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फर्जी क्लीनिक संचालक को कोर्ट ने सुनाई 5 साल की सजा, 1 लाख 20 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोका - ड्रग इंस्पेक्टर

सिरमौर के कफोटा बाजार में चल रहा था फर्जी क्लीनिक. जांच के बाद अदालत ने आरोपी को सुनाई 5 साल की सजा और 1लाख 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा.

fake clinic owner jailed
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Published : Sep 3, 2019, 11:34 PM IST

नाहनः अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने एक फर्जी क्लीनिक संचालक को दोषी करार दिया है. फर्जी क्लीनिक के इस मामले में आरोपी को 5 साल की कठोर कैद और एक लाख 20 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है.

उप जिला न्यायवादी एकलव्य ने बताया कि आरोपी बले कुमार विश्वास पुत्र गजेंद्रनाथ विश्वास को दोषी करार देते हुए ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में धारा 27बी 2 के तहत सजा सुनाई गई है. जुर्माना अदा न करने की पर दोषी को दोनों धाराओं में 1 साल और 3 माह अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना पड़ सकता है.

बता दें कि दोषी बले कुमार विश्वास सिरमौर के कफोटा बाजार में मैसर्ज विश्वास के नाम से एक क्लीनिक चला रहा था. 3 अक्टूबर 2009 को तत्कालीन ड्रग इंस्पेक्टर सन्नी कौशल ने क्लीनिक पर छापेमारी कर रिकॉर्ड खंगाला तो संचालक के पास एलोपैथिक दवाई रखने और दुकान की रजिस्ट्रेशन संबंधी कोई दस्तावेज नहीं था.

जांच के दौरान आरोपी बले कुमार के पास कोई लाइसेंस नहीं मिला. इसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने दवाईओं को जब्त कर क्लीनिक सील कर दिया और ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था.

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नाहनः अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने एक फर्जी क्लीनिक संचालक को दोषी करार दिया है. फर्जी क्लीनिक के इस मामले में आरोपी को 5 साल की कठोर कैद और एक लाख 20 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है.

उप जिला न्यायवादी एकलव्य ने बताया कि आरोपी बले कुमार विश्वास पुत्र गजेंद्रनाथ विश्वास को दोषी करार देते हुए ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट में धारा 27बी 2 के तहत सजा सुनाई गई है. जुर्माना अदा न करने की पर दोषी को दोनों धाराओं में 1 साल और 3 माह अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना पड़ सकता है.

बता दें कि दोषी बले कुमार विश्वास सिरमौर के कफोटा बाजार में मैसर्ज विश्वास के नाम से एक क्लीनिक चला रहा था. 3 अक्टूबर 2009 को तत्कालीन ड्रग इंस्पेक्टर सन्नी कौशल ने क्लीनिक पर छापेमारी कर रिकॉर्ड खंगाला तो संचालक के पास एलोपैथिक दवाई रखने और दुकान की रजिस्ट्रेशन संबंधी कोई दस्तावेज नहीं था.

जांच के दौरान आरोपी बले कुमार के पास कोई लाइसेंस नहीं मिला. इसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने दवाईओं को जब्त कर क्लीनिक सील कर दिया और ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था.

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Intro:-एडीजे सिरमौर की अदालत ने सुनाई सजा
नाहन। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरमौर जसवंत सिंह की अदालत ने एक फर्जी क्लीनिक संचालक को दोषी करार देते हुए पांच साल की कठोर कैद और एक लाख 20 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई है। Body:मामले की पैरवी करते हुए उप जिला न्यायवादी एकलव्य ने जानकारी देते हुए बताया कि अदालत ने आरोपी बले कुमार विश्वास पुत्र गजेंद्रनाथ विश्वास को दोषी करार देते गुए ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट में धारा 27बी (2) में पांच साल की कठोर कैद व एक लाख रुपये जुर्माना, जबकि धारा 28 के तहत एक साल का कारावास व 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को
दोनों धाराओं में क्रमशः एक साल और 3 माह के अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना पड़ेगा।
उप जिला न्यायवादी ने बताया कि दोषी बले कुमार विश्वास सिरमौर के कफोटा बाजार में मैसर्ज विश्वास के नाम से एक क्लीनिक चला रखा था। 3 अक्टूबर 2009 को तत्कालीन ड्रग इंस्पेक्टर सन्नी कौशल ने क्लीनिक पर छापेमारी कर रिकार्ड खंगाला तो संचालक के पास एलोपैथिक दवाई रखने और दुकान की रजिस्ट्रेशन संबंधी कोई दस्तावेज नहीं पाए गए। आरोपी बले कुमार के पास कोई लाइसेंस नहीं मिला। इसके बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने दवाओं को जब्त कर क्लीनिक सील कर मामला ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट में दर्ज किया। मामले की तफ्तीश पूरी होने पर अदालत में चालान पेश किया गया। मंगलवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने दोषी को ये सजा सुनाई।Conclusion:
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