम के कर्मचारी ने बताया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य लोगों को आपदा के समय आने वाली परिस्थितियों से लड़ने के बारे में अवगत कराना है, ताकि वह आपदा के समय हड़बड़ाहट में न आए. साथ ही लोगों को आपदा से कैसे निपटे उसके बारे में बताना है.

उपायुक्त सोलन कैसी चमन ने कहा कि आपदाओं से निपटने के लिए ग्रामीण स्तर पर टास्क फोर्स का निर्माण किया जा रहा है, ताकि आपदा के समय पुलिस और प्रशासन को देर होने पर भी ग्रामीण आपदा से निपटने के लिए सतर्क रहें. उन्होंने कहा कि हर पंचायत से करीब 15 जवानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिला भर में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम करवाए जाएंगे, ताकि लोग जिला आपदा से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहें.

disaster training on panchayat level in solan
सोलन की 211 पंचायतों में बनाई जाएगी टास्क फोर्स

जिला सोलन आपदा की दृष्टि से बहुत संवेदनशील है. फोरलेन के निर्माण के कारण इसकी संभावनाएं बढ़ गईं हैं. प्रदेश में अभी तक इस तरह की टास्क फोर्स नहीं थी. ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा की स्थिति में स्थानीय लोगों को राहत व बचाव कार्य के लिए प्रशासन की मदद पर निर्भर रहना पड़ता था. कई बार राहत पहुंचने में देरी होने के कारण लोगों की जान पर भी बन आती थी. इसे देखते हुए ही प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में टास्क फोर्स का गठन करने का फैसला लिया.

इसके बाद से ही खंड स्तर पर इस तरह के प्रशिक्षण शिविर शुरू हुए हैं. पहले दिन स्वयंसेवियों को भूकंप व आपदा के बारे में जानकारी दी जा रही है. शिविर के दूसरे दिन प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि तीसरे दिन आपदा में मलबे में दबे लोगों को को खोजने व राहत कार्य के साथ-साथ आग की स्थिति में राहत व बचाव कार्य की जानकारी दी जा रही है. जिला की सभी पंचायतों में इस टास्क फोर्स का गठन होने से राहत व बचाव कार्य समय पर उपलब्ध होगा.

वीडियो

ये भी पढ़ें: नशा जागरूकता पर संगोष्ठी, कविताओं के माध्यम से कवियों ने समाज को दिया संदेश

सोलन: प्रदेश सरकार ने आपदा होने पर लोगों को समय पर राहत व बचाव कार्य पहुंचाने के लिए अब पंचायत स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया है. इसके लिए हर पंचायत से करीब 15-15 स्वयंसेवियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में कोई भी आपदा होने पर यह लोग प्रशासन से मदद मिलने से पहले ही राहत व बचाव कार्य शुरू कर देंगे.

disaster training on panchayat level in solan
आपदा से निपटने के लिए तैयार रहेंगे वॉलंटियर

इसके चलते कंडाघाट विकास खंड कार्यालय में आपदा प्रशिक्षण शिविर भी शुरू हो गया है. तीन दिन के इस प्रशिक्षण शिविर में इन स्वयंसेवियों को प्राथमिक उपचार से लेकर आपदा के समय राहत व बचाव कार्य की जानकारी दी जा रही है. अभी तक 6 पंचायतों के लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है. इस तरह की टास्क फोर्स जिला की 211 पंचायतों में आयोजित की जाएगी. प्रशिक्षण शिविर की समन्वयक व विकास खंड कार्यालय कंडाघाट की कनिष्ठ अभियंता सुलक्षणा की निगरानी में यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित हो रहा है. इस शिविर में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की प्रशिक्षक अपूर्वा यह ट्रेनिंग दे रहीं हैं.

प्रशिक्षण के दौरान सर्च और ऑपरेशन रेस्क्यू टीम के कर्मचारी ने बताया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य लोगों को आपदा के समय आने वाली परिस्थितियों से लड़ने के बारे में अवगत कराना है, ताकि वह आपदा के समय हड़बड़ाहट में न आए. साथ ही लोगों को आपदा से कैसे निपटे उसके बारे में बताना है.

उपायुक्त सोलन कैसी चमन ने कहा कि आपदाओं से निपटने के लिए ग्रामीण स्तर पर टास्क फोर्स का निर्माण किया जा रहा है, ताकि आपदा के समय पुलिस और प्रशासन को देर होने पर भी ग्रामीण आपदा से निपटने के लिए सतर्क रहें. उन्होंने कहा कि हर पंचायत से करीब 15 जवानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिला भर में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम करवाए जाएंगे, ताकि लोग जिला आपदा से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहें.

disaster training on panchayat level in solan
सोलन की 211 पंचायतों में बनाई जाएगी टास्क फोर्स

जिला सोलन आपदा की दृष्टि से बहुत संवेदनशील है. फोरलेन के निर्माण के कारण इसकी संभावनाएं बढ़ गईं हैं. प्रदेश में अभी तक इस तरह की टास्क फोर्स नहीं थी. ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा की स्थिति में स्थानीय लोगों को राहत व बचाव कार्य के लिए प्रशासन की मदद पर निर्भर रहना पड़ता था. कई बार राहत पहुंचने में देरी होने के कारण लोगों की जान पर भी बन आती थी. इसे देखते हुए ही प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में टास्क फोर्स का गठन करने का फैसला लिया.

