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सोलन में 50 हजार किसान कर रहे प्राकृतिक खेती, मोटे अनाज की दिशा में भी बढ़ाया कदम - सोलन में 800 हेक्टेयर पर प्राकृतिक खेती

सोलन में करीब 50 हजार किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. टमाटर से लेकर शिमला मिर्च तक की खेती प्राकृतिक हो रही है. वहीं, किसानों ने मोटे अनाज को लेकर भी कदम आगे बढ़ाना शुरू कर दिए हैं. (50 thousand farmers doing natural farming in Solan)

सोलन में 50 हजार किसान कर रहे प्राकृतिक खेती,
सोलन में 50 हजार किसान कर रहे प्राकृतिक खेती,
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Published : Feb 16, 2023, 1:44 PM IST

सोलन में 50 हजार किसान कर रहे प्राकृतिक खेती

सोलन: जहर मुक्त खेती यानी प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए लगातार देशभर में किसान इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. सरकार द्वारा भी विभिन्न योजनाएं इसको लेकर चलाई जा रही हैं.इसी कड़ी में जीरो बजट खेती एक अहम योजना किसानों के लिए सरकार द्वारा चलाई गई है. सोलन में भी जीरो बजट यानी प्राकृतिक खेती को करीब 50 हजार किसान कर रहे हैं.

50 किसानों से शुरुआत: शुरुआती तौर पर जब साल 2018 में प्राकृतिक खेती की शुरुआत हुई तो करीब 50 किसानों को जिला सोलन में इसके बारे में प्रशिक्षण दिया गया,उसके बाद 9105 कुल किसानों को इसकी खेती के बारे में प्रशिक्षण दिया गया. आज यही किसान अन्य किसानों को भी प्रशिक्षण दे रहे हैं और करीब 50 हजार किसान जिला सोलन में प्राकृतिक खेती को अपना रहे हैं.

800 हेक्टेयर भूमि में प्राकृतिक खेती: कृषि विभाग सोलन की जिला कृषि अधिकारी डॉ. सीमा कंसल ने बताया कि सोलन में प्राकृतिक खेती को किसान काफी मात्रा में कर रहे हैं करीब 50 हजार किसान इन दिनों 800 हेक्टेयर भूमि में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसान प्राकृतिक खेती की तरफ लगातार आगे बढ़ रहे हैं ,क्योंकि इसमें लागत शून्य है और भी इसे अपनाने की विधियां भी सामान्य है.

मोटे अनाज की खेती भी करना शुरू: उन्होंने कहा कि लुप्त हो चुकी मोटे अनाज की खेती को भी लगातार सोलन में किसान आगे बढ़ा रहे हैं. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से देसी गाय,स्प्रे पंप किसानों को सब्सिडी पर दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जैसे ही निर्देश उन्हें मिलेंगे वैसे ही किसानों से गोबर खरीदने का कार्य भी शुरू किया जाएगा.

सोलन में टमाटर, शिमला मिर्च: उन्होंने बताया कि जिला सोलन में किसान टमाटर,शिमला मिर्च,मटर, फ्रासबीन,घीया, गोभी, ब्रोकली की खेती को प्राकृतिक रूप से करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिले में लगातार शिविरों के माध्यम से भी प्राकृतिक खेती में बेहतर कार्य कर रहे. किसानों के माध्यम से अन्य किसानों को जागरूक करने का प्रयास विभाग द्वारा किया जा रहा है,ताकि किसान इस खेती की तरफ आगे बढ़े.

सोलन में 50 हजार किसान कर रहे प्राकृतिक खेती

सोलन: जहर मुक्त खेती यानी प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए लगातार देशभर में किसान इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. सरकार द्वारा भी विभिन्न योजनाएं इसको लेकर चलाई जा रही हैं.इसी कड़ी में जीरो बजट खेती एक अहम योजना किसानों के लिए सरकार द्वारा चलाई गई है. सोलन में भी जीरो बजट यानी प्राकृतिक खेती को करीब 50 हजार किसान कर रहे हैं.

50 किसानों से शुरुआत: शुरुआती तौर पर जब साल 2018 में प्राकृतिक खेती की शुरुआत हुई तो करीब 50 किसानों को जिला सोलन में इसके बारे में प्रशिक्षण दिया गया,उसके बाद 9105 कुल किसानों को इसकी खेती के बारे में प्रशिक्षण दिया गया. आज यही किसान अन्य किसानों को भी प्रशिक्षण दे रहे हैं और करीब 50 हजार किसान जिला सोलन में प्राकृतिक खेती को अपना रहे हैं.

800 हेक्टेयर भूमि में प्राकृतिक खेती: कृषि विभाग सोलन की जिला कृषि अधिकारी डॉ. सीमा कंसल ने बताया कि सोलन में प्राकृतिक खेती को किसान काफी मात्रा में कर रहे हैं करीब 50 हजार किसान इन दिनों 800 हेक्टेयर भूमि में प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसान प्राकृतिक खेती की तरफ लगातार आगे बढ़ रहे हैं ,क्योंकि इसमें लागत शून्य है और भी इसे अपनाने की विधियां भी सामान्य है.

मोटे अनाज की खेती भी करना शुरू: उन्होंने कहा कि लुप्त हो चुकी मोटे अनाज की खेती को भी लगातार सोलन में किसान आगे बढ़ा रहे हैं. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से देसी गाय,स्प्रे पंप किसानों को सब्सिडी पर दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जैसे ही निर्देश उन्हें मिलेंगे वैसे ही किसानों से गोबर खरीदने का कार्य भी शुरू किया जाएगा.

सोलन में टमाटर, शिमला मिर्च: उन्होंने बताया कि जिला सोलन में किसान टमाटर,शिमला मिर्च,मटर, फ्रासबीन,घीया, गोभी, ब्रोकली की खेती को प्राकृतिक रूप से करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिले में लगातार शिविरों के माध्यम से भी प्राकृतिक खेती में बेहतर कार्य कर रहे. किसानों के माध्यम से अन्य किसानों को जागरूक करने का प्रयास विभाग द्वारा किया जा रहा है,ताकि किसान इस खेती की तरफ आगे बढ़े.

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