सोलनः प्रदेश में अनुसूचित जाति उप योजना के तहत वर्ष 2020-21 में 1990 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. यह जानकारी आज जिला के सोलन, धर्मपुर तथा कण्डाघाट विकास खण्ड में विशेष प्रचार अभियान के तहत प्रदान की गई.
सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग से सम्बद्ध हिम सांस्कृतिक दल ममलीग के कलाकारों ने गांव कोठी देवरा तथा ग्राम पंचायत अन्हेच में अक्षिता लोक नृत्य सांस्कृतिक युवा मंच के कलाकारों ने कण्डाघाट विकास खण्ड की ग्राम पंचायत बांजनी तथा ग्राम पंचायत नगाली, शिव शक्ति कला मंच कोठी के कलाकारों ने धर्मपुर विकास खण्ड की ग्राम पंचायत भावगुड़ी तथा ग्राम पंचायत टकसाल के कामली गांव में गीत-संगीत व नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए कार्यान्वित की जा रही योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की.
सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में दी गई जानकारी
कलाकारों ने उपस्थित जनसमूह को अवगत करवाया कि अनुसूचित जाति उप योजना के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों पर 1990 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि योजना के तहत बागवानी, भू-संरक्षण, वन एवं वन्य प्राणी, सिंचाई एवं बाढ़ नियन्त्रण तथा पशुपालन गतिविधियों पर 4710 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं. लोगों को इस अवसर पर योजनाओं के माध्यम से लाभ प्राप्त करने की पूरी जानकारी प्रदान की गई.
मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन पर तुरंत होगा समस्याओं का निपटारा
कलाकारों ने मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन की पूर्ण जानकारी भी प्रदान की. लोगों को बताया गया कि नागरिकों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100 आरम्भ की गई है. यह हेल्पलाइन रविवार को छोड़कर सप्ताह के 06 दिन सुबह 7.00 बजे से रात 10.00 बजे तक कार्य कर रही है. लोग इस हेल्पलाइन पर अपनी किसी भी प्रकार की समस्या को दर्ज करवाकर त्वरित समाधान प्राप्त कर सकते हैं.
नशा निवारण के बारे में किया जागरूक
इस अवसर पर लोगों को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से कोविड-19 से सुरक्षा तथा नशा निवारण के सम्बन्ध में भी जागरूक किया गया. लोगों को सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनने तथा आवश्यक सोशल डिस्टेंसिंग नियम का पालन करने का आग्रह किया गया. लोगों को बताया गया कि नशे से बचने के लिए व्यक्ति को दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ कर्म पथ पर अग्रसर रहना होगा. उन्होंने स्थानीय लोगों से आग्रह किया वे अपने बच्चों से नियमित संवाद करें ताकि बच्चे नशे जैसी बुरी लत में न पड़ें.
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