इसके बाद से ही खंड स्तर पर इस तरह के प्रशिक्षण शिविर शुरू हुए हैं. पहले दिन स्वयंसेवियों को भूकंप व आपदा के बारे में जानकारी दी जा रही है. शिविर के दूसरे दिन प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि तीसरे दिन आपदा में मलबे में दबे लोगों को को खोजने व राहत कार्य के साथ-साथ आग की स्थिति में राहत व बचाव कार्य की जानकारी दी जा रही है. जिला की सभी पंचायतों में इस टास्क फोर्स का गठन होने से राहत व बचाव कार्य समय पर उपलब्ध होगा.

वीडियो

ये भी पढ़ें: नशा जागरूकता पर संगोष्ठी, कविताओं के माध्यम से कवियों ने समाज को दिया संदेश

Intro:आपदा से निपटना हुआ आसान, पंचायत स्तर पर बनाई जा रही टास्क फोर्स

■ आपदा के समय पुलिस प्रशासन भले ही पहुंचे देरी से हमेशा तैयार रहेंगे पंचायतो के वॉलिंटियर

■ आपदा से निपटने के लिए जिला भर की 211 पंचायतों में बनाई जाएगी टास्क फोर्स



प्रदेश सरकार ने आपदा होने पर लोगों को समय पर राहत व बचाव कार्य पहुंचाने के लिए अब पंचायत स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया है। इसके लिए प्रत्येक पंचायत से करीब 15 - 15 स्वयंसेवी को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके लिए इन स्वयंसेवी को प्रशिक्षित किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र में कोई भी आपदा होने पर यह लोग प्रशासन से मदद मिलने से पूर्व ही राहत व बचाव कार्य शुरू कर देंगे। कंडाघाट विकास खंड कार्यालय में आपदा प्रशिक्षण शिविर शुरू भी हो गया है।

तीन दिन के इस प्रशिक्षण शिविर में इन स्वयंसेवी को प्राथमिक उपचार से लेकर आपदा के समय राहत व बचाव कार्य की जानकारी दी जा रही है। अभी तक 6 पंचयतो के लोगो को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इस प्रकार की टास्क फोर्स जिला की 211 पंचायतों में आयोजित की जाएगी। प्रशिक्षण शिविर की समन्वयक व विकास खंड कार्यालय कंडाघाट की कनिष्ठ अभियंता सुलक्षणा की निगरानी में यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित हो रहा है। इसमें जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की प्रशिक्षक अपूर्वा द्वारा यह ट्रेनिंग दी जा रही है।

Body:
■ क्या कहते है सर्च और ऑपरेशन रेस्क्यू टीम के कर्मचारी.......
प्रशिक्षण के दौरान सर्च और ऑपरेशन रेस्क्यू टीम की कर्मचारी ने बात करते हुए बताया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य लोगों को आपदा के समय आने वाली परिस्थितियों से लड़ने के बारे में अवगत कराना है ताकि वह आपदा के समय हड़बड़ाहट में ना आकर आपदा से कैसे निपटे उसके बारे में बताना है।

■ क्या कहते है उपायुक्त सोलन.....
वहीं उपायुक्त सोलन कैसी चमन का कहना है कि आपदाओं से निपटने के लिए ग्रामीण स्तर पर टटास्क फोर्स का निर्माण इसलिए किया जा रहा है ताकि आपदा के समय पुलिस और प्रशासन लेट भी हो जाए तो आपदा से निपटने के लिए ग्रामीण सतर्क रहें , उन्होंने कहा कि हर पंचायत से करीब 15 जवानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वह आपदा के समय किस तरह से लड़ना है उस बारे में जान सकें उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे जिला भर में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम करवाए जाएंगे ताकि जिला आपदा से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहें।





Conclusion:
जिला सोलन आपदा की दृष्टि से बहुत संवेदनशील है। फोरलेन के निर्माण के कारण इसकी संभावनाएं बढ़ गई है। प्रदेश में अभी तक इस प्रकार की टास्क फोर्स नहीं थी। ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा की स्थिति में स्थानीय लोगों को राहत व बचाव कार्य के लिए प्रशासन की मदद पर निर्भर रहना पड़ता था । कई बार राहत पहुंचने में देरी भी हो जाती थी जिसके कारण लोगों की जांच भी सांसत में पड़ जाती थी। इसे देखते हुए ही प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में टास्क फोर्स का गठन करने का निर्णय लिया।


इसके बाद से ही खंड स्तर पर इस प्रकार के प्रशिक्षण शिविर शुरू हुए है। पहले दिन स्वयंसेवियों को भूकंप व आपदा के बारे में जानकारी दी जा रही है। शिविर के दूसरे दिन प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जबकि तीसरे दिन आपदा में मलबे में दबे लोगों को को खोचने व राहत कार्य के साथ - साथ आग की स्थिति में राहत व बचाव कार्य की जानकारी दी जा रही है। जिला की सभी पंचायतों में इस टास्क फोर्स का गठन होने से राहत व बचाव कार्य समय पर उपलब्ध होगी।
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