सोलन: प्रदेश सरकार ने आपदा होने पर लोगों को समय पर राहत व बचाव कार्य पहुंचाने के लिए अब पंचायत स्तर पर टास्क फोर्स का गठन किया है. इसके लिए हर पंचायत से करीब 15-15 स्वयंसेवियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्र में कोई भी आपदा होने पर यह लोग प्रशासन से मदद मिलने से पहले ही राहत व बचाव कार्य शुरू कर देंगे.
इसके चलते कंडाघाट विकास खंड कार्यालय में आपदा प्रशिक्षण शिविर भी शुरू हो गया है. तीन दिन के इस प्रशिक्षण शिविर में इन स्वयंसेवियों को प्राथमिक उपचार से लेकर आपदा के समय राहत व बचाव कार्य की जानकारी दी जा रही है. अभी तक 6 पंचायतों के लोगों को प्रशिक्षित किया जा चुका है. इस तरह की टास्क फोर्स जिला की 211 पंचायतों में आयोजित की जाएगी. प्रशिक्षण शिविर की समन्वयक व विकास खंड कार्यालय कंडाघाट की कनिष्ठ अभियंता सुलक्षणा की निगरानी में यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित हो रहा है. इस शिविर में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की प्रशिक्षक अपूर्वा यह ट्रेनिंग दे रहीं हैं.
प्रशिक्षण के दौरान सर्च और ऑपरेशन रेस्क्यू टीम के कर्मचारी ने बताया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य लोगों को आपदा के समय आने वाली परिस्थितियों से लड़ने के बारे में अवगत कराना है, ताकि वह आपदा के समय हड़बड़ाहट में न आए. साथ ही लोगों को आपदा से कैसे निपटे उसके बारे में बताना है.
उपायुक्त सोलन कैसी चमन ने कहा कि आपदाओं से निपटने के लिए ग्रामीण स्तर पर टास्क फोर्स का निर्माण किया जा रहा है, ताकि आपदा के समय पुलिस और प्रशासन को देर होने पर भी ग्रामीण आपदा से निपटने के लिए सतर्क रहें. उन्होंने कहा कि हर पंचायत से करीब 15 जवानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जिला भर में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम करवाए जाएंगे, ताकि लोग जिला आपदा से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहें.
जिला सोलन आपदा की दृष्टि से बहुत संवेदनशील है. फोरलेन के निर्माण के कारण इसकी संभावनाएं बढ़ गईं हैं. प्रदेश में अभी तक इस तरह की टास्क फोर्स नहीं थी. ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा की स्थिति में स्थानीय लोगों को राहत व बचाव कार्य के लिए प्रशासन की मदद पर निर्भर रहना पड़ता था. कई बार राहत पहुंचने में देरी होने के कारण लोगों की जान पर भी बन आती थी. इसे देखते हुए ही प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में टास्क फोर्स का गठन करने का फैसला लिया.
इसके बाद से ही खंड स्तर पर इस तरह के प्रशिक्षण शिविर शुरू हुए हैं. पहले दिन स्वयंसेवियों को भूकंप व आपदा के बारे में जानकारी दी जा रही है. शिविर के दूसरे दिन प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि तीसरे दिन आपदा में मलबे में दबे लोगों को को खोजने व राहत कार्य के साथ-साथ आग की स्थिति में राहत व बचाव कार्य की जानकारी दी जा रही है. जिला की सभी पंचायतों में इस टास्क फोर्स का गठन होने से राहत व बचाव कार्य समय पर उपलब्ध होगा.
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