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शिलाई: क्षेत्र का एक और सपूत पंचतत्व में विलीन, राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई

शिलाई के झकांडों निवासी फौजी बलबीर सिंह ठाकुर का राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव के साथ तमसा नदी के तट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया है. सैकड़ों ग्रामीणों, परिजनों, सेवानिवृत सैनिकों, शासन प्रशासन के अधिकारियों ने नम आंखों से विदाई दी. 15 जनवरी को शिलाई के झकांडो का 25 वर्षीय जवान बलवीर ठाकुर 15 जनवरी को फौज से छुट्टी लेकर पांवटा से मोटरसाइकिल पर घर जा रहा था कि एनएच 707 पर खनार के समीप उनकी मोटरसाइकिल हादसे की शिकार हो गई.

बलवीर ठाकुर न्यूज, Balbir Singh Thakur news
फोटो.
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Published : Feb 1, 2021, 8:21 PM IST

शिलाई: उपमंडल शिलाई के झकांडों निवासी फौजी बलबीर सिंह ठाकुर का राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव के साथ तमसा नदी के तट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया है. सैकड़ों ग्रामीणों, परिजनों, सेवानिवृत सैनिकों, शासन प्रशासन के अधिकारियों ने नम आंखों से विदाई दी.

गौरतलब हो कि 15 जनवरी को शिलाई के झकांडो का 25 वर्षीय जवान बलवीर ठाकुर 15 जनवरी को फौज से छुट्टी लेकर पांवटा से मोटरसाइकिल पर घर जा रहा था कि एनएच 707 पर खनार के समीप उनकी मोटरसाइकिल हादसे की शिकार हो गई.

वीडियो रिपोर्ट.

बताया जा रहा है कि पांवटा साहिब पहुंचने के बाद बलवीर ठाकुर ने अपना सामान बस में रखवाकर खुद निजी मोटरसाइकिल लेकर घर की तरफ रवाना हुए थे. इस दौरान बलवीर ठाकुर रास्ते में अपने सगे-संबंधियों और दोस्तों से मिलते हुए घर की ओर निकलता रहा.

बलवीर ठाकुर खनार के समीप गहरी खाई में दूसरे दिन गिरा मिला

क्षेत्र की सर्द हवाएं एवं हाड़ कंपाने वाली ठंड के बीच मोटरसाइकिल पर सवार फौजी बलवीर ठाकुर खनार के समीप गहरी खाई में दूसरे दिन गिरा मिला. जब वह घर नहीं पहुंचा तो पूरी रात उसे ढूंढने के प्रयास किए गए. जब वह कहीं न मिला तो आर्मी कार्यालय संपर्क किया गया, जहां से लोकेशन भेजी गई.

उसके बाद दूसरे दिन गहरी खाई में घायल अवस्था में पड़े बलवीर ठाकुर को पहले शिलाई अस्पताल लाया गया. इसके बाद घायलावस्था में नाहन, पीजीआई चंडीगढ़ और बाद में आर्मी अस्पताल चंडी मंदिर पहुंचाया गया. सिर पर गहरी चोटें होने के कारण 15 दिन बाद फौजी जवान जिंदगी की जंग हार गया है.

2018 में बलबीर ठाकुर की शादी फुलमा देवी से हुई थी

बलबीर ठाकुर 28 जनवरी 2016 को आरआर रेजिमेंट में भर्ती हुआ था. अक्टूबर 2018 में उनकी शादी फुलमा देवी से हुई थी. उनके पास तीन महीने की मासूम बेटी है. वर्तमान में जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में आर्मी बटालियन के साथ ड्यूटी पर तैनात था.

वहीं, सोमवार प्रातः बलवीर ठाकुर का शव सूबेदार कैलाश चंद और 5 जवानों द्वारा उनके पैतृक गांव झकांडों पहुंचाया. जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका तमसा नदी के किनारे गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. फौजी के पिता मोहन सिंह ठाकुर, माता सुखदेवी, पत्नी फुलमा देवी, भाई वीरेंद्र सिंह, बहादुर सिंह, सुरेश ठाकुर ने नम आंखों से अपने इस अनुज को मुखाग्नि दी.

ये भी पढ़ें- बजट 2021-22: देशा च करीब 100 नए सैनिक स्कूल बनाए जाणे

शिलाई: उपमंडल शिलाई के झकांडों निवासी फौजी बलबीर सिंह ठाकुर का राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव के साथ तमसा नदी के तट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया है. सैकड़ों ग्रामीणों, परिजनों, सेवानिवृत सैनिकों, शासन प्रशासन के अधिकारियों ने नम आंखों से विदाई दी.

गौरतलब हो कि 15 जनवरी को शिलाई के झकांडो का 25 वर्षीय जवान बलवीर ठाकुर 15 जनवरी को फौज से छुट्टी लेकर पांवटा से मोटरसाइकिल पर घर जा रहा था कि एनएच 707 पर खनार के समीप उनकी मोटरसाइकिल हादसे की शिकार हो गई.

वीडियो रिपोर्ट.

बताया जा रहा है कि पांवटा साहिब पहुंचने के बाद बलवीर ठाकुर ने अपना सामान बस में रखवाकर खुद निजी मोटरसाइकिल लेकर घर की तरफ रवाना हुए थे. इस दौरान बलवीर ठाकुर रास्ते में अपने सगे-संबंधियों और दोस्तों से मिलते हुए घर की ओर निकलता रहा.

बलवीर ठाकुर खनार के समीप गहरी खाई में दूसरे दिन गिरा मिला

क्षेत्र की सर्द हवाएं एवं हाड़ कंपाने वाली ठंड के बीच मोटरसाइकिल पर सवार फौजी बलवीर ठाकुर खनार के समीप गहरी खाई में दूसरे दिन गिरा मिला. जब वह घर नहीं पहुंचा तो पूरी रात उसे ढूंढने के प्रयास किए गए. जब वह कहीं न मिला तो आर्मी कार्यालय संपर्क किया गया, जहां से लोकेशन भेजी गई.

उसके बाद दूसरे दिन गहरी खाई में घायल अवस्था में पड़े बलवीर ठाकुर को पहले शिलाई अस्पताल लाया गया. इसके बाद घायलावस्था में नाहन, पीजीआई चंडीगढ़ और बाद में आर्मी अस्पताल चंडी मंदिर पहुंचाया गया. सिर पर गहरी चोटें होने के कारण 15 दिन बाद फौजी जवान जिंदगी की जंग हार गया है.

2018 में बलबीर ठाकुर की शादी फुलमा देवी से हुई थी

बलबीर ठाकुर 28 जनवरी 2016 को आरआर रेजिमेंट में भर्ती हुआ था. अक्टूबर 2018 में उनकी शादी फुलमा देवी से हुई थी. उनके पास तीन महीने की मासूम बेटी है. वर्तमान में जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में आर्मी बटालियन के साथ ड्यूटी पर तैनात था.

वहीं, सोमवार प्रातः बलवीर ठाकुर का शव सूबेदार कैलाश चंद और 5 जवानों द्वारा उनके पैतृक गांव झकांडों पहुंचाया. जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका तमसा नदी के किनारे गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया. फौजी के पिता मोहन सिंह ठाकुर, माता सुखदेवी, पत्नी फुलमा देवी, भाई वीरेंद्र सिंह, बहादुर सिंह, सुरेश ठाकुर ने नम आंखों से अपने इस अनुज को मुखाग्नि दी.

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