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लॉकडाउन में मुरझाया फूल का कारोबार, करोबारियों को उठाना पड़ रहा भारी नुकसान

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Published : Apr 17, 2020, 8:22 PM IST

पांवटा साहिब में लॉकडाउन की वजह से फूल का व्यापार करने वाले व्यापारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. इन दिनों कर्फ्यू और लॉकडाउन के चलते फूलों की डिमांड न के बराबर है.

Flower business declined due to lockdown in poanta
लॉकडाउन में मुरझाया फूल का कारोबार

पांवटा साहिब: कोरोना वायरस को लेकर देश भर में लगे लॉकडाउन ने हर वर्ग अपना गहरा प्रभाव डाला है. लॉकडाउन की वजह से प्रदेश में फूलों का कारोबार भी मुरझा गया है. शादी, पार्टियों, मंदिर और गुरुद्वारों में फूलों की डिमांड न के बराबर है. ऐसे में फूल व्यापारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

आपको बता दें कि सिरमौर के पहाड़ी क्षेत्र जोंग में सबसे ज्यादा गेंदा और गुलाब की खेती की जाती है. गुरुद्वारा और मंदिरों में चढ़ाने के लिए फूलों की डिमांड आसमान छुती थी, लेकिन इन दिनों यह डिमांड शून्य के बराबर है.

बाहरी राज्यों में भी हिमाचल के फूल की भारी डिमांड रहती थी. कोरोना ने इंसान तो इंसान प्रकृति की इस देन को भी ग्रीन हाउस में सड़ने को मजबूर कर दिया है. सबसे ज्यादा फूलों की डिमांड नवरात्र और पांवटा गुरुद्वारा को सजाने में होती थी.

वीडियो रिपोर्ट

ग्रीन हाउस के मालिक सुनील चौहान ने बताया कि महंगी दवाइयों का इन फूलों में स्प्रे करना पड़ता है. इसके अलावा कई लोग यहां पर कामकाज के लिए रखे गए थे. फूलों की डिमांड लॉकडाउन के चलते बिल्कुल ठप हो गई है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि जल्द से जल्द उनकी इस समस्या का समाधान निकाला जाए.

वहीं कृषि वैज्ञानिक सुखदेव सिंह पटियाल ने बताया कि लॉकडाउन तक किसानों को फूलों की सिंचाई को कम कर देना चाहिए. फसल को बचाने के लिए कुछ समय तक फूलों की कटाई का काम ना करें.

पांवटा साहिब: कोरोना वायरस को लेकर देश भर में लगे लॉकडाउन ने हर वर्ग अपना गहरा प्रभाव डाला है. लॉकडाउन की वजह से प्रदेश में फूलों का कारोबार भी मुरझा गया है. शादी, पार्टियों, मंदिर और गुरुद्वारों में फूलों की डिमांड न के बराबर है. ऐसे में फूल व्यापारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

आपको बता दें कि सिरमौर के पहाड़ी क्षेत्र जोंग में सबसे ज्यादा गेंदा और गुलाब की खेती की जाती है. गुरुद्वारा और मंदिरों में चढ़ाने के लिए फूलों की डिमांड आसमान छुती थी, लेकिन इन दिनों यह डिमांड शून्य के बराबर है.

बाहरी राज्यों में भी हिमाचल के फूल की भारी डिमांड रहती थी. कोरोना ने इंसान तो इंसान प्रकृति की इस देन को भी ग्रीन हाउस में सड़ने को मजबूर कर दिया है. सबसे ज्यादा फूलों की डिमांड नवरात्र और पांवटा गुरुद्वारा को सजाने में होती थी.

वीडियो रिपोर्ट

ग्रीन हाउस के मालिक सुनील चौहान ने बताया कि महंगी दवाइयों का इन फूलों में स्प्रे करना पड़ता है. इसके अलावा कई लोग यहां पर कामकाज के लिए रखे गए थे. फूलों की डिमांड लॉकडाउन के चलते बिल्कुल ठप हो गई है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि जल्द से जल्द उनकी इस समस्या का समाधान निकाला जाए.

वहीं कृषि वैज्ञानिक सुखदेव सिंह पटियाल ने बताया कि लॉकडाउन तक किसानों को फूलों की सिंचाई को कम कर देना चाहिए. फसल को बचाने के लिए कुछ समय तक फूलों की कटाई का काम ना करें.

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