राजगढ़/सिरमौरः जहां सरकार पेयजल सुविधाओं को लेकर कई दावे करती है, वहीं, जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही है. दरअसल पच्छाद उपमंडल के घिनि घाड़ में कई पेयजल योजनाएं ठप होने से पिछले 3 महीनों से क्षेत्र के लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं. इस समस्या को लेकर लोगों में सरकार और प्रशासन के खिलाफ रोष व्याप्त है.
डंपिंग साइट पर मिट्टी फेंकने से कई जल स्त्रोत बंद
दरअसल कि घिनि घाड़ के नदी नालों में अचानक मिट्टी की मोटी परत आने से कई पेयजल योजनाएं बंद हो गई हैं. जानकारी के अनुसार नाहन शिमला नेशनल हाईवे के कार्य के दौरान घिनिघाड़ की तरफ डंपिंग साइट में मलबा फेंका गया था. अब बारिश को दौरान पानी के साथ-साथ मलबा नदी-नाले में भर गए हैं जिसके कारण धीरे-धीरे सभी जल स्त्रोत बंद हो गए हैं. अब हालात ये हैं कि कुछ योजनाएं बंद हो गई हैं और यही हालत रहे तो बाकी बची हुई पेयजल योजनाएं भी बंद हो जाएंगी.
लोगों ने सरकार से की समस्या के समाधान करने की मांग
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस डंपिंग साइट की जद में आने से कई प्राचीन पानी के स्त्रोतों का अस्तित्व ही खत्म हो गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने इसके लिए सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की थी जिस पर सरकार या प्रशासन ने कोई भी उचित कदम नहीं उठाया. स्थानीय लोगों ने सरकार से मांग की है कि जल्द ही इस समस्या का हल किया जाए.
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