सोलन: जिला सोलन को आवारा पशुओं से मुक्त करवाने के लिए पशुपालन विभाग ने कमर कस ली है. साल 2021 में पशुपालन विभाग सोलन द्वारा जिले के सभी नेशनल और स्टेट हाईवे से आवारा पशुओं को काऊ सेंचुरी में भेजा गया था, लेकिन उसके बाद से लगातार लोग पशुओं को सड़कों पर छोड़ रहे हैं. साल 2022 में पशुपालन विभाग द्वारा सोलन जिले की 33 गौशालाओं में करीब 850 आवारा पशुओं को पहुंचाया गया है, जिनका खर्चा सरकार उठा रही है. (Animal Husbandry Department Solan) (Stray animals in Solan)
पशुपालन विभाग सोलन के उपनिदेशक डॉ. बीबी गुप्ता ने बताया कि सोलन जिले का क्षेत्रफल भले ही छोटा है, लेकिन प्रदेश में दूसरे नंबर पर यहां पर सबसे ज्यादा गौशालाएं हैं. जिनमें से 32 गौशाला प्राइवेट हैं. वहीं, एक सरकारी गौशाला है जो बद्दी हांडाकुंडी में बनी है. इन सभी गौशालाओं में करीब 4550 आवारा पशु हैं, जिन्हें यहां आश्रय दिया गया है. इन सभी पशुओं का प्रतिमाह खर्चा सरकार उठाती है.
उन्होंने बताया कि बॉर्डर एरिया होने के साथ सोलन जिले में आवारा पशु सड़कों पर छोड़े जाते हैं. पंजाब, हरियाणा और सिरमौर के साथ लगता एरिया ऐसा है जहां पर सड़कों पर लोगों द्वारा पशुओं को छोड़ा जाता है, लेकिन साल 2023 में सभी गांव सभी सड़कों सभी स्टेट और नेशनल हाईवे पर पशुपालन विभाग की नजर रहेगी और सड़कों पर घूमने वाले निराश्रित पशुधन को गौशालाओं तक पहुंचाया जाएगा.
बीबी गुप्ता ने कहा कि इसको लेकर ग्राम पंचायतों नगर निगम, निकायों के लोगों के साथ विभाग ने बैठक भी की है. जिसके माध्यम से कमेटियों का गठन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि फिलहाल जब तक सरकार लंपी वायरस को डीनोटिफाई नहीं करती है तब तक आवारा पशुओं को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाना बंद रखा गया है. उन्होंने कहा कि आदेश आने तक सड़कों से गौवंश को नहीं उठाया जाएगा. जैसे ही सरकार लंपी वायरस को डीनोटिफाई करती है उसके बाद से पशुपालन विभाग निराश्रित पशुओं को गौशाला तक पहुंचाएगा. (Cowshed in solan) (Solan will be free from stray animals in 2023)
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