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चरमराई स्वास्थ्य सुविधाओं के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर, 17 मई को होगी सुनवाई

स्वास्थ्य सुविधओं को लेकर नाहन में एक समाजसेवी आशुतोष गुप्ता द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता एवं समाजसेवी आशुतोष गुप्ता ने बताया कि पिछले एक वर्ष से डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमराई हुई है. लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने के चलते उन्होंने माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है, ताकि लोगों को सही मायने में स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके.

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Published : May 15, 2021, 9:59 AM IST

नाहन: डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज में चरमराती स्वास्थ्य सुविधओं के खिलाफ नाहन में एक समाजसेवी आशुतोष गुप्ता द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. जिसकी सुनवाई 17 मई को होगी. याचिका में कोरोना काल के दौरान लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने का हवाला दिया गया है.

लोगों को नहीं मिल रही उचित स्वास्थ्य सुविधाएं

नाहन में मीडिया से बात करते हुए याचिकाकर्ता एवं समाजसेवी आशुतोष गुप्ता ने बताया कि पिछले एक वर्ष से डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमराई हुई है. लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने के चलते उन्होंने माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है, ताकि लोगों को सही मायने में स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके.

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17 मई को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश करेंगे सुनवाई

उन्होंने बताया कि मामले में उच्च न्यायलय ने हस्तक्षेप किया है, जिसकी सुनवाई 17 मई को मुख्य न्यायाधीश द्वारा की जाएगी. आशुतोष गुप्ता ने बताया कि गत वर्ष नाहन मेडिकल कॉलेज को करीब दो दर्जन वॉलिंटियर सरकार से मिले थे, जो 10 महीनों में भी इंस्टॉल नहीं किए गए.

कोविड आइसोलेशन वार्ड में भी मरीज सुविधाओं से वंचित

इसके अलावा मेडिकल कॉलेज नाहन को केंद्र सरकार द्वारा पीएसए ऑक्सीजन प्लांट भी मिला है, जो अभी तक शुरू नहीं हुआ है. जिसके कारण लोगों को ऑक्सीजन के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. साथ ही मेडिकल कॉलेज में बनाए गए कोविड आइसोलेशन वार्ड में भी मरीजों को वह सुविधाएं नहीं दी जा रही है, जो कोरोना के मरीजों को मिलनी चाहिए.

कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाने के निर्देश

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नाहन दौरे के दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों ने कोविड आइसोलेशन वार्ड में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोली थी. जिसके चलते मुख्यमंत्री ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यहां 110 बिस्तरों का कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाने के निर्देश भी जारी किए थे.

उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप पर कार्य शुरू

याचिका दायर करने के बाद उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप पर कार्य शुरू हो गया है. वर्तमान में यहां करीब 60 कोविड डेडिकेटेड बेड तैयार हो चुके हैं. साथ ही करीब आधा दर्जन वेंटिलेटर भी इंस्टॉल कर दिए हैं. वहीं, शुक्रवार से पीएसए ऑक्सीजन प्लांट के शुरू होने का दावा भी ऊर्जा मंत्री द्वारा किया गया है.

ये भी पढ़ें- कोरोना संक्रमित मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त, परिवार की करेंगे हर संभव मदद

नाहन: डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज में चरमराती स्वास्थ्य सुविधओं के खिलाफ नाहन में एक समाजसेवी आशुतोष गुप्ता द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. जिसकी सुनवाई 17 मई को होगी. याचिका में कोरोना काल के दौरान लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने का हवाला दिया गया है.

लोगों को नहीं मिल रही उचित स्वास्थ्य सुविधाएं

नाहन में मीडिया से बात करते हुए याचिकाकर्ता एवं समाजसेवी आशुतोष गुप्ता ने बताया कि पिछले एक वर्ष से डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज नाहन में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमराई हुई है. लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने के चलते उन्होंने माननीय उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है, ताकि लोगों को सही मायने में स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके.

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17 मई को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश करेंगे सुनवाई

उन्होंने बताया कि मामले में उच्च न्यायलय ने हस्तक्षेप किया है, जिसकी सुनवाई 17 मई को मुख्य न्यायाधीश द्वारा की जाएगी. आशुतोष गुप्ता ने बताया कि गत वर्ष नाहन मेडिकल कॉलेज को करीब दो दर्जन वॉलिंटियर सरकार से मिले थे, जो 10 महीनों में भी इंस्टॉल नहीं किए गए.

कोविड आइसोलेशन वार्ड में भी मरीज सुविधाओं से वंचित

इसके अलावा मेडिकल कॉलेज नाहन को केंद्र सरकार द्वारा पीएसए ऑक्सीजन प्लांट भी मिला है, जो अभी तक शुरू नहीं हुआ है. जिसके कारण लोगों को ऑक्सीजन के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. साथ ही मेडिकल कॉलेज में बनाए गए कोविड आइसोलेशन वार्ड में भी मरीजों को वह सुविधाएं नहीं दी जा रही है, जो कोरोना के मरीजों को मिलनी चाहिए.

कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाने के निर्देश

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नाहन दौरे के दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों ने कोविड आइसोलेशन वार्ड में स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोली थी. जिसके चलते मुख्यमंत्री ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए यहां 110 बिस्तरों का कोविड डेडिकेटेड अस्पताल बनाने के निर्देश भी जारी किए थे.

उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप पर कार्य शुरू

याचिका दायर करने के बाद उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप पर कार्य शुरू हो गया है. वर्तमान में यहां करीब 60 कोविड डेडिकेटेड बेड तैयार हो चुके हैं. साथ ही करीब आधा दर्जन वेंटिलेटर भी इंस्टॉल कर दिए हैं. वहीं, शुक्रवार से पीएसए ऑक्सीजन प्लांट के शुरू होने का दावा भी ऊर्जा मंत्री द्वारा किया गया है.

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