राजगढ़: 4 अक्टूबर को हाटी समिति राजगढ़ की बैठक उपाध्यक्ष सुन्दर सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में हुई. जिसमें गिरिपार क्षेत्र की पांच दशक पुरानी जनजातीय क्षेत्र घोषित किए जाने की मांग पर अभी तक ठोस कार्रवाई न होने पर चिंता जताई गई.
जिला सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र की तीन विधान सभा क्षेत्र शिलाई, रेणुका व पच्छाद की लगभग 130 पंचायतों के लोग इस पूरे क्षेत्र को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने की मांग कर रहे हैं. यह मांग आज की नहीं, बल्कि लगभग पांच दशकों पुरानी है.
सन् 1968 में इस क्षेत्र के साथ लगते उस समय के उत्तर प्रदेश व इस समय के उत्तराखंड के जौसार बाबर क्षेत्र को केंद्र सरकार ने जनजातीय घोषित कर दिया था. जौसार बाबर सिरमौर जिले के गिरीपार क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियां रिति रिवाज, खान पान, वेशभूषा यानि सब कुछ एक जैसा है. फर्क केवल इतना है कि जौसार बाबर उतराखंड का क्षेत्र है.
बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि सांसद सुरेश कश्यप व विधायक रीना कश्यप को मिलकर उनसे आग्रह किया जाएगा कि वह जल्द केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व जनजातीय मंत्री से समय लें ताकि उनके समक्ष यह मामला रखा जाए.
समिति उनके समक्ष यह बात भी रखेगी कि पूर्व गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने नाहन में और पूर्व जनजातीय मंत्री जुयाल ओराम ने हरिपुरधार में सार्वजनिक हाटी को जनजाति व गिरिपार को जनजातीय क्षेत्र घोषित करने की घोषणा की थी, लेकिन उसके बावजूद भी अभी तक मामला फाइलों में ही दबा हुआ है.
समिति ने केंद्रीय समिति द्वारा कोरोना काल में भी सूचना के अधिकार के तहत केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों व विभागों से सूचनाएं एकत्रित करने पर उनकी सराहना की. बैठक में केंद्रीय समिति के उपाध्यक्ष वेद प्रकाश ठाकुर, महासचिव विजय भारद्वाज, पृथ्वीराज, जगदीश वर्मा व रविदत्त भारद्वाज भी उपस्थित थे.