पांवटा साहिब: जिला सरमौर में कमरऊं पंचायत की डिस्पेंसरी खस्ताहाल में है. सैकड़ों लोग दूरदराज के गांवों से यहां इलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन डिस्पेंसरी में डॉक्टर हीं नहीं हैं.
कमरऊं पंचायत की डिस्पेंसरी का भवन हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के सभी दावों की पोल खोल रहा है. यह भवन खंडहर बन चुका है. यहां हाईटेक मशीनें हैं, ऑपरेशन थिएटर हैं, लेकिन डॉक्टर के नाम पर कोई नहीं है. ग्रामीणों ने प्रशासन से डिस्पेंसरी में डॉक्टर की कमी को पूरा करने के लिए गुहार लगाई है.
ग्रामीणों का कहना है कि समस्या का समाधान जल्द से जल्द होना चाहिए. प्रशासन को चेतावनी देते हुए ग्रामीणों ने कहा कि डिस्पेंसरी में डॉक्टर की तैनाती न होने पर ग्रामीण अनशन पर बैठेंगे. ग्रामीणों ने कहा कि सबसे ज्यादा माइनिंग का टैक्स प्रदेश सरकार को इसी क्षेत्र से मिलता है, बावजूद इसके सरकार यहां के लोगों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही हैं.
बता दें कि डिस्पेंसरी में डॉक्टर न होने पर लोगों को छोटी सी छोटी बीमारी का इलाज करवाने के लिए 30 से 40 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है. नेताओं और प्रशासन की अनदेखी से डिस्पेंसरी भवन की दशा भी दयनीय हो गई है. यह भवन कभी भी गिरकर बड़े हादसे का कारण बन सकता है.
कमरऊं पंचायत की इस डिस्पेंसरी में सैकड़ों गांव के लोग दूरदराज गांव पहाड़ियों से पैदल चलकर पहुंचते हैं, लेकिन यहां उनके जख्मों पर मलहम नहीं बल्कि कुरेदा जाता है.
ये भी पढ़ें: तीन साल बाद सिरमौर पुलिस के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, पीओ सेल ने मोहाली से पकड़ा फरार आरोपी