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Sirmaur Child Kidnapping Case: बच्चा अपहरण और फिरौती मामले में कोर्ट का फैसला, युवती सहित 3 को उम्रकैद

बच्चा अपहरण और फिरौती मामले में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायधीश कोर्ट ने तीन दोषियों को उम्रकैद और 25 हजार जुर्माने की सजा सुनाई. दोषियों में एक युवती भी शामिल है. पढ़िए पूरी खबर...(Sirmaur Court) (Sirmaur child kidnapping case)

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 13, 2023, 9:47 PM IST

सिरमौर: अतिरिक्त जिला सत्र न्यायधीश डॉ. अबीरा बासु पांवटा साहिब की अदालत ने 8 साल पुराने 4 वर्षीय बच्चे के अपहरण व फिरौती मामले में एक युवती सहित तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है. अदालत ने दोषी मनीष उर्फ गोलू (29) अंकित (27) और कुमारी प्रभा शर्मा (31) को धारा 364, 120बी, 34 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास और 25,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. वहीं, जुर्माना अदा न करने की स्थिति में दोषियों को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

मामला साल 2015 का है. अदालत में मामले की पैरवी उप-जिला न्यायवादी किशन सिंह वर्मा ने की. उप-जिला न्यायवादी (Sub District Magistrate) ने बताया 16 मार्च 2015 को आशा शर्मा ने पुलिस थाना पांवटा साहिब में शिकायत दर्ज करवाई थी. शिकायतकर्ता आशा ने पुलिस को बताया था कि उसका 4 वर्षीय बेटा रोज आर्चरड स्कूल से घर आ रहा था, इस दौरान उसे अज्ञात व्यक्ति स्कूटी पर बिठा कर अपने साथ ले गया. इसके बाद शिकायकर्ता को अपहरणकर्ता की कॉल आई. जिसमें आरोपी ने कहा तुम्हारा बेटा मेरे पास है. अगर अपने बेटे को जिंदा चाहते हो, तो फिरौती के 5 लाख रुपये हमें दे दो.

इसके बाद पुलिस व स्थानीय लोगों के सहयोग से बच्चे को जम्बुखाला खड्ड के किनारे जमोदुआ जंगल से बरामद किया गया और उसे आशा शर्मा के सपुर्द किया गया. उप-जिला न्यायवादी ने बताया कि मामले में अभियोजन पक्ष ने 23 गवाहों के ब्यान दर्ज करवाए. अदालत ने आरोप साबित होने पर तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई.

ये भी पढ़ें: Paonta Sahib Suicide Case: पांवटा साहिब में 2 दिनों में तीन लोगों ने की खुदकुशी, पुलिस कर रही मामले की जांच

सिरमौर: अतिरिक्त जिला सत्र न्यायधीश डॉ. अबीरा बासु पांवटा साहिब की अदालत ने 8 साल पुराने 4 वर्षीय बच्चे के अपहरण व फिरौती मामले में एक युवती सहित तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है. अदालत ने दोषी मनीष उर्फ गोलू (29) अंकित (27) और कुमारी प्रभा शर्मा (31) को धारा 364, 120बी, 34 आईपीसी के तहत आजीवन कारावास और 25,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. वहीं, जुर्माना अदा न करने की स्थिति में दोषियों को 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.

मामला साल 2015 का है. अदालत में मामले की पैरवी उप-जिला न्यायवादी किशन सिंह वर्मा ने की. उप-जिला न्यायवादी (Sub District Magistrate) ने बताया 16 मार्च 2015 को आशा शर्मा ने पुलिस थाना पांवटा साहिब में शिकायत दर्ज करवाई थी. शिकायतकर्ता आशा ने पुलिस को बताया था कि उसका 4 वर्षीय बेटा रोज आर्चरड स्कूल से घर आ रहा था, इस दौरान उसे अज्ञात व्यक्ति स्कूटी पर बिठा कर अपने साथ ले गया. इसके बाद शिकायकर्ता को अपहरणकर्ता की कॉल आई. जिसमें आरोपी ने कहा तुम्हारा बेटा मेरे पास है. अगर अपने बेटे को जिंदा चाहते हो, तो फिरौती के 5 लाख रुपये हमें दे दो.

इसके बाद पुलिस व स्थानीय लोगों के सहयोग से बच्चे को जम्बुखाला खड्ड के किनारे जमोदुआ जंगल से बरामद किया गया और उसे आशा शर्मा के सपुर्द किया गया. उप-जिला न्यायवादी ने बताया कि मामले में अभियोजन पक्ष ने 23 गवाहों के ब्यान दर्ज करवाए. अदालत ने आरोप साबित होने पर तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई.

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